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कोरबा: पैसा खत्म होने पर पकड़े गए लापता नाबालिग, परिवार से झूठ बोलकर घूमने निकले थे

कोरबा से लापाता हुए 4 नाबालिगों को पुलिस ने ढूंढ़ निकाला है. चारों बच्चे कोरबा के रेलवे स्टेशन से मिले है.

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पुलिस के साथ लापाता नाबालिग
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Published : Jan 8, 2020, 11:08 AM IST

Updated : Jan 8, 2020, 12:21 PM IST

कोरबा: बालको थाना क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों से लापता हुए 4 नाबालिग पुलिस को रेलवे स्टेशन पर मिले हैं. चारों बच्चे ठीक हैं और सभी परिवार से झूठ बोल कर बिलासपुर स्थित कानन पेंडारी घूमने गए थे. ये सभी दो दिन पहले अलग-अलग इलाकों से लापता हुए थे और घर पर 26 जनवरी की परेड रिहर्सल में शामिल होने के बात कही थी. परिवारवालों की शिकायत पर पुलिस टीम बनाकर इनकी तलाश कर रही थी.

पैसा खत्म होने पर पकड़े गए लापता नाबालिग

चारों नाबालिगों ने घूमने का प्लान बनाया था और घर पर 26 जनवरी की परेड रिहर्सल में शामिल होने की झूठी बात कह कर निकल गए थे. इनमें से एक के पास मोबाइल था लेकिन उसने नंबर ऑफ कर रखा था, जिससे कोई उनकी लोकेशन का पता न लगा सके. घर से निकलने के बाद चारों बिलासपुर के कानन पेंडारी सैर-सपाटे के लिए गए थे.

पैसे खत्म होने के बाद दोस्त को किया था फोन
इसी बीच पैसे खत्म होने के बाद बच्चों में से एक ने अपने दोस्त को फोन लगाकर कोरबा लौटने और रुपए खत्म होने की बात कही थी. एक नाबालिग ने अपने दोस्त को रेलवे स्टेशन आकर पैसा देने को कहा था. इस बात की जानकारी परिवार और पुलिस को मिली, जिसके बाद नाबालिगों को रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया गया. पुलिस ने औपचौरिकताएं पूरी करने के बाद बच्चों को परिजनों को सौंप दिया है.

'कहीं और जाने की प्लानिंग बना रहे थे बच्चे'
सभी बच्चे बालको के एमजीएम स्कूल के छात्र हैं. बालको टीआई लखन पटेल ने बताया कि बच्चों ने अपने दोस्त को फोन किया, जिसकी जानकारी मिलते ही रेलवे स्टेशन से उन्हें बरामद कर लिया गया है. टीआई ने बताया कि बच्चे वहां से कहीं और जाने की योजना बना रहे थे.

'पुलिस टीमें कर रही थीं तलाश'
उस्लापुर, बिलासपुर और कोरबा तीन स्थानों पर पुलिस की अलग-अलग टीमें बच्चों को तलाश रही थीं.

कोरबा: बालको थाना क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों से लापता हुए 4 नाबालिग पुलिस को रेलवे स्टेशन पर मिले हैं. चारों बच्चे ठीक हैं और सभी परिवार से झूठ बोल कर बिलासपुर स्थित कानन पेंडारी घूमने गए थे. ये सभी दो दिन पहले अलग-अलग इलाकों से लापता हुए थे और घर पर 26 जनवरी की परेड रिहर्सल में शामिल होने के बात कही थी. परिवारवालों की शिकायत पर पुलिस टीम बनाकर इनकी तलाश कर रही थी.

पैसा खत्म होने पर पकड़े गए लापता नाबालिग

चारों नाबालिगों ने घूमने का प्लान बनाया था और घर पर 26 जनवरी की परेड रिहर्सल में शामिल होने की झूठी बात कह कर निकल गए थे. इनमें से एक के पास मोबाइल था लेकिन उसने नंबर ऑफ कर रखा था, जिससे कोई उनकी लोकेशन का पता न लगा सके. घर से निकलने के बाद चारों बिलासपुर के कानन पेंडारी सैर-सपाटे के लिए गए थे.

