कोरबा : जिला एवं सत्र न्यायालय ने पत्नी की हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी इतवार सिंह ने पहले तो अपनी पत्नी की निर्ममता से हत्या की.इसके बाद पुलिस से बचने के लिए उसके शव को पत्थर से बांधकर नदी में फेंक दिया.इसके बाद खुद ही गांव में आकर कहने लगा कि पत्नी की डूबकर मौत हो गई है.लेकिन जब पुलिस ने शव को बरामद करके जांच की तो सारा मामला उजागर हो गया. हत्या के इस केस में ढ़ाई साल का वक्त लगा.लेकिन पति को आखिरकार उसके किए की सजा मिल गई.
ये है पूरा मामला : यह वारदात लेमरू थाना क्षेत्र की है. जहां के गांव बगबुड़ा में इतवार सिंह अपनी पत्नी गीताबाई के साथ रहता था. गीताबाई को ये शक था कि उसके पति के किसी और महिला के साथ संबंध है.14 मार्च 2020 की रात दोनों ने शराब पी. नशे में गीता ने संदेह करते हुए इतवार को उसी महिला के साथ ही रहने की बात कह दी. अगले दिन 15 मार्च को सुबह लगभग 11 बजे गीता ने पति को लकड़ी काटने जंगल चलने को कहा. लकड़ी काटने दोनों बांगो डैम के पनियोबहार डुबान के किनारे पहुंचे. अवैध संबंध की बात को लेकर दोनों के बीच फिर विवाद हुआ. तभी इतवार ने गुस्से में आकर टंगिया से पत्नी की हत्या कर दी.
ग्रामीणों ने दी सूचना : घटना के बाद पनियोबहार डुबान के मुहाने पर कुछ ग्रामीण पहुंचे. गीता की लाश पानी में आधी डूबी थी.वहीं उसके शव पर पत्थर बंधा हुआ था. यह देखकर ग्रामीणों को शक हुआ. गीता के पति से डूबने की वजह पूछने पर वो गोलमोल जवाब देने लगा. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. जांच में यह स्पष्ट हो गया कि इतवार ने ही अपनी पत्नी को मौत के घाट उतारा है और शव को पत्थर से बांधकर पानी में फेंका था.
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कोर्ट ने सुनाई सजा : मामले की पैरवी कर रहे लोक अभियोजन अधिकारी रोहित राजवाड़े ने बताया कि "पत्नी की हत्या करने के बाद इतवार ने शव को साड़ी में बांधकर तालाब में फेंक दिया था. फिर खुद ही उसके डूब जाने की रिपोर्ट पुलिस में लिखवाई. लेकिन वह ज्यादा देर तक अपना झूठ नहीं छुपा पाया. जांच में उसने खुद यह बात कबूल की. जिसके बयान के आधार पर आरोपी इतवार के खिलाफ हत्या की धारा 302, 201 के तहत कोर्ट में दोष सिद्ध हो गया. न्यायाधीश डीएल कटाकवार की कोर्ट ने आरोपी इतवार खड़िया को आजीवन कारावास की सजा से सुनाई है".