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वन विभाग की निगरानी से अब भी दूर है 'गणेश', ऑपरेशन पर लगी रोक - ट्रैंक्यूलाइज करने पर रोक

कोरबा जिले में उत्पात मचाने वाला गणेश हाथी अब भी वन विभाग की पकड़ से बाहर है. वन विभाग गणेश की लोकेशन ट्रेस करने में लगा था लेकिन फिलहाल ऑपरेशन पर कुछ दिनों के लिए रोक लगा दी गई है.

korba forest department
कोरबा वन विभाग
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Published : May 27, 2020, 12:25 PM IST

Updated : May 27, 2020, 2:03 PM IST

कोरबा: रायगढ़ और कोरबा जिले के वन मंडल के अलग-अलग क्षेत्रों में 18 लोगों को मौत की नींद सुलाने वाला आक्रमक हाथी 'गणेश' अब भी वन विभाग की पकड़ से बाहर है. गणेश को ट्रैंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी लगाने गई टीम ने एक दूसरे हाथी को रेडियो कॉलर आईडी लगा दी. इधर अब भी गणेश जंगलों में आजाद घूम रहा है. गणेश के लिए चलाया गया ऑपरेशन अब भी सवालों के घेरे में है.

पकड़ से बाहर 'गणेश'

गणेश को ट्रैंक्यूलाइज करने के लिए चलाए जाने वाले ऑपरेशन को कुछ दिनों के लिए रोक दिया गया है. वहीं कुमकी हाथी दुर्योधन को रेस्क्यू सेंटर वापस भेज दिया गया है और दुर्योधन को तमोर पिंगला अभ्यारम में रखा जाएगा. तीनों हाथियों को अलग जगहों पर रखा गया है. हालांकि इन तीनों हाथियों में से गणेश अभी वन विभाग की निगरानी से दूर है. गणेश को ट्रैंक्यूलाइज करने के लिए फिर से नई रणनीति तैयार की जा रही है. जिसमें महीने भर का समय लग सकता है. यही वजह है जिसके कारण तीरथ राम हाथी को फिलहाल कोरबा जिले के कुदमुरा रेंज स्थित गज दर्शन केंद्र में रखा गया है.

पढ़ें: बड़ी लापरवाही: 6 दिनों तक मरच्युरी में पड़ा रहा शव, भटकता रहा परिवार

सवालों के घेरे में कॉलर आईडी

छत्तीसगढ़ के विशेषज्ञों ने पहली बार किसी जंगली हाथी के गले में रेडियो कॉलर आईडी लगाई है. अब इसमें कई तरह की खामियों की जानकारी मिल रही है. प्रथम को रेडियो कॉलर आईडी लगाने की अनुमति नहीं लेने से लेकर, कॉलर आईडी को एक्टिवेट नहीं करने जैसी जानकारियां सामने आई हैं.

12 हाथियों को कॉलर आईडी लगाने की योजना

छत्तीसगढ़ के पशु चिकित्सकों ने आने वाले दिनों में एक-एक कर प्रदेश के लगभग 12 हाथियों को ट्रेंक्युलाइज करके रेडियो कॉलर आईडी के दायरे में लाने की योजना है. इसके पहले भी प्रथम हाथी के गले में कॉलर आईडी लगाई गई थी लेकिन वह टूट गई थी. जिसके बाद प्रथम भी वन विभाग की पहुंच से दूर हो गया. अब छत्तीसगढ़ के पशु चिकित्सक विशेषज्ञ हाथियों को रेडियो कॉलर लगाएंगे. इसके लिए वन विभाग हाथियों की पहचान भी कर रहा है. वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट और प्रथम को ट्रैंक्यूलाइज करने वाले टीम के लीडर डॉ. राजेश वर्मा ने बताया कि गणेश को ट्रैंक्यूलाइज करने का प्रयास जारी है और जल्द ही इसे कॉलर आईडी लगा दी जाएगी.

कोरबा: रायगढ़ और कोरबा जिले के वन मंडल के अलग-अलग क्षेत्रों में 18 लोगों को मौत की नींद सुलाने वाला आक्रमक हाथी 'गणेश' अब भी वन विभाग की पकड़ से बाहर है. गणेश को ट्रैंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी लगाने गई टीम ने एक दूसरे हाथी को रेडियो कॉलर आईडी लगा दी. इधर अब भी गणेश जंगलों में आजाद घूम रहा है. गणेश के लिए चलाया गया ऑपरेशन अब भी सवालों के घेरे में है.

पकड़ से बाहर 'गणेश'

गणेश को ट्रैंक्यूलाइज करने के लिए चलाए जाने वाले ऑपरेशन को कुछ दिनों के लिए रोक दिया गया है. वहीं कुमकी हाथी दुर्योधन को रेस्क्यू सेंटर वापस भेज दिया गया है और दुर्योधन को तमोर पिंगला अभ्यारम में रखा जाएगा. तीनों हाथियों को अलग जगहों पर रखा गया है. हालांकि इन तीनों हाथियों में से गणेश अभी वन विभाग की निगरानी से दूर है. गणेश को ट्रैंक्यूलाइज करने के लिए फिर से नई रणनीति तैयार की जा रही है. जिसमें महीने भर का समय लग सकता है. यही वजह है जिसके कारण तीरथ राम हाथी को फिलहाल कोरबा जिले के कुदमुरा रेंज स्थित गज दर्शन केंद्र में रखा गया है.

पढ़ें: बड़ी लापरवाही: 6 दिनों तक मरच्युरी में पड़ा रहा शव, भटकता रहा परिवार

सवालों के घेरे में कॉलर आईडी

छत्तीसगढ़ के विशेषज्ञों ने पहली बार किसी जंगली हाथी के गले में रेडियो कॉलर आईडी लगाई है. अब इसमें कई तरह की खामियों की जानकारी मिल रही है. प्रथम को रेडियो कॉलर आईडी लगाने की अनुमति नहीं लेने से लेकर, कॉलर आईडी को एक्टिवेट नहीं करने जैसी जानकारियां सामने आई हैं.

12 हाथियों को कॉलर आईडी लगाने की योजना

छत्तीसगढ़ के पशु चिकित्सकों ने आने वाले दिनों में एक-एक कर प्रदेश के लगभग 12 हाथियों को ट्रेंक्युलाइज करके रेडियो कॉलर आईडी के दायरे में लाने की योजना है. इसके पहले भी प्रथम हाथी के गले में कॉलर आईडी लगाई गई थी लेकिन वह टूट गई थी. जिसके बाद प्रथम भी वन विभाग की पहुंच से दूर हो गया. अब छत्तीसगढ़ के पशु चिकित्सक विशेषज्ञ हाथियों को रेडियो कॉलर लगाएंगे. इसके लिए वन विभाग हाथियों की पहचान भी कर रहा है. वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट और प्रथम को ट्रैंक्यूलाइज करने वाले टीम के लीडर डॉ. राजेश वर्मा ने बताया कि गणेश को ट्रैंक्यूलाइज करने का प्रयास जारी है और जल्द ही इसे कॉलर आईडी लगा दी जाएगी.

Last Updated : May 27, 2020, 2:03 PM IST
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