कोरबा: छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर चले गये हैं. बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार, मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन की वापसी के की मांग (land displaced hunger strike in Korba) रखी है. किसान सभा के नेतृत्व में भू विस्थापितों ने एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू कर दिया है. Korba latest news
प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप: किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने आरोप लगाया है कि "ग्रामीणों की बर्बादी और किसानों की लाशों पर जिला प्रशासन के सहयोग से इस क्षेत्र में एसईसीएल अपने मुनाफे के महल खड़े कर रहा है." उन्होंने कहा कि "कोयला उत्खनन के लिए हजारों किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस-भाजपा सरकारों, जिला प्रशासन और एसईसीएल ने इन विस्थापित परिवारों की कभी सुध नहीं ली. आज सभी रोजगार और पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहे हैं."
किसान सभा नेता ने कहा कि "किसान सभा भूविस्थापितों के चल रहे संघर्ष में हर पल उनके साथ खड़ी रहेगी. देश हित के नाम पर किसानों से जमीन का अधिग्रहण कर भू विस्थापितों के जीवन को अंधकार छोड़ दिया गया है. एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन द्वारा भू विस्थापितों की समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा है. इसके खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में बैठने के लिए हम मजबूर हुए हैं."
वादे पर नहीं किया अमल: भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और सचिव दामोदर ने कहा कि "एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं कर रहा है. जिला प्रशासन के कार्यालयों में सत्यापन और अन्य दस्तावेज तैयार कराने के लिए भू विस्थापित महीनों चक्कर काट रहे हैं. अब भू विस्थापित जमीन के बदले रोजगार मिलने तक पीछे हटने वाले नहीं हैं. संघर्ष और तेज करने की रणनीति तैयार की जा रही है."