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कोरबा: भूविस्थापितों ने नौकरी और मुआवजा नहीं मिलने पर SECL के सामने दिया धरना

कोरबा में SECL के भूमि अधिग्रहण के बाद विस्थापित हुए लोगों की समस्या बढ़ती जा रही है. SECL ने जमीन तो ले ली, लेकिन भूविस्थापितों को नौकरी और मुआवजा नहीं दिया.

Landlords protest against SECL over non-payment of jobs and compensation
धरना देते हुए भूविस्थापित
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Published : Aug 21, 2020, 12:49 PM IST

कोरबा: SECL के सामने भूविस्थापितों ने धरना-प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि SECL ने इनकी जमीन तो ले ली, लेकिन उन्हें नौकरी और मुआवजा नहीं दिया. अब वे दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं.

पढ़ें- भूपेश कैबिनेट की बैठक: अनुपूरक बजट को हरी झंडी, विधायकों और पूर्व विधायकों की बल्ले-बल्ले


गेवरा दीपका में जिनकी जमीनों पर आज यहां खदानें खुली हैं, SECL चेयरमैन का काफिला उन्हीं को नजरअंदाज करते हुए आगे निकल गया और भूस्थापित देखते रह गए. चेयरमैन के ऐसे व्यवहार से भूविस्थापित आहत हुए हैं. उन्होंने चेयरमैन को घेरने की ठानी और गेवरा हाउस में उनका इंतजार करने लगे. जब चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल कुसमुंडा से निरीक्षण कर वापस गेवरा हाउस पहुंचे, तो भूविस्थापित गेवरा हाउस के गेट पर ही धरने पर बैठ गए, तब कहीं जाकर चेयरमैन ने उन्हें मिलने का समय दिया.

भूविस्थापितों ने नौकरी और मुआवजा नहीं मिलने पर SECL के सामने दिया धरना

प्रदेश में बढ़ रहे ऐसे मामले

बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोल कंपनियां अपने फायदे के लिए लोगों को मुआवजा और नौकरी का झांसा देकर उनकी जमीन हड़प लेती है और बाद में अपने वादे से मुकर जाती है. ऐसे कई मामले सामने आते हैं जिनमें भूविस्थापितों की जमीन ले ली जाती है, लेकिन बदले में उनको कुछ नहीं दिया जाता.

Landlords protest against SECL over non-payment of jobs and compensation
धरना देते हुए भूविस्थापित

नहीं दिया जा रहा लोगों को किसी भी तरह का मुआवजा

भू-विस्थापित कल्याण संघ का कहना है कि कोयला उत्खनन के नाम पर जमीन अधिग्रहण कर लोगों को बेघर कर दिया गया. जिसके बाद फिर ना तो लोगों को नौकरी मिल रही है, न उनका पुनर्वास किया जा रहा है और न ही उन्हें नए दर से मुआवजा राशि दी जा रही है.

कोरबा: SECL के सामने भूविस्थापितों ने धरना-प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि SECL ने इनकी जमीन तो ले ली, लेकिन उन्हें नौकरी और मुआवजा नहीं दिया. अब वे दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं.

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गेवरा दीपका में जिनकी जमीनों पर आज यहां खदानें खुली हैं, SECL चेयरमैन का काफिला उन्हीं को नजरअंदाज करते हुए आगे निकल गया और भूस्थापित देखते रह गए. चेयरमैन के ऐसे व्यवहार से भूविस्थापित आहत हुए हैं. उन्होंने चेयरमैन को घेरने की ठानी और गेवरा हाउस में उनका इंतजार करने लगे. जब चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल कुसमुंडा से निरीक्षण कर वापस गेवरा हाउस पहुंचे, तो भूविस्थापित गेवरा हाउस के गेट पर ही धरने पर बैठ गए, तब कहीं जाकर चेयरमैन ने उन्हें मिलने का समय दिया.

भूविस्थापितों ने नौकरी और मुआवजा नहीं मिलने पर SECL के सामने दिया धरना

प्रदेश में बढ़ रहे ऐसे मामले

बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोल कंपनियां अपने फायदे के लिए लोगों को मुआवजा और नौकरी का झांसा देकर उनकी जमीन हड़प लेती है और बाद में अपने वादे से मुकर जाती है. ऐसे कई मामले सामने आते हैं जिनमें भूविस्थापितों की जमीन ले ली जाती है, लेकिन बदले में उनको कुछ नहीं दिया जाता.

Landlords protest against SECL over non-payment of jobs and compensation
धरना देते हुए भूविस्थापित

नहीं दिया जा रहा लोगों को किसी भी तरह का मुआवजा

भू-विस्थापित कल्याण संघ का कहना है कि कोयला उत्खनन के नाम पर जमीन अधिग्रहण कर लोगों को बेघर कर दिया गया. जिसके बाद फिर ना तो लोगों को नौकरी मिल रही है, न उनका पुनर्वास किया जा रहा है और न ही उन्हें नए दर से मुआवजा राशि दी जा रही है.

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