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महिला सशक्तिकरण की मिसाल है कोरबा जिला, यहां महिलाओं को मिला 66% आरक्षण

कोरबा में जिला पंचायत की कुल 12 सीटों में से आठ सीटें महिला प्रत्याशियों के लिए आरक्षित मानी जा रही हैं. कोरबा जिले में पंचायत में महिलाओं की भागीदारी सबसे प्रदेश में सबसे ज्यादा है.

महिला शसक्तिकरण की मिशाल है कोरबा जिला,
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Published : Oct 16, 2019, 8:11 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 11:33 PM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ में पंचायती राज अधिनियम के तहत पंचायत चुनाव में 50 फीसदी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है, लेकिन कोरबा में इस आरक्षण की सीमा और ज्यादा बढ़कर 66 फीसदी हो जाती है. कोरबा जिले में पंचायत में महिलाओं की भागीदारी सबसे प्रदेश में सबसे ज्यादा है. कोरबा में जिला पंचायत की कुल 12 सीटों में से आठ सीटें महिला प्रत्याशियों के लिए आरक्षित मानी जा रही हैं. हालांकि किस क्षेत्र में यह नियम लागू होगा, इसका फैसला अभी नहीं हुआ है.

महिला शसक्तिकरण की मिशाल है कोरबा जिला

कोरबा में जिला पंचायत की 12 सीटें हैं, इसमें 1 सीट अनुसूचित जाति, 7 सीटें अनुसूचित जनजाति, 1 अन्य पिछड़ा वर्ग और 3 सीटें अनारक्षित. पंचायती राज अधिनियम के अनुपालन में हर वर्ग में महिलाओं की भागीदारी 50 फीसदी से कम नहीं की जा सकती है. इसलिए SC के लिए एक ही सीट आरक्षित होने के कारण यह महिला के खाते में गई. इसी तरह अन्य वर्गों को भी आरक्षण रोस्टर में फिट करने पर जिला पंचायत में महिलाओं की भागीदारी 50 की जगह 66 फीसदी हो गई है. चुनाव से पहले जनगणना के कोई आसार नहीं है, जिसके कारण 12 में से 8 सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहना लगभग तय माना जा रहा है.

नगरीय निकाय चुनाव के बाद पंचायत क्षेत्रों के लिए अधिसूचना जारी होगी. फिलहाल ग्राम पंचायत क्षेत्रों के परिसीमन का काम चालू है. परिसीमन के बाद ही जिला पंचायत सदस्यों के लिए आरक्षण का काम किया जाएगा. पंचायत परिसीमन के बाद जनपद और जिला पंचायत की कार्रवाई शुरू होगी.

औसतन 35 से 40 पंचायत
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में 390 ग्राम पंचायतें हैं. परिसीमन के बाद प्रारंभिक सूची में इनकी संख्या 412 बताई गई है. दावा-आपत्ति के बाद ज्यादा परिवर्तन नहीं होने की स्थिति में यह संख्या 412 हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तब भी प्रत्येक जिला पंचायत क्षेत्र में औसतन 40 ग्राम पंचायतें आएंगी.

कोरबा: छत्तीसगढ़ में पंचायती राज अधिनियम के तहत पंचायत चुनाव में 50 फीसदी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है, लेकिन कोरबा में इस आरक्षण की सीमा और ज्यादा बढ़कर 66 फीसदी हो जाती है. कोरबा जिले में पंचायत में महिलाओं की भागीदारी सबसे प्रदेश में सबसे ज्यादा है. कोरबा में जिला पंचायत की कुल 12 सीटों में से आठ सीटें महिला प्रत्याशियों के लिए आरक्षित मानी जा रही हैं. हालांकि किस क्षेत्र में यह नियम लागू होगा, इसका फैसला अभी नहीं हुआ है.

