कोरबा: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के लाख प्रयासों के बाद भी अंदरूनी क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय हैं. ग्रामीण बीमार पड़ने पर इनसे इलाज भी करा लेते हैं. लेकिन सस्ता इलाज एक मरीज को महंगा पड़ गया. एक व्यक्ति को पेट में तेज दर्द हुआ, तो झोलाछाप डॉक्टर ने पेट में इंजेक्शन लगा दिया. इसके कुछ दिनों बाद मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है.
क्या है पूरा मामला? : यह पूरा मामला कोरबा के पसान थाना क्षेत्र के ग्राम गुरुद्वारी का है. जहां भानूप्रताप ओट्टी नाम के व्यक्ति को पेट में तेज दर्द हुआ. भानुप्रताप की पत्नी सुकुल बाई और बेटा शिवगोपाल मनरेगा के कार्य में व्यस्त थे. वह रोजी मजदूरी कर रहे थे. इसलिए भानुप्रताप ने खुद ही झोलाछाप डॉक्टर करण कुमार को बुलाया और इलाज करने को कहा. डॉक्टर ने उसे चार इंजेक्शन लगा दिया, जिसमे से एक इंजेक्शन पेट में भी लगाया. इसके कुछ दिनों बाद मरीज ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिवार ने इसकी शिकायत पुलिस में की. पुलिस ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
3 नवंबर को लगाया था 4 इंजेक्शन: झोलाछाप डॉक्टर करण कुमार ने 3 नवम्बर को भानुप्रताप को 4 इंजेक्शन लगाया था. एक बांह में, 2 कमर और 1 इंजेक्शन पेट में लगाया था. पेट में इंजेक्शन लगाने के बाद भानुप्रताप का पेट दर्द और बढ़ गया. ग्रामीण की पत्नी सुकुल बाई ने झोलाछाप डॉक्टर करण को फोन लगाकर तबीयत और बिगड़ जाने की जानकारी दी. तब करण ने समय नहीं होने की बात कहकर फोन रख दिया.
बिलासपुर के अस्पताल में हुई मौत: भानुप्रताप का पेट दर्द और बढ़ता देख परिजनों ने उन्हें पेंड्रा के अस्पताल में भर्ती कराया. जहां 2 दिन तक उनका इलाज चलता रहा, लेकिन भानुप्रताप की तबीयत ठीक नहीं हुई. इसके बाद मरीज को बिलासपुर ले जाने की सलाह दी गयी. इसी बीच 20 नवंबर की सुबह भानुप्रताप की मौत हो गई.
झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज: भानुप्रताप की मौत के बाद उनकी पत्नी सुकुल बाई ने झोलाछाप डॉक्टर करण कुमार के खिलाफ पसान पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई. शिकायत मिलने पर पुलिस ने झोलाछाप डॉक्टर करण कुमार के खिलाफ धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज किया है. पसान थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है.