कोरबा: कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने प्रदेशभर में कोहराम मचा रखा है. कोरबा जैसे औद्योगिक क्षेत्र में भी परेशानियां कम नहीं हैं. ऐसे में जिन्हें जनता ने चुनकर विधानसभा भेजा है, वह क्या कर रहे हैं ? ईटीवी भारत इसकी पड़ताल कर रहा है.
इस सिलसिले में आज हमारी टीम ने बात की है आपदा के इस भीषण समय में प्रदेश के आपदा विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री और कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल से. ईटीवी भारत से बात करते हुए जयसिंह अग्रवाल ने बताया कि आपदा के समय उन्होंने आपदा और राजस्व के सभी फंड स्वास्थ्य विभाग को दे दिए हैं, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई कमी ना रहे. मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार तीसरी लहर से लड़ने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है.
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छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा में थोड़ी कमी
कोरबा जिले में देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां बालको, एनटीपीसी और कोल इंडिया कंपनी की एसईसीएल के देश के 2 सबसे बड़े कोयला खदान है. इनके माध्यम से जिले में उच्च स्तरीय बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित की जा सकती है. इसके लिए भी जयसिंह अग्रवाल ने औद्योगिक उपक्रमों के अधिकारियों की कोरोना काल के दौरान भी लगातार बैठकें ले रहे हैं. अधिकारियों से पत्राचार भी किए हैं, लेकिन इन अंडरटेकिंग्स में जिले में अपने नाम के अनुरूप स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार आज तक नहीं किया है.
हर दिन हो रही है स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार
कोरोना काल में लोगों के बीच रहकर मंत्री जयसिंह अग्रावाल नए-नए अस्पतालों का लगातार उद्घाटन कर रहे हैं. जिले के एक समाजसेवी एलएन कड़वे जिला अस्पताल में भर्ती थे, उनसे मिलने के लिए जयसिंह अग्रवाल एक लैब के उद्घाटन वाले दिन सीधे जिला अस्पताल पहुंच गए. मंत्री अपने क्षेत्र के साथ पूरे प्रदेश में सक्रिय दिख रहे हैं. डायलिसिस सेंटर के उद्घाटन के दौरान भी वे कुछ मरीजों से मिलने सीधे उनके वार्ड में पहुंच गए थे. लोगों से मिलकर उनकी स्वास्थ्य की जानकारी लेते और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए काम करते-करते वे खुद भी पॉजिटिव हो गए थे. हालांकि स्वस्थ होते ही वे फिर से उतने ही सक्रिय दिख रहे हैं. मंत्री जयसिंह अग्रवाल नियमित अंतराल पर जिम्मेदार अधिकारियों और औद्योगिक उपक्रमों के आफसरों के साथ भी बैठकें कर रहे हैं.
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सार्वजनिक उपक्रमों ने विकसित नहीं की बड़ी सुविधा
नियमित अंतराल पर बालको और एनटीपीसी ने वेंटिलेटर के साथ कोरोना किट की मदद जिला प्रशासन को दी है. एनटीपीसी में हाल ही में 20 लाख रुपये भी कोरोना से लड़ने के लिए जिला प्रशासन को सौंपा था. अपने विधानसभा क्षेत्र और गृह जिले में आने वाले बड़े उद्योगों से मंत्री जयसिंह अग्रवाल बड़ी सुविधाओं को जिले में विकसित करने का दबाव आजतक नहीं बना पाए हैं. हाल ही में जयसिंह अग्रवाल ने वेदांता समूह को पत्र लिखकर जिले में 100 बिस्तर वाला ऑक्सीजन युक्त कोविड अस्पताल की मांग की थी, जबकि बालको अस्पताल में भी वेंटिलेटर, एनआईबी, डायलिसिस और सीटी स्कैन की सुविधा की मांग की थी. यह मांग भी अबतक पूरी नहीं हुई है. मंत्री ने इस दिशा में प्रयास जरूर किया है, लेकिन बालको, एनटीपीसी और एसईसीएल जैसी कंपनियों ने अपने नाम के अनुरूप कोई बड़ी सुविधा जिले में स्थापित नहीं की है. बालको ने अपना सर्वसुविधा युक्त कैंसर अस्पताल रायपुर में खोल दिया तो, एनटीपीसी में भी बड़े कोविड अस्पताल का उद्घाटन राज्य के बाहर किया. वर्तमान में बालको एनटीपीसी और एसईसीएल के विभागीय अस्पतालों में भी अपेक्षाकृत काफी कम सुविधाएं हैं.
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आपदा विभाग का पूरा फंड स्वास्थ्य विभाग को दिया
मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया कि आपदा मंत्री के तौर पर उन्होंने अपने विभाग का पूरा फंड स्वास्थ्य विभाग को दे दिया है. उन्होंने बताया कि आपदा और राजस्व विभाग के सभी फंड को स्वास्थ्य विभाग को दिया गया है, ताकि सुविधाएं विकसित करने के लिए पैसों की कोई कमी ना हो. उन्होंने बताया कि आसपास के बाकी राज्यों के मुकाबले छत्तीसगढ़ में काफी बेहतर सुविधाएं हैं. खासतौर से कोरबा जिले में ना तो वेंटिलेटर की कमी है, ना ही ऑक्सीजन या अस्पताल किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है. लोगों को पूरी सुविधाएं दी जा रही है.
तीसरी लहर से लड़ने के लिए सरकार तैयार
तीसरी लहर से बचने के लिए तैयारी पर मंत्री अग्रवाल का कहना है कि उनकी सरकार छत्तीसगढ़ में तीसरी लहर की आशंका को मानकर तैयारी कर रही है. इसमें महिलाओं और बच्चों पर प्रभाव पड़ेगा. इसके लिए वे विकासखंड स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को विकसित कर रहे हैं. खासतौर पर महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. इसके लिए वे पूरी तरह से तैयार हैं.
जिले में डॉक्टरों की भर्ती के लिए सभी रास्ते खुले हैं
जिले में एक महिला के खुले में प्रसव के सवाल पर मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश भर में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है, लेकिन जो नर्स बहनें हैं, जो डॉक्टर हैं और जो किसी भी तरह के चिकित्साकर्मी हैं, सभी पूरी उर्जा से काम कर रहे हैं. सभी इस महामारी से डंटकर सामना कर रहे हैं. ऐसे में यदि कोई छोटी-मोटी गलती हो जाए तो उसे नजरअंदाज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो हुआ और वह भी नहीं होना चाहिए था, लेकिन कुछ कमी है. इससे वो इनकार नहीं कर रहे हैं. जिले में यदि कोई चिकित्सक काम करना चाहें तो अब भी भर्ती के लिए सभी दरवाजे खुले हैं. वे डॉक्टरों की भर्ती कर व्यवस्थाओं को और दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे हैं.