कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोयलांचल में सड़कों की खराब हालत से लोग परेशान हैं. कोरबा के कुसमुंडा रोड पर मानसून सीजन में इस खराब सड़क से गुजरना मुश्किल हो गया है. हालत ये है कि सर्वमंगला चौक से कुसमुंडा रोड तक रोजाना कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग रहा है. जाम की वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. अपने गंतव्य तक लोग टाइम से नहीं पहुंच पा रहे हैं. प्रशासन के खिलाफ लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है.
रेलवे फाटक की वजह से बढ़ी परेशानी: क्षेत्रवासी की माने तो कुसमुंडा खदान का चार नंबर गेट अक्सर बंद रहता है. बरसात के मौसम में यहां की सड़क और भी खराब हो जाती है. ट्रक ड्राइवर सर्वमंगला चौक से लेकर कुसमुंडा रोड पर ही ट्रकों को पार्क कर देते हैं. जिससे जाम की स्थिति बन जाती है. कार, ऑटो और बाइक यहां जाम में घंटो फंसे रहते हैं.
घंटों जाम में फंसे लोगों की दिखी नाराजगी: शहर से कुसमुंडा की दूरी लगभग 12 किलोमीटर है. लेकिन यह दूरी तय करने में ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं. कुसमुंडा से कोरबा जिला मुख्यालय तक सफर करने वाले यात्री राकेश कहते हैं, "कुसमुंडा कोयलांचल क्षेत्र है. काम के सिलसिले में मेरा हर एक दिन इस रोड से आना-जाना लगा रहता है. स्थिति इतनी खराब है कि यदि जाम में कोई एंबुलेंस भी फंस जाए, तो उसका भगवान ही मालिक है. 24 में से 18 घंटे यहां जाम लगा रहता है. मैं खुद यहां घण्टों जाम में फंसा रहता हूं. वहीं जाम में फंसे कार चालक अनिल कहते हैं, "मेरा रोज इस क्षेत्र में आना-जाना लगा रहता है. लेकिन जाम में फंसे रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. अभी भी दो से तीन किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है. 25 मिनट से हम जाम खुलने का इंतजार कर रहे हैं."
"मैं 1 घंटे पहले अपने घर से निकली थी, मुझे अर्जेंटली ऑफिस पहुंचना था. लेकिन अब तक मैं ऑफिस नहीं पहुंच पाई हूं. सड़क अधूरा होने के कारण स्कूटी चलाने में ज्यादा समस्या होती है. छोटे पहिए कीचड़ में फंस जाते हैं. लंबा जाम लगा हुआ है. इससे हमें बेहद परेशानी हो रही है." - भारती, कामकाजी महिला
प्रशासन का दावा, जल्द पूरा होगा सड़क का काम: साल 2021 से अधूरे पड़े सड़क को जल्द पूरा करने का दावा पीडब्ल्यूडी विभाग कर रहा है. कार्यपालन अभियंता जी आर जांगड़े बताते है कि मानसून की वजह से सड़क निर्माण में कुछ दिक्कत जरूर आई है, लेकिन काम लगातार जारी है. इसे हम जल्द से जल्द पूरा कर लेंगे. पुलिस और प्रशासन का दावा है कि जाम से लोगों को जल्द मुक्ति मिलेगी.
कई बार कुसमुंडा का रेलवे फाटक बंद रहता है. इस वजह से भी ट्रक ड्राइवर रोड पर गाड़ी को पार्क कर देते हैं. उनसे हम आगे बढ़ाने को कहते हैं. कोशिश रहती है कि किसी तरह जाम को खुलवाया जाए. आवागमन बाधित न हो इस बात का हम पूरा प्रयास करते हैं. - विभव तिवारी, सर्वमंगला चौकी प्रभारी
2021 में शुरू हुआ काम, लेकिन अब भी अधूरा: कुसमुंडा रोड का निर्माण साल 2021 में शुरू हुआ था. लेकिन इसे अब तक पूरा नहीं किया जा सका है. एसईसीएल ने इसके लिए करोड़ों रुपए का फंड स्वीकृत किया था. पीडब्ल्यूडी ने निर्माण एजेंसी नियुक्त कर काम भी शुरू किया, लेकिन फिर कई बाधाएं आती रही. ठेकेदार ने तो प्रशासन पर फंड जारी नहीं करने का भी आरोप लगाया और काम बंद कर दिया. जिसकी वजह से सड़क का निर्माण तय समय सीमा के भीतर पूरा नहीं किया जा सका है.
SECL ने जारी किया था 172 करोड़: यह सड़क पिछले एक दशक से जर्जर हालत में है. कई आंदोलनों और धरना प्रदर्शन के बाद साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स (SECL) ने सड़क निर्माण के लिए 172 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे. जिसका ठेका नागपुर की कंपनी एसएमएस को दिया गया है. साल 2022 में फंड जारी नहीं होने की बात से आक्रोशित ठेका कंपनी के कर्मचारियों ने पीडब्ल्यूडी के कार्यालय का घेराव कर दिया था. तब कंपनी के जीएम केके मिश्रा ने बताया था कि 60 करोड़ का काम पूरा किया गया लेकिन सिर्फ 40 करोड़ का ही भुगतान किया गया. आगे का निर्माण फंड के अभाव में मुश्किल है.
ठेका कंपनी ने ये भी बताया कि SECL की ओर से जिला प्रशासन को 80 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं. बावजूद इसके साल 2021 के दिसंबर माह के बाद से कोई भुगतान नहीं मिला. प्रशासन की ओर से फंड नहीं मिलने के कारण काम करना मुश्किल है. इ सड़क निर्माण में कंपनी के लगभग 225 कर्मचारी लगे हुए थे, जिसमें इंजीनियर से लेकर मजदूर स्तर के कर्मचारी हैं. ये भी बताया कि काम बंद होने से सभी बेरोजगार हो जाएंगे. आने वाले मानसून में लोगों को परेशानी होगी, यहां से वाहनों का आवागमन संभव नहीं हो पाएगा. ऐसा एक नहीं कई बार हुआ, जब खींचतान की वजह से सड़क का निर्माण बीच में रुका. जिससे लोग आज तक जूझ रहे हैं.
मंत्री के बयान ने भी बटोरी थी सुर्खियां: कुसमुंडा इमलीछापर का सड़क निर्माण फंड के अभाव में बंद होने के बाद राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सड़क निर्माण बंद होने का आरोप कलेक्टर पर मढ़ा था. उन्होंने निर्माण कार्य को लेकर SECL से जारी फंड, कंस्ट्रक्शन कंपनी को नहीं देने का आरोप तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू पर लगाया था. मंत्री ने रानू साहू पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगाए थे.
कुसमुंडा रोड क्यों है खास? : सर्वमंगला चौक से कुसमुंडा के हरदीबाजार तक निर्माणाधीन सड़क की कुल लंबाई 27 किलोमीटर है. यह सड़क कोयलांचल क्षेत्र कुसमुंडा, दीपका और गेवरा को कोरबा जिला मुख्यालय से जोड़ता है. यहीं से हजारों की तादात में कोयला लदे भारी वाहन भी आते जाते हैं. कुसमुंडा और गेवरा से अन्य जिलों के साथ ही दूसरे राज्यों को भी कोयला सप्लाई किया जाता है. जिसकी वजह से लोगों की परेशानियां और बढ़ गई है. बारिश के चलते इस खराब रोड की हालत और भी बदतर हो गई है. इस सड़क के निर्माण के लिए पहले लंबा आंदोलन भी चला था. जिसके बाद एसईसीएल ने सड़क निर्माण के लिए फंड स्वीकृत किया था.