कोरबा: कटघोरा वनमंडल में सालभर के भीतर 4 हाथियों की मौत के बाद अब तेंदुए की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने वन अमले को मुसीबत में डाल दिया है. जिले से लेकर राज्य तक के वन अधिकारी सकते में हैं. कटघोरा वन मंडल का समय से कुछ ठीक नहीं चल रहा है. जंगली वन्यप्राणियों की मौत का सिलसिला बदस्तूर जारी है.
जानकारी के मुताबिक कटघोरा वन मण्डल के जटगा वन परिक्षेत्र के राहा के घनघोर जंगल में शुक्रवार सुबह एक ग्रामीणों ने एक वयस्क तेंदुए की लाश मिलने की जानकारी वन विभाग को दी. जानकारी मिलते ही वन विभाग में हड़कंप मच गया. जिले से लेकर प्रदेश तक के अधिकारी सकते में आ गए हैं.
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एक ग्रामीण ने दी तेंदुए की जानकारी
जटगा वन परिक्षेत्र के राहा जंगल में शुक्रवार की सुबह एक ग्रामीण ने एक वयस्क तेंदुए को देखा, जब उसमें किसी प्रकार की हलचल नहीं दिखी, तब वह हिम्मत जुटाकर नजदीक पहुंचा. जहां से दुर्गंध आ रही थी. उसने वन विभाग के कर्मचारी को इडकी सूचना दी. वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे और तेंदुए की लाश को लगभग 2 दिन पुराना होने का अंदेशा जताया.
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मौत का कारण पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा
कटघोरा वन मंडल के उप वनमंडलाधिकारी अरविंद तिवारी ने बताया कि यह एक जंगली तेंदुआ है, जिसे देखने पर लग रहा है कि इसके शरीर पर किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं है. इसकी मौत किस वजह से हुई है. यह पोस्टमार्टम होने के बाद पता चलेगा.
DFO शमा फारूकी पर उठ रहे सवाल
बता दें की कटघोरा वनमंडल में इन दिनों जंगली वन्यप्राणियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कुछ दिनों पहले केंदई वनारिक्षेत्र में दो बेबी एलिफेंट की मौत हुई थी. इसी रेंज में एक वर्ष में 4 हाथियों ने दम तोड़ दिया है. शुक्रवार को जटगा वन परिक्षेत्र में तेंदुए की मौत से वन मंडल कटघोरा को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. सबसे बड़ी बात यह देखने को मिली कि तेंदुए की मौत पर कटघोरा DFO शमा फारूकी मौके पर नजर नहीं आई.