कोरबा: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में रविवार को पहाड़ी के दरकने से एक वाहन पत्थरों की चपेट में आ गया था. जिस कारण 9 पर्यटकों की मौत हो गई थी. इस हादसे में जान गवाने वालों में कोरबा के नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट अमोघ बापट भी शामिल थे. जिनका बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई है.
लेफ्टिनेंट अमोघ की अंतिम यात्रा
लेफ्टिनेंट अमोघ का शव जब कोरबा स्थित उनके निवास एसटीपीएस कॉलोनी दर्री पहुंचा तो इलाके के सभी लोगों की आंखों में आंसू थे. अमोघ कोरबा वासियों के लिए हर दिल अजीज थे. इसलिए उनकी मृत्यु से यहां के लोगों को गहरा सदमा लगा है. अमोघ के परिजनों ने कहा कि उन्हें गर्व है कि अमोघ ने हमारे परिवार में जन्म लिया. जब से वह इस दुनिया में आया, तब से उसने हमेशा खुशियां बांटी. उन्होंने आगे कहा, 'हमें उम्मीद थी कि वह और भी बड़े काम करेगा, लेकिन जीवन कभी-कभी आपके साथ बेहद क्रूर व्यवहार करती है.'
हिमाचल भूस्खलन : परिवार के लिए असह्य पीड़ा बनी 'प्रतीक्षा'
देश ने खोया एक होनहार ऑफिसर
नौसेना से लेफ्टिनेंट अमोघ को अंतिम विदाई देने कोरबा पहुंचे उनके साथियों ने कहा कि अमोघ जैसा जिंदादिल और हर क्षेत्र में प्रतिभाशाली ऑफिसर कम ही होते हैं. अमोघ के साथी नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट शुभांगी ने बताया कि अमोघ को हर क्षेत्र में महारथ हासिल थी. वह एक सकारात्मक छवि वाले अफसर थे. अमोघ न सिर्फ अपने काम में बल्कि स्पोर्ट्स में भी अव्वल थे. उसके जैसा अफसर मिलना बेहद दुर्लभ है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में इसकी पोस्टिंग अंडमान निकोबार में थी. इसके पहले वह पोर्ट ब्लेयर में पोस्टेड थे. यह बेहद कठिन पोस्टिंग मानी जाती है, लेकिन अमोघ के माथे पर इसे लेकर कभी चिंता नहीं दिखाई दी. वह हमेशा सकारात्मक रहते थे और लोगों को प्रेरित करते रहते थे. अमोघ का इस तरह चले जाना बेहद दुखदाई है. हम सभी की संवेदना उनके परिवार के साथ हैं.
रविवार को हुआ हादसा, बुधवार को अंतिम विदाई
लेफ्टिनेंट अमोघ कोरबा के निवासी थे. उनके पिता सीएसपीडीसीएल में अधीक्षण यंत्री के पद पर पदस्थ हैं. वर्तमान में उनकी पोस्टिंग अंडमान निकोबार के आईएनएस बास में थी. वह छुट्टी पर अपने घर कोरबा आए थे. इस बीच वह अपने दोस्त सतीश कटकवार के साथ शिमला घूमने गए थे और हादसे का शिकार हो गए. इस भूस्खलन में जिन 9 पर्यटकों की मौत हुई थी, उसमें सतीश और अमोघ दोनों शामिल थे.