कोरबा: नियमों के विरुद्ध नाबालिगों को जिले के ठेले खोमचे में बड़ी ही आसानी से सिगरेट, गुटखा जैसे मादक पदार्थ आसानी से उपलब्ध करा दिए जाते हैं. जबकि नाबालिगों को किसी भी तरह की नशीली वस्तुओं के विक्रय करने पर कड़ा प्रतिबंध है. एक तरफ अपनी आजीविका के चलते ठेले खोमचे वाले इन्हें नशीली वस्तुएं उपलब्ध कराते हैं, तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी इस विषय को कभी अपने संज्ञान में नहीं ले रहे हैं. जिसके कारण किशोर अवस्था में ही उनका बचपन नशे की गिरफ्त में आ जाता है.
किराना दुकान में शराब और गांजा बेचने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार
कोटपा एक्ट का भी नहीं होता पालन
कोटपा एक्ट जिले में लागू है. स्वास्थ्य विभाग इसके तहत भी कोई कार्रवाई नहीं करता है. सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान नहीं करने पर कार्रवाई करना हो या फिर ठेले खोमचे से नाबालिगों को नशीली वस्तुओं के विक्रय पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है. स्वास्थ्य विभाग का अमला अपने इन दायित्वों का निर्वहन कभी भी नहीं करता. जिसके कारण धड़ल्ले से इन नियमों का उल्लंघन हो रहा है.
आसानी से मिल रहा सिगरेट, गुटखा
शहर के घंटाघर के आसपास अक्सर ऐसे नाबालिगों को देखा जा सकता है. जो ठेले, खोमचे से सिगरेट आदि खरीदते हैं और फिर स्कूल और आसपास के दीवार की आड़ में छुपकर धूम्रपान करते हैं. इन्हें रोकने-टोकने वाला भी कोई नहीं होता. वहीं पूछने पर उनका साफ तौर पर कहना है कि किसी भी दुकान से बड़ी आसानी से उन्हें सिगरेट, गुटखा आदि मिल जाते हैं.
स्वास्थ्य विभाग को है बाल दिवस का इंतजार
स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद्माकर शिंदे का कहना है कि नियम तो हैं और इसमें कार्रवाई भी की जाएगी.स्वास्थ्य विभाग के जिला प्रबंधक का कहना है कि 14 नवंबर को बाल दिवस आने वाला है. जिला शिक्षा अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है कि स्कूल परिसर और इसके आसपास के इलाके को तंबाकू मुक्त किया जाए. स्वास्थ विभाग को बचपन को नशे की गिरफ्त से मुक्त कराने के लिए बाल दिवस का इंतजार है. इस 1 दिन में भी दिवस की औपचारिकता पूरी कर ली जाती है और फिर पूरे साल किशोरों को आसानी से नशीली वस्तु मिलती रहती है.