कोरबा: भारत में शहरों और नदियों को देवी देवताओं के नाम से जाना जाता है. प्राचीन मान्यता है कि हर गांव की एक कुल देवी या देवता होते हैं. जो गांव की बाहरी विपदाओं से रक्षा करते हैं. इसी तरह कोरबा को भी मां सर्वमंगला की नगरी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि सर्वमंगला मंदिर में पूरी श्रद्धा के साथ जो श्रद्धालु माथा टेकते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.
मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करने की परंपरा: यहां पीपल के पेड़ पर नारियल बांधने की परंपरा हो या फिर मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करने की मान्यता. यही वजह है कि हर साल जब नवरात्रि आती है, तब कुछ मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करने के लिए विदेशों से भी अर्जियां आती हैं. इस साल सर्वमंगला में 10000 से अधिक मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए हैं. इस साल 3 मनोकामना ज्योति कलश के लिए रसीद अमेरिका से काटे गए हैं.
ज्योति कलश पर महंगाई का नहीं असर: आज महंगाई अपने चरम पर है. तेल और घी की कीमतें भी आसान छू रही हैं. बावजूद इसके मां सर्वमंगला के प्रति लोगों की आस्था ज्यों कि त्यों है. जबकि तेल वाले 10500 रुपये और घी वाले 1500 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किया गए हैं. इन ज्योति कलश को 9 दिन 24 घंटे प्रज्वलित किया जाता है. इसके लिए बाकायदा मंदिर प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है. जो दीपक को बुझने नहीं देते. लगातार दीये में तेल भरते रहते हैं. जिससे की ज्योति कलश 9 दिन तक जलते रहते हैं.
"हम कोरबा के वासी है, जिसे मां सर्वमंगला की नगरी कहा जाता है. इसका निर्माण प्राचीन काल में हुआ था. पुरानी मान्यता है कि मंदिर आकर माथा देखने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है. मां की महिमा नवरात्रि में ज्यादा होती है. जिसके कारण श्रद्धालु यहां अधिक तादात में आते हैं. न सिर्फ कोरबा, बल्कि आसपास के जिलों से भी लोग यहां आते हैं." - जय नारायण राठौर, श्रद्धालु
मंदिर समिति की ओर से है पूरी तैयारी: सर्वमंगला मंदिर के पुजारी योगेश कुमार उपाध्याय ने बताया, "मां सर्वमंगला के प्रति भक्तों की अटूट आस्था है. हर दिन यहां सैकड़ों की तादात में लोग दर्शन करने आते हैं. 10 हजार से अधिक मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए हैं. 3 रसीद हमने विदेश से भी काटी है. हालांकि हमें यह पता नहीं चल पाता की रसीद किसने कटवाई है. लोग पैसे और नाम लेकर रसीद कटवा के ले जाते हैं. हम उसके नाम से दीप प्रज्वलित कर देते हैं."
नवरात्रि में लगातार बढ़ रही भीड़: नवरात्रि के दिनों में मां सर्वमंगला मंदिर में भक्तों की भीड़ हो जाती है. इससे कई छोटे व्यापारियों का व्यवसाय भी चलता है. फिर चाहे वह सिंदूर, नारियल, चुनरी बेचने वाले हों या फिर शिवलिंग, चूड़ा और श्रृंगार का सामान बेचने वाले व्यवसायी. अब हर बीतते दिन के साथ मंदिर में भीड़ बढ़ रही है. हालांकि मंदिर प्रबंधन की ओर से भक्तों को हर संभव व्यवस्था दी जाती है.