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नगर सरकार : कोरबा नगर निगम के मुद्दे, ऊर्जाधानी की समस्याएं

कोरबा नगर निगम में पहली बार सत्ता में आई कांग्रेस के कामकाज के रिपोर्ट कार्ड पर जनता ने मुहर लगाई है. महापौर के कार्यकाल से कुछ लोग खुश हैं तो कुछ ने कमियां भी गिनाई है, वहीं विपक्ष ने भी कई सवाल दागे है.

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Published : Dec 13, 2019, 10:38 PM IST

opinion of people of Korba in etv bharat nagar sarkar
नगर सरकार

कोरबा : प्रदेश की ऊर्जाधानी कही जानी वाली कोरबा नगरी में लोगों को बिजली की समस्या से जूझना पड़ रहा है. पिछली चुनाव में कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर थी.जबकि इस बार लड़ाई चौतरफा होगी कांग्रेस और भाजपा के अलावा आम आदमी पार्टी, जनता कांग्रेस भी मैदान में है. नगर निगम चुनाव से पहले ETV भारत ने लोगों से जाना शहर में विकास का हाल.

ऊर्जाधानी की समस्याएं

एक नजर कोरबा नगर निगम पर
कुल वार्ड - 67
कुल मतदाता - 2 लाख 75 हजार
महिला मतदाता - 1 लाख 34 हजार 589
पुरूष मतदाता - 1 लाख 40 हजार 392

स्थानीय मुद्दे
सीवरेज लाइन की समस्या
सड़कों की बदहाल स्थिति
मुड़ापार सहित कई तालाबों का उन्नयन अधूरा
सीएसईबी चौक से ध्यानचंद चौक तक सड़क अधूरी
स्ट्रीट लाइट की समस्या
बालको क्षेत्र में समुदायिक भवन की कमी
पट्टा वितरण के लिए सर्वे अधूरा
बिजली की समस्या

5 साल में हुए काम
पश्चिम के 25 वार्डों में 24घंटे पानी की व्यवस्था
जमनीपाली से बाकीमोंगरा तक सड़क निर्माण
शहर के नए ट्रांसपोर्ट नगर का बरबसपुर में शिलान्यास
संपत्ति कर को हाफ किया गया
वार्डों में जिम और उद्यानों का सौंदर्यीकरण

2014 नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे
बीजेपी - 22 पार्षद
कांग्रेस - 38 पार्षद
निर्दलीय - 7 पार्षद

कोरबा नगर निगम का इतिहास
2000 में गठित नगर निगम कोरबा का ये पांचवा चुनाव है
2000 में भाजपा की श्याम कंवर पहली महापौर बनीं
2004 में भाजपा के लखन लाल देवांगन महापौर बने
2009 में सामान्य सीट से भाजपा के जोगेश लांबा मेयर बने
2014 में रेनू अग्रवाल महापौर निर्वाचित हुईं
2019 में महापौर पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित

कोरबा नगर निगम के मुख्य जोन
दर्री
बाकीमोंगरा
कोसाबाड़ी
बालको

इन वार्डो में महिला मतदाता अधिक
वार्ड क्रमांक-1 रामसागर पारा
वार्ड क्रमांक- 7 मोतीसागर पारा
वार्ड क्रमांक- 9 भिलाई खुर्द
वार्ड क्रमांक- 17 पथरीपारा
वार्ड क्रमांक- 20 काशीनगर

कोरबा : प्रदेश की ऊर्जाधानी कही जानी वाली कोरबा नगरी में लोगों को बिजली की समस्या से जूझना पड़ रहा है. पिछली चुनाव में कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर थी.जबकि इस बार लड़ाई चौतरफा होगी कांग्रेस और भाजपा के अलावा आम आदमी पार्टी, जनता कांग्रेस भी मैदान में है. नगर निगम चुनाव से पहले ETV भारत ने लोगों से जाना शहर में विकास का हाल.

ऊर्जाधानी की समस्याएं

एक नजर कोरबा नगर निगम पर
कुल वार्ड - 67
कुल मतदाता - 2 लाख 75 हजार
महिला मतदाता - 1 लाख 34 हजार 589
पुरूष मतदाता - 1 लाख 40 हजार 392

स्थानीय मुद्दे
सीवरेज लाइन की समस्या
सड़कों की बदहाल स्थिति
मुड़ापार सहित कई तालाबों का उन्नयन अधूरा
सीएसईबी चौक से ध्यानचंद चौक तक सड़क अधूरी
स्ट्रीट लाइट की समस्या
बालको क्षेत्र में समुदायिक भवन की कमी
पट्टा वितरण के लिए सर्वे अधूरा
बिजली की समस्या

5 साल में हुए काम
पश्चिम के 25 वार्डों में 24घंटे पानी की व्यवस्था
जमनीपाली से बाकीमोंगरा तक सड़क निर्माण
शहर के नए ट्रांसपोर्ट नगर का बरबसपुर में शिलान्यास
संपत्ति कर को हाफ किया गया
वार्डों में जिम और उद्यानों का सौंदर्यीकरण

