कोरबा: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ETV भारत की खबर का असर हुआ है. ETV भारत पर खबर दिखाने के बाद कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत अपने क्षेत्र में सक्रिय हो गई हैं. बुधवार को ईटीवी भारत ने लोगों के आरोप पर सांसद के अपने क्षेत्र में सक्रिय न होने की खबर दिखाई थी. इसके एक दिन बाद खबर आ रही है कि सांसद ने कोरोना को लेकर जिले के कलेक्टर से वर्चुअल बैठक की है और कोरोना से लड़ने के लिए तमाम एहतियात और इलाज मुहैया कराने को कहा है. सांसद ज्योत्सना महंत की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में उनके द्वारा सांसद निधि का पीएम केयर्स फंड में दिए जाने की बात का भी उल्लेख है.
विधानसभा अध्यक्ष और सांसद दोनों ने की चर्चा
सांसद ज्योत्सना महंत और उनके पति विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत के कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया कि दोनों ने जांजगीर-चांपा, कोरबा, गौरेला पेंड्रा मरवाही, कोरिया बैकुंठपुर के कलेक्टर से चर्चा की. कोविड-19 से निपटने के लिए किए गए उपायों पर सभी की चर्चा हुई. चर्चा के बाद सुझाव भी दिए गए हैं. चर्चा में मरीजों को बेहतर इलाज के साथ-साथ सकारात्मक वातावरण निर्मित करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाने को कहा गया है. कलेक्टरों से सभी कोविड केयर सेंटर में मनोरंजन के संसाधन उपलब्ध कराए जाने को कहा गया है. कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके लिए इलाज की व्यवस्था के साथ-साथ चिकित्सकों, हेल्थ वर्करों को अत्याधिक दबाव से बचने के लिए पैकेज के तहत चिकित्सा से जुड़े लोगों की सेवाएं भी बढ़ाए जाने की बात कही गई है.
आपदा में 'अपने लोगों' को बिलखता छोड़ गायब हैं कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ?
सांसद मद के 7.5 करोड रुपये की राशि पीएम केयर्स फंड में दिए
सांसद ने अपने प्रतिनिधि के माध्यम से यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-2020 के और 2020-21 के सांसद मद के 7.5 करोड़ रुपये की राशि पीएम केयर्स फंड में दिया गया है. कोरोना से लड़ाई में फंड की कमी से भी केंद्र को तत्काल अवगत कराएंगे इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार से तत्काल संपर्क कर आवश्यक संसाधनों को उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से प्रयास किए जाएंगे. सांसद ने जिला चिकित्सालय में बनाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट, वायरोलॉजी लैब सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात भी कही है.
कम से कम वर्चुअल ही सक्रिय रहें
कोरबा जिले में लोग लगातार सांसद पर निष्क्रिय रहने का आरोप लगा रहे हैं. खबर के बाद ही सही सांसद कम से कम वर्चुअल ही सक्रिय हुई हैं. हालांकि इससे परिस्थितियों में कितना बदलाव आता है, इसके लिए इंतजार करना होगा. प्रदेश में ऐसे कई उदाहरण हैं, जब जनप्रतिनिधियों ने अपने स्तर पर आगे आकर कोरोना से लड़ाई में अहम योगदान दिया हो. कोरोना की दूसरी लहर के प्रचंड तेवर के बीच यह पहला अवसर है, जब सांसद ने किसी तरह की सक्रियता दिखाई हो.