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बैंक की गलती से हमनाम महिला के खाते में जमा हुई रकम, पुलिस की मदद से सुलझी गुत्थी

राज्य ग्रामीण बैंक की एक शाखा संचालित है, जहां एक ही नाम की दो महिलाओं का खाता एक ही नंबर पर खोल दिया गया. बैंक की गलती से घरेलू काम कर जीवन यापन करने वाली महिला के बैंक खाते से बिना जानकारी से 27 हजार रुपये निकाल लिए गए. पुलिस ने जांच के बाद वास्तविक खाता धारक को उसकी रकम वापस दिलाई.

Chhattisgarh State Rural Bank
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक
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Published : Oct 13, 2020, 10:08 PM IST

Updated : Oct 13, 2020, 10:45 PM IST

कोरबा: बैंक प्रबंधन की गंभीर लापरवाही के कारण एक गरीब महिला को 27 हजार रुपये की चपत लग सकती थी, लेकिन पुलिस की सक्रियता से महिला को उसके रुपये वापस मिल गए.

complaint letter
शिकायत पत्र

जमनीपाली(NTPC) में राज्य ग्रामीण बैंक की एक शाखा संचालित है, जहां एक ही नाम की दो महिलाओं का खाता एक ही नंबर पर खोल दिया गया. बैंक की गलती से घरेलू काम कर जीवन यापन करने वाली महिला के बैंक खाते से बिना जानकारी से 27 हजार रुपये निकाल लिए गए.

बेटे को मिली खाते से रकम निकालने की सूचना

ईरीगेशन चौक रेलवे पार दर्री में रहने वाली मीना बाई साहू घरेलू काम कर जीवन यापन कर रही है. उसका बचत खाता छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक जमनीपाली था. महिला बेटे दीपेश के साथ खाते से 27 हजार रुपये निकालने की शिकायत लेकर पहुंची. मोबाइल फोन पर मैसेज आने पर महिला के बेटे को पता लगा कि, उसकी मां के खाते से 27 हजार रुपये निकाल लिए गए हैं.

एक जैसा था हस्ताक्षर

यह सुनकर मीना को अचंभा हुआ कि, वह तो बैंक गई ही नहीं फिर उसके खाते से रकम किसने और कैसे निकाला. जब पीड़ित महिला ने बैंक मैनेजर से इस संबंध में बात की तो, बैंक के अफसरों ने रकम निकालने वाली पर्ची के हस्ताक्षर को महिला के हस्ताक्षर के साथ मिलाकर देखा, जो मीना बाई साहू की ही तरह था. सवाल फिर वहीं था कि जब मीना बाई बैंक आई ही नहीं, तो आखिर रुपए किसने निकाले.

पुलिस से लगाई मदद की गुहार

मीना ने दर्री थाने में शिकायत कर मदद की गुहार लगाई. CSP केएल सिन्हा ने एसआई इंद्रजीत नायक को जांच के लिए कहा. नायक ने तत्काल बैंक पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो कोई दूसरी महिला रुपए निकालते नजर आई, जिसकी पहचान मीना बाई साहू के तौर पर हुई जोकि कलमीडुग्गू दर्री की रहने वाली है.

पुलिस ने खाता धारक को वापस दिलाई रकम

पुलिस ने जब महिला के घर जाकर पूछताछ की तो उसने कहा कि उसे जैसे ही इस बात की खबर लगी कि, उसके खाते में रुपये है, उसने उसे निकाल लिया. माजरा समझ आते ही पुलिस ने पूरी रकम खाते की असली मालिक मीना बाई साहू को वापस दिलाई.

बैंक की लापरवाही आई सामने

जांच में यह बात सामने आई कि कलमीडुग्गू निवासी मीना बाई के खाते में लंबे समय से कोई रकम जमा नहीं हुई थी, फिर भी उसने सहनाम मीना बाई के खाता से रकम निकाल ली. सीएसपी केएल सिन्हा ने बताया है कि रुपए वापस मिल जाने के बाद मीना बाई साहू ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं चाहने की बात कही है, वहीं गलती से रुपए निकालने वाली वाली महिला ने भी अपना पक्ष रखा है. हालांकि इस मामले में बैंक की लापरवाही तो साफ तौर पर दिख रही है.

खातों का नहीं किया मिलान

अब सवाल यह उठता है कि, बैंक की ओर से दो ग्राहकों को एक ही खाता नंबर कैसे जारी किया गया. भले ही दोनों महिलाओं के नाम एक जैसे हैं, लेकिन उनके पिता या पति का नाम और पता तो अलग-अलग ही होंगे. इसके साथ ही पासबुक में ग्राहक की तस्वीर भी चस्पा रहती है, जिसका मिलान काउंटर पर मौजूद कर्मचारी जरुर करता है.

दोषियों पर होगी कार्रवाई

इस मामले में बैंक की कोरबा ब्रांच के मैनेजर विनायक भिलथारे कर्मचारियों की गलती होने से इंकार कर रहे हैं, जबकि छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक क्षेत्रीय कार्यालय जांजगीर के रीजनल मैनेजर सुभाष नायडू ने मामले से अवगत कराने पर गंभीरता से लिया और कहा है कि यदि इसमें बैंक कर्मियों की लापरवाही है तो कार्रवाई करेंगे.

