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कोरबा में नवरात्र से पहले सजा मां सर्वमंगला दरबार, मनोकामना ज्योति कलश पर इस बार मंहगाई की मार

नवरात्र से पहले कोरबा का मां सर्वमंगला दरबार सज चुका है. लेकिन मनोकामना ज्योति कलश (Navratri Manokamna Jyoti Kalash in Korba) की संख्या इस बार मंहगाई के कारण अभी तक कम है.

maa sarwamangla darbar
मां सर्वमंगला दरबार
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Published : Mar 31, 2022, 7:29 PM IST

कोरबा: चैत्र नवरात्र 2 अप्रैल से शुरू होने वाला है. इससे पहले कोरबा में मां सर्वमंगला का दरबार सज चुका है. यहां हर साल की तरह इस साल भी धूमधाम से तैयारियां की जा रही हैं. तैयारियां अंतिम चरण में हैं. मां सर्वमंगला का मंदिर उर्जाधानी के लोगों के आस्था का केंद्र है. यहां छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश से श्रद्धालु पहुंचते हैं. इतना ही नहीं विदेशी भी यहां मां के सामने अर्जी लगाने पहुंचते हैं.

विदेशों से भी आती है अर्जी : कोरबा के मां सर्वमंगला मंदिर में विदेशों से भी मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित (Navratri Manokamna Jyoti Kalash in Korba) करने के लिए अर्जी आती है. हालांकि इस वर्ष ज्योति कलश की संख्या में गिरावट आई है. महंगाई की मार मनोकामना के लिए जलाए जाने वाले दीपों पर भी पड़ी है. वहीं इस बार कोरोनाकाल के 2 वर्ष के बाद नवरात्रि में रौनक रहने की उम्मीद है. इससे मंदिर प्रबंधन के साथ ही श्रद्धालु भी उत्साहित हैं.

मनोकामना ज्योति कलश

मां सर्वमंगला के प्रति भक्तों की गहरी आस्था : मां सर्वमंगला का मंदिर कोरबा के साथ ही प्रदेश भर में प्रख्यात है. इस मंदिर की प्रमुख देवी दुर्गा हैं. मंदिर की स्थापना कोरेश के जमींदार में से एक राजेश्वर दयाल के पूर्वजों ने 1898 में की थी. कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास 122 वर्ष पुराना है. मंदिर त्रिलोकीनाथ मंदिर, काली मंदिर और ज्योति कलश भवन से घिरा हुआ है. मंदिर में एक गुफा है, जो हसदेव नदी के नीचे से गुजरती हुए नदी के दूसरी तरफ निकलती है. इस गुफा का इस्तेमाल रानी धनराज कुंवर नदी के उस पार जाने के लिए करती थीं. मंदिर में एक मनोकामना वट वृक्ष भी है. ऐसी मान्यता है कि वहां धागा बांधने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है.

3200 मनोकामना ज्योति कलश की पर्ची कटी:सर्वमंगला मंदिर में प्रज्ज्वलित किए जाने वाले मनोकामना ज्योति कलश की संख्या में गिरावट आई है. कोरोना काल के पहले प्रत्येक वर्ष तेल व घी के दीयों को मिलाकर 10,000 से अधिक मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाते थे. इस बार नवरात्रि शुरू होने के 2 दिन पहले तक लगभग 3200 पर्चियां ही कटी हैं. तेल के दीयों के लिए 701 रुपये, तो घी के दियों के लिए 1801 रुपए का दाम तय किया गया है.यह दाम पिछले वर्षों की तुलना में लगभग 200 से 300 रुपये तक बढ़े हुए हैं.

यह भी पढ़ें: धमतरी के मंदिरों में चैत्र नवरात्र की तैयारियां शुरू, मां विंध्यवासिनी मंदिर में जगमगाएगी आस्था की ज्योत

मनोकामना ज्योति कलश पर भी महंगाई की मार: मनोकामना दीपों की संख्या में गिरावट आई है. पिछले वर्षों तक विदेशों से भी मनोकामना के दीप प्रज्ज्वलित करने के लिए सर्वमंगला मंदिर में अर्जी आती थी. इस वर्ष अब तक विदेश से कोई भी पर्ची नहीं आई है. हालांकि मंदिर प्रबंधन को उम्मीद है कि नवरात्रि के पहले कुछ पर्चियां विदेशों से जरूर आ जाएंगे.

रंग रोगन के साथ ही वृहद स्तर पर तैयारी : नवरात्रि के लिए सर्वमंगला मंदिर में खास तैयारियां की जाती हैं.मंदिर के रंग रोगन के साथ ही लाइट डेकोरेशन और ज्योति कलश घर को तैयार किया जा रहा है. पिछले 2 वर्षों तक नवरात्रि में मंदिर में इतनी रौनक नहीं थी. इस वर्ष वृहत स्तर पर तैयारियों को अंजाम दिया गया है, ताकि नवरात्रि के दौरान पूरी तरह से रौनक बरकरार रहे.

