कोरबा: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन और मिशन क्लीन सिटी में निगम ने साल 2022 में बेहतर प्रदर्शन किया. निगम क्षेत्र में फिलहाल 19 एसएलआरएम सेंटर हैं. जहां डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जाता है. इसमें बेहतर प्रदर्शन की बदौलत ही नगर पालिक निगम कोरबा को तीन स्टार मिले. स्वच्छता सर्वेक्षण में गार्बेज फ्री सिटी की रैंकिंग में निगम को तीन स्टार मिला. अब निगम इससे भी बेहतर प्रदर्शन करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है. निगम ने इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए क्विक रिस्पांस टीम बनाई है, जो शिकायत मिलने के दो घंटों के भीतर ही मामले का निपटारा करेगी.
9 लाख 76 किलो कंपोस्ट भी बनाया: साल 2022 में नगर पालिक निगम कोरबा में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत 7 गोबर खरीदी केंद्र भी बनाए हैं. 20 मार्च 2023 तक की स्थिति में 19 लाख 31 हजार किलो गोबर की खरीदी भी की है. जिससे 9 लाख 76 हजार वर्मी कंपोस्ट तो 88 हजार किलो सुपर कंपोस्ट का निर्माण भी किया है.
फिलहाल ऐसी है निगम की सफाई व्यवस्था: कोरबा नगर पालिक निगम प्रदेश का इकलौता ऐसा निगम है. जहां सफाई के लिए दो-तीन विकल्प मौजूद रहते हैं. क्षेत्रफल की दृष्टि से कोरबा प्रदेश का सबसे बड़ा नगर निगम है. जहां कुल 67 वार्ड हैं. जिसमें से 47 वार्डों में सफाई व्यवस्था ठेका पद्धति से किया जा रहा है. जबकि 12 वार्ड में निगम के खुद के सफाई कामगार सफाई का कार्य संभालते हैं. 8 वार्ड ऐसे हैं, जोकि एनटीपीसी, बालको और सीएसईबी जैसे सार्वजनिक उपक्रमों के हैं.
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तत्काल होगा शिकायतों का निराकरण: इस संबंध में नगर पालिक निगम के आयुक्त प्रभाकर पांडे ने बताया कि "सफाई संबंधी शिकायतों के तत्काल निराकरण के लिए क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया है. जोकि शिकायत मिलने के 2 घंटे के भीतर शिकायत का समाधान करेगी. प्रयास यही है कि शहर को स्वच्छ बनाया जाए और शिकायतों का तत्काल निराकरण किया जाए."