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मिनीमाता हसदेव बांगो बांध को मरम्मत की जरूरत, फाइलों में अटकी मंजूरी

कोरबा के मचाडोली गांव में मिनीमाता हसदेव बांगो बांध को मरम्मत की जरूरत है. लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी ठोस सुरक्षा का काम अधर में अटका हुआ है. बांध के कार्यपालन अभियंता का कहना है कि, जैसे ही विभाग से काम की हरी झंडी मिल जाएगी. वैसे ही इसकी मरम्मत का काम शुरू कर दिया जाएगा.

Minimata Hasdeo Bango Dam
मिनीमाता हसदेव बांगो बांध
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Published : Jul 28, 2021, 3:40 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 4:57 PM IST

कोरबा: 29 सालों से छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा मिनीमाता हसदेव बांगो बांध खेतों और उद्योगों की प्यास बुझाता आता रहा है. लेकिन सुरक्षा और मरम्मत की दृष्टिकोण से अब ठोस प्रयास किए जाने की जरूरत है. मचाडोली गांव में मिनीमाता हसदेव बांगो बांध की नींव रखने के बाद सन 1992 में इस बांध का निर्माण कार्य पूरा हुआ. तब से लेकर आज तक मिनीमाता हसदेव बांगो बांध लगातार जरूरतों को पूरा कर रहा है. लेकिन सही समय पर बांध की मरम्मत और रखरखाव नहीं हो पा रही है. आज के दौर में इस बांध को मरम्मत की जरूरत है.

बांध को मरम्मत की जरूरत

इतनी है बांध की क्षमता

मिनीमाता हसदेव बांगो बांध में अधिकतम जलभराव स्तर 359. 66 मीटर निर्धारित है. डैम का जलस्तर जब 358 मीटर के आसपास पहुंच जाता है, तब गेट खोलकर पानी नदी में छोड़ना पड़ता है. बारिश के मौसम में ही सिंचाई विभाग के कर्मचारी एकजुट होकर काम करते हैं. सभी कर्मचारी बारिश के मौसम में अलर्ट पर रहते हैं. जब भी जलस्तर बढ़ता है, तब तत्काल गेट खोल कर पानी नदी में छोड़ा जाता है.

12 वर्षों से नहीं हुई रेडियल गेट की पोताई

मिनीमाता हसदेव बांगो बांध के रेडियल गेट में लोहे के भारी-भरकम दो प्लेट है, जोकि पानी में डूबे रहते हैं. रेडियल गेट के एक प्लेट को लिफ्ट करने के बाद सामने की ओर से गेट खुलता है और पानी नदी में डिस्पैच होता है. आमतौर पर लोहे से बने रेडियल गेट पानी में डूबे हुए रहते हैं. नियमानुसार तीन से पांच साल में इनकी पुताई करने की आवश्यकता होती है.

Minimata Hasdeo Bango Dam
मिनीमाता हसदेव बांगो बांध

ताकि इन्हें जंग से बचाया जा सके. लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि विगत 12 वर्षों से रेडियल गेट की पुताई नहीं हुई है. गेट की पुताई का प्रस्ताव स्थानीय कार्यालय से उच्च अधिकारियों को भेजा गया, लेकिन प्रस्ताव उच्च कार्यालय में लंबित होने के कारण प्रक्रिया फिलहाल अधर में अटका है.

कोरबा में मानसून शुरू होते ही डैम में भरा पानी, निचली बस्तियों के लिए अलर्ट जारी

मानसून से पहले ओवर ऑयलिंग और टेस्टिंग

गेट की सुरक्षा और रखरखाव के लिए माचाडोली गांव के कार्यपालन अभियंता की पदस्थापना है. स्थानीय कार्यालय के माध्यम से प्रत्येक वर्ष मानसून के पहले गेट की मरम्मत की जाती है. ओवर ऑयलिंग के साथ ही गेट को खोल कर देखा जाता है. ताकि जलस्तर बढ़ने पर गेट खोलने में कोई परेशानी ना हो. सुरक्षा के मद्देनजर हर साल यह प्रक्रिया दोहराई जाती है.

मिनीमाता हसदेव बांगो बांध से न सिर्फ खेत बल्कि उद्योगों की जरूरतों को भी पूरा किया जाता है. सैकड़ों हेक्टेयर खेतों की सिंचाई के साथ ही लगभग 14 पवार प्लांट और अन्य उद्योगों को जल आपूर्ति बांध से की जाती है. बावजूद इसके रखरखाव को लेकर सरकार का संजीदा ना होना कई सवालों को जन्म दे रहा है.

Minimata Hasdeo Bango Dam
मिनीमाता हसदेव बांगो बांध

साल 2010 में हुई थी पुताई

मिनीमाता हसदेव बांगो बांध के कार्यपालन अभियंता केशव कुमार ने बताया कि आखिरी बार बांध के गेट की पुताई 2010 में हुई थी. इसके बाद प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन वह उच्च कार्यालय में लंबित है. जैसे ही हरी झंडी मिलेगी पुताई के काम को पूरा किया जाएगा. सालाना मरम्मत और सुरक्षा के लिए हर साल मानसून के पहले बांध के गेट की टेस्टिंग और ओवर ऑयलिंग का काम किया जाता है.

