कोरबा: कोरबा जिले में भी धान खरीदी शुरू हो गई है. इस बार धान खरीदी के लिए 7 नए उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं. मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इन केंद्रों का उद्घाटन किया. नए धान खरीदी केंद्र खुलने से किसान खुश हैं, क्योंकि उन्हें धान बेचने के लिए अब 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय नहीं करना पड़ेगा.
मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने किया उद्घाटन
धान खरीदी केंद्रों का उद्घाटन करने पहुंच मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने कहा कि जो काम पिछले 15 सालों में नहीं हुआ, वह अब हो रहा है. व्यवस्थाएं धीरे-धीरे दुरुस्त हो रही है. दर्री तहसील और कोरबा विधानसभा के नगरीय क्षेत्र में आने वाले सुमेधा में भी उपार्जन केंद्र शुरू हुआ है. अब किसानों को 7 से 8 किलोमीटर के दायरे में ही धान खरीदी केंद्र की सुविधा मिलेगी.
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पुरुषोत्तम बने जिले के पहले किसान
उपार्जन केंद्र सुमेधा में किसान पुरुषोत्तम प्रजापति से धान खरीदी की शुरुआत हुई. पुरुषोत्तम कहते हैं कि आज खरीदी की शुरुआत हुई है. फिलहाल 2 क्विंटल धान लेकर पहुंचे थे. अभी धान की मिंजाई बची है. किसान ने यह भी कहा कि गांव में उपार्जन केंद्र की मांग कई सालों से की जा रही थी. अब इस सुविधा से उन्हें सहूलियत होगी. पहले धान बेचने के लिए 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था. समय बर्बाद होता था और ज्यादा पैसे भी खर्च करने पड़ते थे.
15 स्थानों पर की गई नाकेबंदी
धान की अवैध बिक्री को रोकने के लिए प्रशासन ने 15 स्थानों पर नाकेबंदी की है. इसमें बिलासपुर, जांजगीर, रायगढ़, कोरिया के सीमावर्ती जिले से जुड़े क्षेत्र शामिल हैं. ज्यादा कृषि रकबा वाले जांजगीर जिले से जुड़े मार्गों को संवेदनशील घोषित किया गया है. नाकेबंदी के लिए राजस्व, खनिज, आबकारी और खाद्य विभाग के साथ ही प्रशासन के दूसरे विभागों के अधिकारियों को तैनात किया गया है.
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पिछले साल हुई थी 10 लाख क्विंटल धान की खरीदी
पिछले साल जिले में 10 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई थी. इस साल उपार्जन केंद्रों की संख्या बढ़ने से धान खरीदी भी बढ़ने का अनुमान है. हालांकि धान खरीदी का कोई टारगेट तय किए जाने की बात को अफसर नकार रहे हैं. अफसरों की मानें तो उपार्जन केंद्रों में जितना भी धान आएगा, वह सब खरीदा जाएगा. 2018-19 में जिले में साढ़े 13 लाख क्विंटल धान खरीदा गया था.
'नए केंद्रों में व्यवस्था दुरुस्त करना बड़ी चुनौती'
7 नए उपार्जन केंद्रों में चबूतरे के साथ ही शेड और बारदानों की पर्याप्त व्यवस्था बड़ी चुनौती होगी. नए उपार्जन केंद्रों में अबतक चबूतरों का निर्माण नहीं कराया गया है. धान को भीगने से बचाने के लिए तिरपाल की व्यवस्था भी नहीं हो सकी है.
8 लाख बारदानों की कमी
7 नए केंद्रों की स्थापना के बाद जिले में उपार्जन केंद्रों की संख्या 49 हो चुकी है. अब 20 लाख बारदानों की जरूरत पड़ेगी, लेकिन अबतक प्रशासन सिर्फ 12 लाख बारदाने की ही व्यवस्था कर सका है.
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सरकार ने घोषित किए दाम
इस साल राज्य शासन ने धान के समर्थन मूल्य में सिर्फ 53 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है. खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में पतला धान ग्रेड ए को 1888 रुपए, मोटा और स्वर्णा धान को 1868 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा. पिछले साल पतला धान 1835 रुपए तो मोटा और स्वर्णा धान 1815 की दर से खरीदा गया था. सामान्य मूल्य में खरीदे गए धान का भुगतान पहले स्थानीय सरकारी बैंक से जारी किया जाता था. बीते साल से नियमों में बदलाव किया गया है. जिसके तहत अब किसानों को ऑनलाइन भुगतान जारी किया जाता है.
फैक्ट फाइल
पंजीकृत किसान | 32459 |
समिति | 42 |
उपार्जन केंद्र | 49 |
नई समिति | 14 |
नए उपार्जन केंद्र | 7 |
नए किसान | 5746 |
पंजीकृत रकबा | 48,113 हेक्टेयर |