कोरबा: चैत्र नवरात्र 2 अप्रैल से शुरू होने वाला है. इससे पहले कोरबा में मां सर्वमंगला का दरबार सज चुका है. यहां हर साल की तरह इस साल भी धूमधाम से तैयारियां की जा रही हैं. तैयारियां अंतिम चरण में हैं. मां सर्वमंगला का मंदिर उर्जाधानी के लोगों के आस्था का केंद्र है. यहां छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश से श्रद्धालु पहुंचते हैं. इतना ही नहीं विदेशी भी यहां मां के सामने अर्जी लगाने पहुंचते हैं.

विदेशों से भी आती है अर्जी : कोरबा के मां सर्वमंगला मंदिर में विदेशों से भी मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित (Navratri Manokamna Jyoti Kalash in Korba) करने के लिए अर्जी आती है. हालांकि इस वर्ष ज्योति कलश की संख्या में गिरावट आई है. महंगाई की मार मनोकामना के लिए जलाए जाने वाले दीपों पर भी पड़ी है. वहीं इस बार कोरोनाकाल के 2 वर्ष के बाद नवरात्रि में रौनक रहने की उम्मीद है. इससे मंदिर प्रबंधन के साथ ही श्रद्धालु भी उत्साहित हैं.

मनोकामना ज्योति कलश

मां सर्वमंगला के प्रति भक्तों की गहरी आस्था : मां सर्वमंगला का मंदिर कोरबा के साथ ही प्रदेश भर में प्रख्यात है. इस मंदिर की प्रमुख देवी दुर्गा हैं. मंदिर की स्थापना कोरेश के जमींदार में से एक राजेश्वर दयाल के पूर्वजों ने 1898 में की थी. कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास 122 वर्ष पुराना है. मंदिर त्रिलोकीनाथ मंदिर, काली मंदिर और ज्योति कलश भवन से घिरा हुआ है. मंदिर में एक गुफा है, जो हसदेव नदी के नीचे से गुजरती हुए नदी के दूसरी तरफ निकलती है. इस गुफा का इस्तेमाल रानी धनराज कुंवर नदी के उस पार जाने के लिए करती थीं. मंदिर में एक मनोकामना वट वृक्ष भी है. ऐसी मान्यता है कि वहां धागा बांधने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है.

3200 मनोकामना ज्योति कलश की पर्ची कटी:सर्वमंगला मंदिर में प्रज्ज्वलित किए जाने वाले मनोकामना ज्योति कलश की संख्या में गिरावट आई है. कोरोना काल के पहले प्रत्येक वर्ष तेल व घी के दीयों को मिलाकर 10,000 से अधिक मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाते थे. इस बार नवरात्रि शुरू होने के 2 दिन पहले तक लगभग 3200 पर्चियां ही कटी हैं. तेल के दीयों के लिए 701 रुपये, तो घी के दियों के लिए 1801 रुपए का दाम तय किया गया है.यह दाम पिछले वर्षों की तुलना में लगभग 200 से 300 रुपये तक बढ़े हुए हैं.

यह भी पढ़ें: धमतरी के मंदिरों में चैत्र नवरात्र की तैयारियां शुरू, मां विंध्यवासिनी मंदिर में जगमगाएगी आस्था की ज्योत

मनोकामना ज्योति कलश पर भी महंगाई की मार: मनोकामना दीपों की संख्या में गिरावट आई है. पिछले वर्षों तक विदेशों से भी मनोकामना के दीप प्रज्ज्वलित करने के लिए सर्वमंगला मंदिर में अर्जी आती थी. इस वर्ष अब तक विदेश से कोई भी पर्ची नहीं आई है. हालांकि मंदिर प्रबंधन को उम्मीद है कि नवरात्रि के पहले कुछ पर्चियां विदेशों से जरूर आ जाएंगे.

रंग रोगन के साथ ही वृहद स्तर पर तैयारी : नवरात्रि के लिए सर्वमंगला मंदिर में खास तैयारियां की जाती हैं.मंदिर के रंग रोगन के साथ ही लाइट डेकोरेशन और ज्योति कलश घर को तैयार किया जा रहा है. पिछले 2 वर्षों तक नवरात्रि में मंदिर में इतनी रौनक नहीं थी. इस वर्ष वृहत स्तर पर तैयारियों को अंजाम दिया गया है, ताकि नवरात्रि के दौरान पूरी तरह से रौनक बरकरार रहे.

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