महिला शसक्तिकरण की मिशाल है कोरबा जिला

कोरबा में जिला पंचायत की 12 सीटें हैं, इसमें 1 सीट अनुसूचित जाति, 7 सीटें अनुसूचित जनजाति, 1 अन्य पिछड़ा वर्ग और 3 सीटें अनारक्षित. पंचायती राज अधिनियम के अनुपालन में हर वर्ग में महिलाओं की भागीदारी 50 फीसदी से कम नहीं की जा सकती है. इसलिए SC के लिए एक ही सीट आरक्षित होने के कारण यह महिला के खाते में गई. इसी तरह अन्य वर्गों को भी आरक्षण रोस्टर में फिट करने पर जिला पंचायत में महिलाओं की भागीदारी 50 की जगह 66 फीसदी हो गई है. चुनाव से पहले जनगणना के कोई आसार नहीं है, जिसके कारण 12 में से 8 सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहना लगभग तय माना जा रहा है.

नगरीय निकाय चुनाव के बाद पंचायत क्षेत्रों के लिए अधिसूचना जारी होगी. फिलहाल ग्राम पंचायत क्षेत्रों के परिसीमन का काम चालू है. परिसीमन के बाद ही जिला पंचायत सदस्यों के लिए आरक्षण का काम किया जाएगा. पंचायत परिसीमन के बाद जनपद और जिला पंचायत की कार्रवाई शुरू होगी.

औसतन 35 से 40 पंचायत
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में 390 ग्राम पंचायतें हैं. परिसीमन के बाद प्रारंभिक सूची में इनकी संख्या 412 बताई गई है. दावा-आपत्ति के बाद ज्यादा परिवर्तन नहीं होने की स्थिति में यह संख्या 412 हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तब भी प्रत्येक जिला पंचायत क्षेत्र में औसतन 40 ग्राम पंचायतें आएंगी.

Intro:कोरबा- पंचायती राज अधिनियम में 50 फ़ीसदी महिलाओं को आरक्षण, लेकिन उर्जाधानीमें ऐसे फिट होते हैं नियम 66 फीसदी हो जाती है महिलाशक्ति की भागीदारी. जिला पंचायत की कुल 12 सीटों में से आठ सीटें महिला प्रत्याशियों के लिए आरक्षित रहेगी। आरक्षण नियमों का लाभ इस बार भी महिला उम्मीदवारों को मिलेगा। हालांकि फिलहाल कौन से क्षेत्र में यह नियम लागू होंगे, इसका फैसला नहीं हुआ है।
Body:पंचायती राज अधिनियम में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था दी गई है। इस नियम को आरक्षण रोस्टर के अनुसार जिले में लागू किया जाता है। जिला पंचायत 12 सीटें हैं। इसमें से 1 सीट आदिवासी जाति(एससी), 7 सीटें अनुसूचित जनजाति(एसटी), 1 अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) जबकि 3 सीटें अनारक्षित(जन.) वर्ग के लिए आरक्षित हैं। अब पंचायती राज अधिनियम के अनुपालन में हर वर्ग में महिलाओं की भागीदारी 50 फीसदी से कम नहीं की जा सकती है। इसलिए एससी के लिए एक ही सीट आरक्षित होने के कारण यह महिला को चली गई। इसी तरह अन्य वर्गों को भी आरक्षण रोस्टर में फिट करने पर जिला पंचायत में महिलाओं की भागीदारी 50 के स्थान पर 66 फीसदी हो गयी है। इस चुनाव के पहले जनगणना हिने के आसार नहीं हैं, जिसके कारण 12 में से 8 सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहना लगभग तय है।Conclusion:नगरीय निकाय चुनाव के बाद पंचायत क्षेत्रों के लिए अधिसूचना जारी होगी। फिलहाल ग्राम पंचायत क्षेत्रों के परिसीमन का काम प्रक्रिया में है। परिसीमन के बाद ही जिला पंचायत सदस्यों के लिए आरक्षण आदि का कार्य किया जाएगा। पंचायत परिसीमन के बाद जनपद व जिला पंचायत की कार्यवाही शुरू होगी।

औसतन 35 से 40 पंचायत:
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में 390 ग्राम पंचायते हैं। परिसीमन के बाद प्रारंभिक सूची में इनकी संख्या 412 दर्शायी गई है। दावा आपत्ति के बाद ज्यादा परिवर्तन नहीं होने की स्थिति में संख्या 412 हो सकती है। ऐसा हुआ तब भी प्रत्येक जिला पंचायत क्षेत्र में औसतन 40 ग्राम पंचायतें आएंगी।

बाईट- जिला अंकेक्षक जेएस पैकरा
Last Updated : Oct 16, 2019, 11:33 PM IST
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