2014 नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे
बीजेपी - 22 पार्षद
कांग्रेस - 38 पार्षद
निर्दलीय - 7 पार्षद

कोरबा नगर निगम का इतिहास
2000 में गठित नगर निगम कोरबा का ये पांचवा चुनाव है
2000 में भाजपा की श्याम कंवर पहली महापौर बनीं
2004 में भाजपा के लखन लाल देवांगन महापौर बने
2009 में सामान्य सीट से भाजपा के जोगेश लांबा मेयर बने
2014 में रेनू अग्रवाल महापौर निर्वाचित हुईं
2019 में महापौर पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित

कोरबा नगर निगम के मुख्य जोन
दर्री
बाकीमोंगरा
कोसाबाड़ी
बालको

इन वार्डो में महिला मतदाता अधिक
वार्ड क्रमांक-1 रामसागर पारा
वार्ड क्रमांक- 7 मोतीसागर पारा
वार्ड क्रमांक- 9 भिलाई खुर्द
वार्ड क्रमांक- 17 पथरीपारा
वार्ड क्रमांक- 20 काशीनगर

Intro:कोरबा। नगर सरकार का दंगल सज चुका है इंतजार है तो सिर्फ तारीख के घोषित होने का।
पिछली लड़ाई में कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर थी। जबकि इस बार लड़ाई चौतरफा होगी कांग्रेस और भाजपा के अलावा आम आदमी पार्टी जनता कांग्रेस भी मैदान में होगी। मुकाबला दिलचस्प होने के पूरे आसार हैं।
अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली से पहली बार महापौर चुने जाएंगे। पार्षदों में से ही महापौर का चयन किया जाएगा। कोरबा के महापौर का पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित हो चुका है। इसके बाद अब वह दिग्गज भी वार्डों की खाक छान रहे हैं जोकि अब तक वार्ड के गली मोहल्ले से अनजान थे।


Body:बात करें कोरबा नगर निगम की तो यह 215 वर्ग किलोमीटर में फैला, 67 वार्ड वाला प्रदेश का सबसे बड़ा नगर पालिक निगम है।
शायद यही कारण है कि वार्ड के अंतिम छोर तक पहुंचते-पहुंचते विकास की रफ्तार कुछ धीमी पड़ जाती है। निगम क्षेत्र के कई वार्ड ऐसे हैं जो कि अब भी ग्राम पंचायतों की तरह लगते हैं।

वर्ष 2000 में गठित नगर पालिक निगम कोरबा का यह पांचवा चुनाव होगा। अब तक हुए 4 चुनाव में तीन बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस को जीत मिली है।

2000 में हुए पहले महापौर के चुनाव में भाजपा की श्याम कंवर आदिवासी महिला वर्ग से शहर की पहली महापौर बनी थी।
दूसरा चुनाव 2004 में हुआ जिसमें पिछड़ा वर्ग से भाजपा के लखन लाल देवांगन महापौर बने। जोकि आगे चलकर कटघोरा विधायक और संसदीय सचिव भी रहे।
जबकि तीसरी बार 2009 में हुए चुनाव में सामान्य सीट से भाजपा के जोगेश लांबा मेयर बने।
चौथे चुनाव में पहली बार 2014 में कांग्रेस को जीत मिली और तत्कालीन शहर विधायक जयसिंह अग्रवाल की धर्मपत्नी रेनू अग्रवाल महापौर निर्वाचित हुई। मेयर पति अब विधायक नहीं, बल्कि प्रदेश के राजस्व मंत्री हैं। नगर पालिक निगाम कोरबा के पांचवे चुनाव में मेयर पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित हो चुका है।

शहर की सत्ता जब कांग्रेस के हाथ में पहली दफा आई। तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जानबूझकर वह कार्यों में अड़ंगा लगा रही है। अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है। ताकि व्यवस्था पंगु बनी रहे और शहर के सभी काम लटके रहें, लेकिन शहर सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के लगभग डेढ़ से 2 वर्ष पहले प्रदेश में सरकार बदल गई। कांग्रेस की सरकार आते ही नगर पालिक निगम कोरबा में कई अधिकारियों की वापसी हुई। इतना ही नहीं पूर्व में नगर निगम के आयुक्त पद से रिटायर हुए राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के करीबी अशोक शर्मा को नगर निगम का अपर आयुक्त बनाया गया। इस नियुक्ति के कुछ दिन बाद ही प्रदेश सरकार ने नगर पालिक निगम कोरबा में युवा आईएएस राहुल देव को आयुक्त बनाकर भेज दिया।

नगर पालिक निगम कोरबा को चार जोन में विभाजित किया गया है। दर्री, बाकीमोंगरा, कोसाबाड़ी और बालको यह सभी नगर निगम के चारों जोन हैं।
सभी में 10 से 15 वार्ड आते हैं। कुल वार्डों की संख्या 67 है। इनमें से बाकीमोंगरा एक ऐसा जोन है, जिसके अधिकतर वार्ड ग्राम पंचायतों की तरह प्रतीत होते हैं। जबकि शहर के करीब स्थित दादर भी ग्राम पंचायत से लगी हुई है। नगर निगम कोरबा के सभापति धुरपाल सिंह का वार्ड भी काफी बड़ा है। जिसके कई क्षेत्र पंचायतों की तरह प्रतीत होते हैं।