खाताधारकों को वापस मिली रकम

एसआई ने साफ कहा कि बैंक प्रबंधन की लापरवाही से ही पैसे दूसरी मीना साहू को दिए गए और पुलिस की जांच के बाद वास्तविक मीना साहू को उसकी रकम वापस मिल सकी.

कोरबा: बैंक प्रबंधन की गंभीर लापरवाही के कारण एक गरीब महिला को 27 हजार रुपये की चपत लग सकती थी, लेकिन पुलिस की सक्रियता से महिला को उसके रुपये वापस मिल गए.

complaint letter
शिकायत पत्र

जमनीपाली(NTPC) में राज्य ग्रामीण बैंक की एक शाखा संचालित है, जहां एक ही नाम की दो महिलाओं का खाता एक ही नंबर पर खोल दिया गया. बैंक की गलती से घरेलू काम कर जीवन यापन करने वाली महिला के बैंक खाते से बिना जानकारी से 27 हजार रुपये निकाल लिए गए.

बेटे को मिली खाते से रकम निकालने की सूचना

ईरीगेशन चौक रेलवे पार दर्री में रहने वाली मीना बाई साहू घरेलू काम कर जीवन यापन कर रही है. उसका बचत खाता छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक जमनीपाली था. महिला बेटे दीपेश के साथ खाते से 27 हजार रुपये निकालने की शिकायत लेकर पहुंची. मोबाइल फोन पर मैसेज आने पर महिला के बेटे को पता लगा कि, उसकी मां के खाते से 27 हजार रुपये निकाल लिए गए हैं.

एक जैसा था हस्ताक्षर

यह सुनकर मीना को अचंभा हुआ कि, वह तो बैंक गई ही नहीं फिर उसके खाते से रकम किसने और कैसे निकाला. जब पीड़ित महिला ने बैंक मैनेजर से इस संबंध में बात की तो, बैंक के अफसरों ने रकम निकालने वाली पर्ची के हस्ताक्षर को महिला के हस्ताक्षर के साथ मिलाकर देखा, जो मीना बाई साहू की ही तरह था. सवाल फिर वहीं था कि जब मीना बाई बैंक आई ही नहीं, तो आखिर रुपए किसने निकाले.

पुलिस से लगाई मदद की गुहार

मीना ने दर्री थाने में शिकायत कर मदद की गुहार लगाई. CSP केएल सिन्हा ने एसआई इंद्रजीत नायक को जांच के लिए कहा. नायक ने तत्काल बैंक पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो कोई दूसरी महिला रुपए निकालते नजर आई, जिसकी पहचान मीना बाई साहू के तौर पर हुई जोकि कलमीडुग्गू दर्री की रहने वाली है.

पुलिस ने खाता धारक को वापस दिलाई रकम

पुलिस ने जब महिला के घर जाकर पूछताछ की तो उसने कहा कि उसे जैसे ही इस बात की खबर लगी कि, उसके खाते में रुपये है, उसने उसे निकाल लिया. माजरा समझ आते ही पुलिस ने पूरी रकम खाते की असली मालिक मीना बाई साहू को वापस दिलाई.

बैंक की लापरवाही आई सामने

जांच में यह बात सामने आई कि कलमीडुग्गू निवासी मीना बाई के खाते में लंबे समय से कोई रकम जमा नहीं हुई थी, फिर भी उसने सहनाम मीना बाई के खाता से रकम निकाल ली. सीएसपी केएल सिन्हा ने बताया है कि रुपए वापस मिल जाने के बाद मीना बाई साहू ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं चाहने की बात कही है, वहीं गलती से रुपए निकालने वाली वाली महिला ने भी अपना पक्ष रखा है. हालांकि इस मामले में बैंक की लापरवाही तो साफ तौर पर दिख रही है.

खातों का नहीं किया मिलान

अब सवाल यह उठता है कि, बैंक की ओर से दो ग्राहकों को एक ही खाता नंबर कैसे जारी किया गया. भले ही दोनों महिलाओं के नाम एक जैसे हैं, लेकिन उनके पिता या पति का नाम और पता तो अलग-अलग ही होंगे. इसके साथ ही पासबुक में ग्राहक की तस्वीर भी चस्पा रहती है, जिसका मिलान काउंटर पर मौजूद कर्मचारी जरुर करता है.

दोषियों पर होगी कार्रवाई

इस मामले में बैंक की कोरबा ब्रांच के मैनेजर विनायक भिलथारे कर्मचारियों की गलती होने से इंकार कर रहे हैं, जबकि छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक क्षेत्रीय कार्यालय जांजगीर के रीजनल मैनेजर सुभाष नायडू ने मामले से अवगत कराने पर गंभीरता से लिया और कहा है कि यदि इसमें बैंक कर्मियों की लापरवाही है तो कार्रवाई करेंगे.

खाताधारकों को वापस मिली रकम

एसआई ने साफ कहा कि बैंक प्रबंधन की लापरवाही से ही पैसे दूसरी मीना साहू को दिए गए और पुलिस की जांच के बाद वास्तविक मीना साहू को उसकी रकम वापस मिल सकी.

Last Updated : Oct 13, 2020, 10:45 PM IST
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