कोरबा: 29 सालों से छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचा मिनीमाता हसदेव बांगो बांध खेतों और उद्योगों की प्यास बुझाता आता रहा है. लेकिन सुरक्षा और मरम्मत की दृष्टिकोण से अब ठोस प्रयास किए जाने की जरूरत है. मचाडोली गांव में मिनीमाता हसदेव बांगो बांध की नींव रखने के बाद सन 1992 में इस बांध का निर्माण कार्य पूरा हुआ. तब से लेकर आज तक मिनीमाता हसदेव बांगो बांध लगातार जरूरतों को पूरा कर रहा है. लेकिन सही समय पर बांध की मरम्मत और रखरखाव नहीं हो पा रही है. आज के दौर में इस बांध को मरम्मत की जरूरत है.

बांध को मरम्मत की जरूरत

इतनी है बांध की क्षमता

मिनीमाता हसदेव बांगो बांध में अधिकतम जलभराव स्तर 359. 66 मीटर निर्धारित है. डैम का जलस्तर जब 358 मीटर के आसपास पहुंच जाता है, तब गेट खोलकर पानी नदी में छोड़ना पड़ता है. बारिश के मौसम में ही सिंचाई विभाग के कर्मचारी एकजुट होकर काम करते हैं. सभी कर्मचारी बारिश के मौसम में अलर्ट पर रहते हैं. जब भी जलस्तर बढ़ता है, तब तत्काल गेट खोल कर पानी नदी में छोड़ा जाता है.

12 वर्षों से नहीं हुई रेडियल गेट की पोताई

मिनीमाता हसदेव बांगो बांध के रेडियल गेट में लोहे के भारी-भरकम दो प्लेट है, जोकि पानी में डूबे रहते हैं. रेडियल गेट के एक प्लेट को लिफ्ट करने के बाद सामने की ओर से गेट खुलता है और पानी नदी में डिस्पैच होता है. आमतौर पर लोहे से बने रेडियल गेट पानी में डूबे हुए रहते हैं. नियमानुसार तीन से पांच साल में इनकी पुताई करने की आवश्यकता होती है.

Minimata Hasdeo Bango Dam
मिनीमाता हसदेव बांगो बांध

ताकि इन्हें जंग से बचाया जा सके. लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि विगत 12 वर्षों से रेडियल गेट की पुताई नहीं हुई है. गेट की पुताई का प्रस्ताव स्थानीय कार्यालय से उच्च अधिकारियों को भेजा गया, लेकिन प्रस्ताव उच्च कार्यालय में लंबित होने के कारण प्रक्रिया फिलहाल अधर में अटका है.

कोरबा में मानसून शुरू होते ही डैम में भरा पानी, निचली बस्तियों के लिए अलर्ट जारी

मानसून से पहले ओवर ऑयलिंग और टेस्टिंग

गेट की सुरक्षा और रखरखाव के लिए माचाडोली गांव के कार्यपालन अभियंता की पदस्थापना है. स्थानीय कार्यालय के माध्यम से प्रत्येक वर्ष मानसून के पहले गेट की मरम्मत की जाती है. ओवर ऑयलिंग के साथ ही गेट को खोल कर देखा जाता है. ताकि जलस्तर बढ़ने पर गेट खोलने में कोई परेशानी ना हो. सुरक्षा के मद्देनजर हर साल यह प्रक्रिया दोहराई जाती है.

मिनीमाता हसदेव बांगो बांध से न सिर्फ खेत बल्कि उद्योगों की जरूरतों को भी पूरा किया जाता है. सैकड़ों हेक्टेयर खेतों की सिंचाई के साथ ही लगभग 14 पवार प्लांट और अन्य उद्योगों को जल आपूर्ति बांध से की जाती है. बावजूद इसके रखरखाव को लेकर सरकार का संजीदा ना होना कई सवालों को जन्म दे रहा है.

Minimata Hasdeo Bango Dam
मिनीमाता हसदेव बांगो बांध

साल 2010 में हुई थी पुताई

मिनीमाता हसदेव बांगो बांध के कार्यपालन अभियंता केशव कुमार ने बताया कि आखिरी बार बांध के गेट की पुताई 2010 में हुई थी. इसके बाद प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन वह उच्च कार्यालय में लंबित है. जैसे ही हरी झंडी मिलेगी पुताई के काम को पूरा किया जाएगा. सालाना मरम्मत और सुरक्षा के लिए हर साल मानसून के पहले बांध के गेट की टेस्टिंग और ओवर ऑयलिंग का काम किया जाता है.

Last Updated : Jul 28, 2021, 4:57 PM IST
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