कोरबा : छत्तीसगढ़ चुनाव में उतरने से पहले कांग्रेस जनघोषणापत्र समिति के माध्यम से योजना बना रही है.लेकिन इस बार कांग्रेस ने एक जनघोषणापत्र समिति की एक उपसमिति भी बनाई है.जिसमें प्रदेश की तीन महिला नेत्रियों को शामिल किया गया है.ये महिलाएं सभी जिलों में जाकर महिलाओं से उनकी मन की बात पूछ रहीं हैं.इस उपसमिति की खास बात ये है कि इसमें सिर्फ महिलाओं की इच्छाओं को शामिल किया जाएगा.
प्रदेश की आधी आबादी को साधने का प्लान :महिला वोटर्स को अपनी ओर ज्यादा से ज्यादा खींचने के लिए ये कांग्रेस का मास्टर प्लान है. आपको बता दें कि जनघोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष वन मंत्री मोहम्मद अकबर हैं. इसके अलावा इस समिति में सभी मंत्री शामिल हैं. जबकि उप समिति में बिलासपुर की पूर्व महापौर वाणी राव, अनुसूचित जाति विभाग की प्रदेश अध्यक्ष शेषराज हरबंश और राजनांदगांव की महापौर हेमा देशमुख को जगह मिली है. तीनों ही महिलाओं ने जिला स्तर पर बैठकें शुरु कर दी है.
महिलाओं पर खास फोकस का संदेश : छत्तीसगढ़ में महिलाओं के वोट को कमतर नहीं आंका जा सकता. इसलिए कांग्रेस ने अपनी उपसमिति में सिर्फ महिलाओं को रखा है. ये लीडर्स महिलाओं के बीच जाकर उनसे सरकार की योजनाओं और आने वाले समय में क्या कुछ नया किया जा सकता है. इसे लेकर चर्चा कर रहीं हैं. उपसमिति ने कोरबा, सक्ती और जांजगीर-चांपा का दौरा किया है.चौपाल लगाकर महिलाओं से लंबी चर्चा के साथ फीडबैक लिया जा रहा है. समिति, महिलाओं से पूछ रहीं हैं कि उन्हें सरकार से क्या चाहिए ? सरकार किस तरह का काम कर रही है ? सरकार से कैसी अपेक्षा रखती हैं ? जवाब जानने के बाद महिलाओं को भरोसा दिलाया गया है कि उनकी बातों को जनघोषणापत्र में जगह जरूर मिलेगी.
'' हमने तीन महिलाओं को घोषणा पत्र की उप समिति में शामिल किया है. हम अलग-अलग जिलों में जाकर महिलाओं का फीडबैक ले रहे हैं. उनकी जो इच्छा है, उनकी जो मांगें हैं. हम उसे घोषणा पत्र तक लेकर जाएंगे. हम उनकी आवाज बनेंगे.'' वाणी राव, घोषणापत्र उपसमिति की सदस्य
कोरबा में लगाई चौपाल : घोषणा पत्र उप समिति की सदस्य बिलासपुर की पूर्व महापौर वाणी राव, अनुसूचित जाति विभाग की प्रदेश अध्यक्ष शेषराज हरबंश हाल ही में कोरबा पहुंची थी. यहां उन्होंने महिलाओं की चौपाल लगाई. जिसमें बिजली, पानी, सड़क को लेकर चर्चा हुई. उपसमिति महिला सदस्यों ने ये भी कहा कि व्यक्तिगत समस्याओं को घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया जा सकता.
वहीं शेषराज हरबंश ने कहा कि महिलाओं को आधी आबादी कहा जाता है. तो ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए कि उन्हें चुनाव में तवज्जो दी जाए. फिर चाहे वह टिकट वितरण हो या घोषणा पत्र. हर जगह महिलाओं को तवज्जो मिलनी चाहिए. उनमें नेतृत्व क्षमता भी है. महिला घर और बाहर दोनों जगह का करती है. घर को भी संभालती है फिर बाहर में अपने काम को भी करती हैं . इसलिए वह ज्यादा समझदार हैं.
''हम अलग-अलग जिलों में जाकर महिलाओं से बातचीत कर रहे हैं. उनसे हम लगातार यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि सरकार से उनकी अपेक्षाएं क्या हैं. ढेर सारी बातें निकलकर सामने आई हैं. हम सभी बातों को सार्वजनिक तो नहीं कर सकते हैं. लेकिन इतना जरूर है कि हम उनकी बातों को घोषणा पत्र तक जरूर पहुंचाएंगे.'' शेषराज हरबंश, घोषणापत्र उपसमिति की सदस्य
छत्तीसगढ़ में महिला वोटर्स की संख्या : विधानसभा चुनाव 2023 की तस्वीर पिछली बार की तुलना में थोड़ी अलग है. क्योंकि इस बार महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों से ज्यादा है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कुल मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 97 लाख है. इसमें पुरुष मतदाता 98.02 लाख और महिला मतदाता 98.05 लाख है. पुरुषों के मुकाबले महिला वोटर की संख्या 30 हजार ज्यादा है. लिहाजा महिला वोट बैंक किसी भी दल के लिए किंगमेकर से कम नहीं है.