पैसे खत्म होने के बाद दोस्त को किया था फोन
इसी बीच पैसे खत्म होने के बाद बच्चों में से एक ने अपने दोस्त को फोन लगाकर कोरबा लौटने और रुपए खत्म होने की बात कही थी. एक नाबालिग ने अपने दोस्त को रेलवे स्टेशन आकर पैसा देने को कहा था. इस बात की जानकारी परिवार और पुलिस को मिली, जिसके बाद नाबालिगों को रेलवे स्टेशन से बरामद कर लिया गया. पुलिस ने औपचौरिकताएं पूरी करने के बाद बच्चों को परिजनों को सौंप दिया है.

'कहीं और जाने की प्लानिंग बना रहे थे बच्चे'
सभी बच्चे बालको के एमजीएम स्कूल के छात्र हैं. बालको टीआई लखन पटेल ने बताया कि बच्चों ने अपने दोस्त को फोन किया, जिसकी जानकारी मिलते ही रेलवे स्टेशन से उन्हें बरामद कर लिया गया है. टीआई ने बताया कि बच्चे वहां से कहीं और जाने की योजना बना रहे थे.

'पुलिस टीमें कर रही थीं तलाश'
उस्लापुर, बिलासपुर और कोरबा तीन स्थानों पर पुलिस की अलग-अलग टीमें बच्चों को तलाश रही थीं.

Intro:कोरबा। 2 दिन पहले बाल्को क्षेत्र से लापता हुए चारों नाबालिक सकुशल रेलवे स्टेशन में मिल गए हैं। चारों ही 6 जनवरी की सुबह अपने-अपने घरों से बिना बताए गायब हो गए थे। इसके बाद पुलिस अलग-अलग टीम बनाकर इनकी तलाश कर रही थी। परिजन भी अपने स्तर पर बच्चों की तलाश कर रहे थे। जिसके बाद बीती देर रात चारों बच्चे कोरबा रेलवे स्टेशन में ही मिले।Body:पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार चारों बच्चे 6 तारीख के सुबह घर से 26 जनवरी की परेड की रिहर्सल में शामिल होने के बात कहकर गायब हो गए थे।
लेकिन वास्तव में चारों ने ही सुनियोजित योजना बनाकर सैर-सपाटा पर जाने का प्लान बनाया था।चालाकी से बच्चों ने अपने मोबाइल भी स्विच ऑफ कर दिए थे। ताकि उनका लोकेशन किसी को भी ना मिल सके। घर से निकलने के बाद चारों बिलासपुर स्थित कानन पेंडारी सैर-सपाटे के लिए गए थे।
पूरे दिन पुलिस उन्हें ढूंढते रही, परिजन भी अपने स्तर पर बच्चों को तलाश कर रहे थे। ईसी बीच पैसे खत्म होने के बाद बच्चों में से एक ने अपने दोस्त को फोन लगाकर कहा कि हमारे पास पैसे खत्म हो गए हैं।
इसलिए हम वापस कोरबा लौट रहे हैं, रेलवे स्टेशन में मिलकर हमें और पैसे दे देना।

इस बात की सूचना परिजनों और पुलिस को मिली परिजन देर रात रेलवे स्टेशन पहुंच गए और जैसे ही बच्चे रेलवे स्टेशन में ट्रेन से उतरे, सबसे पहले लापता बच्चों के परिजनों की नजर उन पर पड़ी।

इसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया गया। देर रात तक बच्चों व उनके परिजनों को थाने में औपचारिकताएं पूरी करने के लिए उपस्थिति देनी पड़ी। इसके बाद बच्चों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।Conclusion:सकुशल मिले बच्चे
बालको टीआई लखन पटेल ने बताया कि जैसे ही बच्चों ने अपने दोस्त को फोन मिलाया। सूचना मिली और उस्लापुर, बिलासपुर और कोरबा तीन स्थानों पर पुलिस की अलग-अलग टीमें बच्चों को तलाश रही थी।
रेलवे स्टेशन पहुंचकर बच्चों को बरामद कर लिया है। ठीक समय पर नहीं पहुंचते तो बच्चे वापस जाने की भी योजना बना रहे थे। मोबाइल संस्कृति के कारण समय से पहले ही बच्चों में अधिक परिपक्वता आ रही है। जिससे इस तरह के मामले अक्सर देखने को मिल रहे हैं।
Last Updated : Jan 8, 2020, 12:21 PM IST
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