कोरबा: वन विभाग के अधीन तेंदूपत्ता संग्रहण समितियों के काम में लगे संग्राहक परिवार के मेधावी छात्रों को शासन स्तर से छात्रवृत्ति दी जाती (Scholarship to children of family engaged in collection of tendu leaves) है. कोरोना काल से पहले तक इक्का-दुक्का छात्र ही मेधावी छात्रों की सूची में स्थान बना पाते थे. लेकिन कोरोना काल में ऑनलाइन परीक्षाएं हुई, छात्रों को घर में बैठकर उत्तर लिखने की छूट मिली.
शासन की ओर से लंबित है छात्रवृत्ति: 12वी क्लास के मेधावी छात्रों की संख्या 614 पहुंच गई. अब प्रति छात्र 25 हजार के हिसाब से अकेले कोरबा जिले में एक करोड़ से ज्यादा की छात्रवृत्ति छात्रों को प्रदान की जानी है. छात्रवृत्ति का बजट बढ़ा तो शासन ने इनकी राशि ही रोक दी है. अब पात्रता पूरी करने वाले मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति का इंतजार है. तो अधिकारी शासन स्तर से ही छात्रवृत्ति की राशि लंबित होने की बात कह रहे हैं.
दसवीं के लिए योजना ही बंद जबकि 12वीं की राशि लंबित : वन विभाग की ओर से तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य में लगे परिवार के बच्चों को प्रतिभाशाली छात्र वृत्ति योजना के तहत नकद राशि दी जाती है. जिसके तहत दसवीं के छात्रों को 15000 तो 12वीं के छात्रों को 25000 रुपये की राशि एकमुश्त दी जाती है. राशि 10वीं व 12वीं की परीक्षा में 75 फीसदी या इससे अधिक अंक लाने वाले छात्रों को मिलती है. कोरोना काल में दसवीं के छात्रों के लिए इस योजना को कैंसिल कर दिया गया. जबकि 12वीं के छात्रों के लिए यह योजना अब भी लागू है. लेकिन राशि शासन स्तर पर अटकी हुई है.
अकेले कोरबा वनमंडल में 614 छात्र हैं पात्र : जिले के कोरबा वन मंडल में कुल 38 तेंदूपत्ता संग्रहण समितियां हैं, जबकि कटघोरा में यह संख्या 48. तेंदूपत्ता संग्रहण में कुल मिलाकर 1 लाख 38 हजार लोग कार्य कर रहे हैं. अब संग्राहकों के परिवार से आने वाले 614 छात्र प्रतिभावान छात्रवृत्ति योजना के तहत अकेले कोरबा वन मंडल में पात्रता रखते हैं. जिन्हें प्रति छात्र 25000 रुपये की राशि का इंतजार है. दिलचस्प बात यह भी है कि यह सभी छात्र जिनकी छात्रवृत्ति लंबित है. उन्होंने शैक्षणिक क्षेत्र 2020-21 में परीक्षा दी थी, जब परीक्षाएं ऑनलाइन हुई थी. जिनकी राशि अब तक लंबित है. जबकि 2021-22 में काफी कम बच्चों ने मेधावी छात्र योजना के तहत पात्रता हासिल की थी, जिन्हें पैसे दिए जा चुके हैं.
कॉल कर पूछते हैं छात्र : कोरबा वन मंडल के 38 समितियों में से एक कोरबा समिति के प्रबंधक हरिशंकर कंवर का कहना है कि "अकेले हमारी समिति में 29 मेधावी छात्रों का नाम सूची में है. जिनकी सभी औपचारिकताएं पूरी मर काफी पहले ही फॉर्म भर दिया है. अब छात्र बार-बार कॉल कर मुझे पूछते हैं कि पैसा कब मिलेगा? अधिकारी कहते हैं कि शासन स्तर से राशि लंबित है. यही जवाब में छात्रों को देता हूं." तेंदूपत्ता संग्राहक परिवार के आने वाले छात्र योगेश कुमार ने 12वीं में 91 परसेंट अंक लाये हैं. योगेश कुमार कहते हैं कि "मैंने फॉर्म भर कर जमा कर दिया है. पूछने पर कहा जाता है कि राज्य शासन स्तर से राशि नहीं आई है. पैसे अगर समय पर मिल जाते हैं, तो कॉलेज की पढ़ाई के लिए काम आते. पुस्तक खरीदने के साथ ही एडमिशन और कई तरह के काम हैं. समय पर पैसे मिलते तो हमारे लिए यह बेहद उपयोगी है."
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राशि मिलते ही प्रदान की जाएगी: कोरबा वन मंडल की डीएफओ प्रियंका पांडे ने बताया कि कोरोना के बाद संभवत: परीक्षाओं में कई तरह की छूट मिली. जिससे छात्रों ने ज्यादा अंक ले आये. 10वीं कक्षा के लिए इस योजना को बंद कर दिया गया था. जबकि 12वीं के लिए योजना लागू है. कोरबा वन मंडल में 614 छात्र प्रतिभाशाली छात्रवृत्ति योजना के लिए पात्रता रखते हैं. जिन्हें 1 करोड़ से अधिक की राशि का वितरण किया जाना है. प्रस्ताव बनाकर राज्य को प्रेषित किया जा चुका है. राशि प्राप्त होते ही इसका वितरण कर दिया जाएगा. फिलहाल शासन स्तर से ही राशि लंबित है.