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कैसे काम करती है ईवीएम, किस तरह किया जाता है मतदान, जानिए

Electronic Voting Machine छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के पहले चरण की वोटिंग कल सुबह 7 बजे से शुरु हो जाएगी. इसलिए आज हम आपको बताने का प्रयास करेंगे कि साथ ही वोट डालते समय मतदाताओं को किस तरह से सावधानी बरतनी चाहिए. साथ ही यह भी जानकारी देंगे कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन किस तरह से काम करती है. Chhattisgarh Election 2023

How does an electronic voting machine work
कैसे किया जाता है मतदान
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 16, 2023, 7:00 PM IST

कोरबा: इलेक्ट्रॉनिक वोस्टिंग मशीन (EVM) को लेकर कई बार चर्चाएं होती हैं. इसकी विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े किए जाते हैं. इसे लेकर मतदाता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए. बावजूद इसके कुछ लोग वोटिंग करते समय असमंजस में रहते हैं. आपको बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में तीन तरह की मशीनें होती है. जिसमे कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वोटर वैरिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) शामिल है.

क्या होती है कंट्रोल यूनिट? : कंट्रोल यूनिट, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का दिमाग होता है. इसमें डिस्प्ले लगा होता है. इसे एक्टिव करते ही मशीन की पूरी जानकारी मिल जाती है. बैटरी कितनी चार्ज है, कितने वोट अब तक डाले गए आदि जानकारी डिस्प्ले होती है. बैलट यूनिट को कंट्रोल यूनिट के जरिए ही एक्टिवेट किया जाता है. इसे एक्टिवेट करने के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ती है.

बैलेट यूनिट कैसे वर्क करता है? : कंट्रोल यूनिट से ही बैलेट यूनिट को एक्टिवेट किया जाता है. बैलट यूनिट एक्टिवेट होते ही सबसे ऊपर हरे रंग की बत्ती जलती है. बैलेट यूनिट में ही सूची की तरह क्रमवार प्रत्याशियों के नाम, फोटो और उनके चुनाव चिन्ह अंकित होते हैं. प्रत्याशी के समक्ष नीले का बटन मौजूद होता है. मनपसंद प्रत्याशी के सामने वाला नीला बटन दबाते ही बीप का साउंड आयेगा और वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाती है.

क्या है वीवीपैट(VVPAT) : पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट नहीं हुआ करते थे. विश्वसनीयता पर सवाल उठने के बाद इसमें वोटर वैरिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) को भी शामिल किया गया है. जिसे कंट्रोल और बैलेट यूनिट के बीच में रखा जाता है. बैलट यूनिट का बटन दबाते ही एक पर्ची मतदाता वीवीपैट में देख सकते हैं और इससे वह पुष्टि कर सकते हैं कि जिस प्रत्याशी का बटन उन्होंने दबाया है. उसके नाम की ही पर्ची कटी है. यह सभी पर्ची भी वीवीपैट मशीन में एकत्र हो जाती है. हालांकि यह पर्ची मतदाताओं को दी नहीं जाती. लेकिन काउंटिंग के समय इसे इस्तेमाल में लिया जाता है. मतदाता ने जिस प्रत्याशी को वोट दिया है. उसके नाम की पर्ची वीवीपैट में डिस्प्ले नहीं होती, तो मतदाता इसकी शिकायत तत्काल पीठासीन अधिकारी से कर सकता है. ऐसी स्थिति में तत्काल वीवीपैट मशीन को खोलकर पर्चियों की गणना की जाती है.

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इस तरह होता है मतदान, इन बातों का रखें ध्यान: ईवीएम मशीनों के संबंध में जानकारी देते हुए मास्टर ट्रेनर ने हमें जानकारी दी है. सबसे पहले वोटिंग के लिए कंट्रोल यूनिट से बैलेट यूनिट को एक्टिवेट किया जाता है. इसके बाद बैलेट यूनिट में हरे रंग की लाइट डिस्प्ले होती है. इसके पश्चात मतदाता अपने मनपसंद प्रत्याशी के समक्ष वाले नीले बटन को दबाकर मतदान करते हैं. बीप के साउंड आते ही उनका मतदान पूरा हो जाता है. ध्यान रहे की बटन को एक बार ही दबाना है. एक बार से अधिक बटन को नहीं दबाना है. बटन दबाने के बाद वीवीपैट मशीन में एक पर्ची कटेगी, जिसे मतदाता देख सकते हैं. मतदाता इससे पुष्टि कर सकते हैं कि जिस प्रत्याशी का बटन उन्होंने दबाया है, पर्ची भी उसी के नाम की कटी है या नहीं. इससे ईवीएम की विश्वसनीयता पूरी तरह से बरकरार है.

