कोरबा: सोमवार को सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ का बजट पेश किया. बजट पेश होने के बाद प्रदेश की ऊर्जाधानी कोरबा में इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है. सतरेंगा को विश्वस्तरीय वाटर स्पोर्ट्स वाली सुविधाओं के तौर पर विकसित किए जाने की घोषणा की तारीफ तो हो रही है. तो वहीं दूसरी तरफ सड़कों की जर्जर स्थिति के लिए बजट में कोई भी प्रबंध नहीं किए जाने से लोगों नाराज भी हैं.
ये सौगातें मिली
पर्यटन की नई संभावनाओं के तौर पर हसदेव बांगो जलाशय, 'सतरेंगा' की ख्याति पूरे छत्तीसगढ़ में फैल चुकी है. सीएम भूपेश बघेल ने बजट में घोषणा की है कि अब यहां विश्व स्तरीय साहसिक जल क्रीड़ा गतिविधियों का संचालन प्रारंभ किया जाएगा. इतना ही नहीं भविष्य में सतरेंगा को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की भी योजना है. यदि यह घोषणा फलीभूत हुई तो सतरेंगा में विश्व स्तरीय वॉटर स्पोर्ट्स का संचालन शुरू हो जाएगा.
बजट में सीएम ने कोरबा जिले के पश्चिम क्षेत्र की पीड़ा को कुछ हद तक दूर किया है. पश्चिम क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की मांग उठ रही है, इसके लिए आंदोलन शुरू हो चुके हैं. इस बीच सोमवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने मेडिकल तो नहीं लेकिन जिले के पश्चिम क्षेत्र में स्थित बांकीमोंगरा में नवीन कॉलेज खोलने की घोषणा की है. जिससे खासतौर पर पश्चिम क्षेत्र के कॉलेज जाने वाले छात्रों को राहत मिलेगी.
प्रशासन को अधिक जवाबदेह बनाने की मंशा से राज्य में 11 नए तहसीलों की घोषणा हुई है. जिले के अजगरबहार और बरपाली को नया तहसील बनाया गया है. इससे ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले हितग्राहियों को राहत मिलेगी. अब उन्हें छोटे-छोटे कार्यो के लिए मुख्यालय तक की दौड़ नहीं लगानी होगी.
केंद्र और राज्य के संयुक्त सहयोग से छत्तीसगढ़ में तीन मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है. कांकेर, कोरबा और महासमुंद में मेडिकल कॉलेज खुलेंगे इन तीनों के लिए ही संयुक्त रूप से 300 करोड़ रुपए का प्रावधान 2021-22 के बजट में सीएम ने रखा है.
बजट में पुरातत्व महत्व वाली वस्तुओं को सहेजने के लिए पृथक पुरातत्व संचालनालय के स्थापना की घोषणा की गई है. इससे कोरबा जिले के घंटाघर में सालों से उपेक्षित पुरातत्व संग्रहालय के दिन भी बदल सकते हैं.
'HEIGHT' वाला बजट ! क्या बघेल के बजट में दिखा समग्र विकास का रोडमैप ?
प्रदूषण प्रमुख मुद्दा
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए लोगों ने बताया कि जिले में प्रदूषण बड़ा मुद्दा है. कोरोना काल में भी लोग जिले में प्रदूषण के बढ़ते के बढ़ते स्तर से खासे परेशान रहे हैं. इसे कम करने के लिए बजट में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है. जो कि होना चाहिए था.
अंडर ब्रिज, ओवर ब्रिज की घोषणाएं नहीं
लोगों ने यह भी बताया कि कोरबा जिला फाटकों का शहर है. यहां अंडर ब्रिज और ओवर ब्रिज की घोषणा नहीं की गई है. पिछले लगभग एक दशक से कोरबा में ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज को लेकर चर्चाएं होती हैं. प्लान बनते हैं, लेकिन बजट में प्रावधान नहीं किए जाने के कारण, यह योजना धरातल पर नहीं उतर पाई हैं.