वर्तमान चुनाव के लिए मतदाताओं की संख्या का निर्धारण हो चुका है। सूची जारी कर दी गई है 67 वार्डों को मिलाकर कुल 2 लाख 75 हजार 10 मतदाता पार्षद और मेयर पद के भाग्य का फैसला करेंगे।
जिसमें से 1 लाख 40 हजार 392 पुरुष तो 1 लाख 34 हजार 589 महिला मतदाता हैं।
निगम क्षेत्र के 13 वार्ड ऐसे हैं जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष की तुलना में ज्यादा है। इनमें वार्ड क्रमांक 1 रामसागर पारा, वार्ड क्रमांक 7 मोतीसागर पारा, वार्ड क्रमांक 9 भिलाई खुर्द, वार्ड क्रमांक 17 पथरीपारा, वार्ड क्रमांक 20 काशीनगर आदि प्रमुख हैं।


Conclusion:पश्चिम क्षेत्र पर आप ऑफिस
यह कहना गलत नहीं होगा कि पिछले 5 साल के कार्यकाल में कांग्रेस के नगर सरकार का फोकस निगम के पश्चिम क्षेत्र पर अधिक रहा है। जहां पहुंचने के लिए हसदेव नदी को पार करना पड़ता है। नगर निगम के सभापति भी इसी क्षेत्र से आते हैं। पश्चिम क्षेत्र में दर्री जोन 14 से 15 कुसमुंडा क्षेत्र के 10-12 वार्ड भी इसी क्षेत्र में आते हैं। इन क्षेत्रों को एक तरह से कांग्रेस का गढ़ भी कहा जा सकता है। जहां अधिकतर पार्षद कांग्रेस के हैं।

ऐसा है पार्षदों का गणित
नगर पालिक निगम कोरबा के वर्तमान सभा में कांग्रेस के 38, भाजपा के 22 और निर्दलीय 7 पार्षद हैं जबकि एक पार्षद की कुर्सी अबे खाली है।

700 करोड़ का था पिछला बजट
नगर पालिक निगम में पिछला बजट 700 करोड रुपए का था। जोकि इसके पिछले बजट से लगभग 50 से 60 करोड़ रुपये अधिक था। निगम के बजट में हर साल लगभग 50 से 100 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हो रही है।

यह बड़ी कामयाबी और नाकामी
निगम के पश्चिम के 25 वार्डों के लिए 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने की 230 करोड़ की योजना लगभग पूर्ण हो चुकी है। जोकि निगम के ईस कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि रही। जमनीपाली से बाकीमोंगरा तक सड़क निर्माण, शहर के नए ट्रांसपोर्ट नगर का बरबसपुर में शिलान्यास, संपत्ति कर को हाफ करने के साथ ही वार्डों में जिम व उद्यानों का सौंदर्यीकरण को इस कार्यकाल की उपलब्धि कहा जा सकता है

तो दूसरी तरफ शहर के कई वार्डों में सीवरेज लाइन की गंभीर समस्या अब भी बनी हुई है।
सड़कों की बदहाल स्थिति, राताखार से गेरवाघाट पुल तक अप्रोच रोड, मुड़ापार तालाब सहित वार्ड के कई तालाबों का उन्नयन अभी अधूरा है। सीएसईबी चौक से ध्यानचंद चौक तक बनने वाले 36 करोड़ की लागत से फोरलेन सड़क अब बीबी अधूरी है।

नोट
खबर के साथ तीन पहले अटैच है
पहले में ओपनिंग और क्लोजिंग बीटीसी के साथ शहर के अलग-अलग लोकेशंस के शॉट से लोकेशन कहां के हैं इस विषय में कंफ्यूजन हो तो कृपया फोन करें

दूसरी फाइल मेयर विपक्ष के नाम से है जिसमें मेयर की बाइट है जो की साड़ी पहने हुए हैं चेक शर्ट में निगम के नेता प्रतिपक्ष योगेश जैन है अन्य व्यक्ति जो क्रीम कलर के शर्ट पहने हुए हैं जिनके बाल कम है वह निर्दलीय विधायक शिव अग्रवाल है

केसरी फाइल में आम लोगों के बाइट हैं जिनके नाम क्रमवार इस प्रकार है
कान्हा राजपूत कॉलेज स्टूडेंट
आभा द्विवेदी कॉलेज स्टूडेंट
कृष्णा राठौर वार्ड वासी
भगवती यादव वार्ड वासी
हर बाई यादव वार्ड वासी तीनों महिलाएं
लक्ष्मण श्रीवास सफेद शर्ट में पूर्व पार्षद है
एचआर नेताम कर्मचारी संघ के नेता
गिरधारी साहू, अध्यक्ष साहू समाज
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