कोरबा: इलेक्ट्रॉनिक वोस्टिंग मशीन (EVM) को लेकर कई बार चर्चाएं होती हैं. इसकी विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े किए जाते हैं. इसे लेकर मतदाता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए. बावजूद इसके कुछ लोग वोटिंग करते समय असमंजस में रहते हैं. आपको बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में तीन तरह की मशीनें होती है. जिसमे कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट और वोटर वैरिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) शामिल है.

क्या होती है कंट्रोल यूनिट? : कंट्रोल यूनिट, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का दिमाग होता है. इसमें डिस्प्ले लगा होता है. इसे एक्टिव करते ही मशीन की पूरी जानकारी मिल जाती है. बैटरी कितनी चार्ज है, कितने वोट अब तक डाले गए आदि जानकारी डिस्प्ले होती है. बैलट यूनिट को कंट्रोल यूनिट के जरिए ही एक्टिवेट किया जाता है. इसे एक्टिवेट करने के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ती है.

बैलेट यूनिट कैसे वर्क करता है? : कंट्रोल यूनिट से ही बैलेट यूनिट को एक्टिवेट किया जाता है. बैलट यूनिट एक्टिवेट होते ही सबसे ऊपर हरे रंग की बत्ती जलती है. बैलेट यूनिट में ही सूची की तरह क्रमवार प्रत्याशियों के नाम, फोटो और उनके चुनाव चिन्ह अंकित होते हैं. प्रत्याशी के समक्ष नीले का बटन मौजूद होता है. मनपसंद प्रत्याशी के सामने वाला नीला बटन दबाते ही बीप का साउंड आयेगा और वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाती है.

क्या है वीवीपैट(VVPAT) : पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट नहीं हुआ करते थे. विश्वसनीयता पर सवाल उठने के बाद इसमें वोटर वैरिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) को भी शामिल किया गया है. जिसे कंट्रोल और बैलेट यूनिट के बीच में रखा जाता है. बैलट यूनिट का बटन दबाते ही एक पर्ची मतदाता वीवीपैट में देख सकते हैं और इससे वह पुष्टि कर सकते हैं कि जिस प्रत्याशी का बटन उन्होंने दबाया है. उसके नाम की ही पर्ची कटी है. यह सभी पर्ची भी वीवीपैट मशीन में एकत्र हो जाती है. हालांकि यह पर्ची मतदाताओं को दी नहीं जाती. लेकिन काउंटिंग के समय इसे इस्तेमाल में लिया जाता है. मतदाता ने जिस प्रत्याशी को वोट दिया है. उसके नाम की पर्ची वीवीपैट में डिस्प्ले नहीं होती, तो मतदाता इसकी शिकायत तत्काल पीठासीन अधिकारी से कर सकता है. ऐसी स्थिति में तत्काल वीवीपैट मशीन को खोलकर पर्चियों की गणना की जाती है.

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इस तरह होता है मतदान, इन बातों का रखें ध्यान: ईवीएम मशीनों के संबंध में जानकारी देते हुए मास्टर ट्रेनर ने हमें जानकारी दी है. सबसे पहले वोटिंग के लिए कंट्रोल यूनिट से बैलेट यूनिट को एक्टिवेट किया जाता है. इसके बाद बैलेट यूनिट में हरे रंग की लाइट डिस्प्ले होती है. इसके पश्चात मतदाता अपने मनपसंद प्रत्याशी के समक्ष वाले नीले बटन को दबाकर मतदान करते हैं. बीप के साउंड आते ही उनका मतदान पूरा हो जाता है. ध्यान रहे की बटन को एक बार ही दबाना है. एक बार से अधिक बटन को नहीं दबाना है. बटन दबाने के बाद वीवीपैट मशीन में एक पर्ची कटेगी, जिसे मतदाता देख सकते हैं. मतदाता इससे पुष्टि कर सकते हैं कि जिस प्रत्याशी का बटन उन्होंने दबाया है, पर्ची भी उसी के नाम की कटी है या नहीं. इससे ईवीएम की विश्वसनीयता पूरी तरह से बरकरार है.

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