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सरकारी डॉक्टर्स की हड़ताल से मरीज परेशान, चल रहा कमीशनखोरी का खेल

सरकारी डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण मरीज परेशान हैं. इस हड़ताल का निजी अस्पताल के संचालक जमकर फायदा उठा रहे हैं.

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Published : Jan 17, 2020, 9:30 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 9:08 AM IST

Patient upset due to strike by government doctors in korba
डॉक्टर्स की हड़ताल से मरीज परेशान

कोरबा: सरकारी डॉक्टर्स की हड़ताल से निजी अस्पतालों की चांदी हो गई है. ओपीडी में बैठने की नई सेवा शर्त का सरकारी डाक्टर्स विरोध कर रहे हैं. इसके लिए काम बंद करके सभी डॉक्टर सरकार के विरोध में हड़ताल पर हैं. इसका निजी अस्पताल जमकर फायदा उठा रहे हैंं. इतना ही नहीं निजी अस्पताल के संचालकों ने सरकारी अस्पतालों में अपने एजेंट बैठा रखे हैं, जिससे मरीज कमीशनखोरी का शिकार हो रहे हैं.

सरकारी डॉक्टर्स की हड़ताल से मरीज परेशान

बता दें कि जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिलने के बाद जब मरीज वापस लौटते हैं, तो उसी समय उन्हें बहला-फुसलाकर निजी अस्पतालों में ले जाते हैं. मौके का फायदा उठाते हुए निजी अस्पताल के संचालक मनमनानी बिल बनाकर मरीजों से रकम वसूलते हैं. इतना ही नहीं निजी अस्पलात के लोगों ने बकायदा सरकार अस्पलात के आस-पास अपने एजेंट और एंबुलेंस भी तैनात कर रखें हैंं.

कालाबाजारी की भरपूर इंतजाम

इतना ही नहीं किसी को इस कालाबाजारी का पता न चले इसका भी इंतजाम उन्होंने कर रखा है. मरीजों को सामने की गेट से न ले जाकर एंबुलेंस को अस्पताल के पीछे खड़ा किया जा रहा है. जहां जरूरतमंद मरीजों को सीधे निजी अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है.

4 दिनों से यही हालात
सरकारी अस्पताल में हड़ताल के 4 दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन मरीज परेशान हैं. इलाज की उम्मीद लेकर जिला अस्पताल पहुंचने पर उन्हें पता चल रहा है कि चिकित्सक हड़ताल पर हैं. मरीज इलाज के अभाव में वापस लौट रहे थे. इस दौरान उनसे बात करने पर पता चला कि वह व्यवस्था से नाराज होकर निजी अस्पताल के एंबुलेंस से जा रहे थे.

कोरबा: सरकारी डॉक्टर्स की हड़ताल से निजी अस्पतालों की चांदी हो गई है. ओपीडी में बैठने की नई सेवा शर्त का सरकारी डाक्टर्स विरोध कर रहे हैं. इसके लिए काम बंद करके सभी डॉक्टर सरकार के विरोध में हड़ताल पर हैं. इसका निजी अस्पताल जमकर फायदा उठा रहे हैंं. इतना ही नहीं निजी अस्पताल के संचालकों ने सरकारी अस्पतालों में अपने एजेंट बैठा रखे हैं, जिससे मरीज कमीशनखोरी का शिकार हो रहे हैं.

सरकारी डॉक्टर्स की हड़ताल से मरीज परेशान

बता दें कि जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिलने के बाद जब मरीज वापस लौटते हैं, तो उसी समय उन्हें बहला-फुसलाकर निजी अस्पतालों में ले जाते हैं. मौके का फायदा उठाते हुए निजी अस्पताल के संचालक मनमनानी बिल बनाकर मरीजों से रकम वसूलते हैं. इतना ही नहीं निजी अस्पलात के लोगों ने बकायदा सरकार अस्पलात के आस-पास अपने एजेंट और एंबुलेंस भी तैनात कर रखें हैंं.

कालाबाजारी की भरपूर इंतजाम

इतना ही नहीं किसी को इस कालाबाजारी का पता न चले इसका भी इंतजाम उन्होंने कर रखा है. मरीजों को सामने की गेट से न ले जाकर एंबुलेंस को अस्पताल के पीछे खड़ा किया जा रहा है. जहां जरूरतमंद मरीजों को सीधे निजी अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है.

4 दिनों से यही हालात
सरकारी अस्पताल में हड़ताल के 4 दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन मरीज परेशान हैं. इलाज की उम्मीद लेकर जिला अस्पताल पहुंचने पर उन्हें पता चल रहा है कि चिकित्सक हड़ताल पर हैं. मरीज इलाज के अभाव में वापस लौट रहे थे. इस दौरान उनसे बात करने पर पता चला कि वह व्यवस्था से नाराज होकर निजी अस्पताल के एंबुलेंस से जा रहे थे.

Intro:कोरबा। सरकारी चिकित्सकों की हड़ताल से निजी अस्पतालों की चांदी हो गई है। शाम ओपीडी में बैठने की नई सेवा शर्त का सरकारी चिकित्सक विरोध कर रहे हैं। काम बंद करके सभी सरकारी चिकित्सक सरकार के विरोध में हड़ताल पर हैं। निजी अस्पताल इसका जमकर फायदा उठा रहे हैं।उन्होंने सरकारी अस्पताल में अपने एजेंट फिट कर दिया है जिनके
ओपीडी के बाद आपातकाल सेवा भी बंद कर दी गई हैं। जिससे मरीज परेशान हो रहे हैं। Body:निजी एंबुलेंस से ढोए जा रहे मरीज
जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिलने के बाद मरीज जब वापस लौट रहे हैं। तब उन्हें बहला-फुसलाकर निजी अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। इसके लिए बकायदा निजी अस्पतालों ने अपने एजेंट और एंबुलेंस अस्पताल में तैनात कर रखे हैं। किसी को इस बात का पता ना चले इसका भी इंतजाम उन्होंने किया है। मरीजों को सामने की गेट से ना ले जाकर एंबुलेंस को अस्पताल के पीछे खड़ा किया जा रहा है। जहां जरूरतमंद मरीजों को सीधे निजी अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है।



Conclusion:4 दिनों से यही हालात
सरकारी अस्पताल में हड़ताल के 4 दिन पूरे हो गए हैं। मरीज परेशान हैं। इलाज की उम्मीद लेकर जिला अस्पताल पहुंचने पर उन्हें पता चल रहा है कि चिकित्सक हड़ताल पर है। मरीज इलाज अभाव में वापस लौट रहे थे।
इसी वक्त उनसे बात करने पर पता चला कि वह व्यस्था से नाराज होकर निजी अस्पताल के एम्बुलेन्स की ओर जा रहे हैं।

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Last Updated : Jan 18, 2020, 9:08 AM IST
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