कोरबाः प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी एक आम बात हो गई है. लेकिन साल दर साल शिक्षकों की कमी बनी रहना शासन और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है. जिले के सरकारी स्कूल भी शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में टीचर्स की कमी से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है.
राज्य में शुरू हो चु्की है शिक्षक भर्ती प्रक्रिया
वर्तमान में सभी हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जा रही है. प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में भी शिक्षकों की मांग को लेकर जल्द ही शिक्षा विभाग पत्र और विज्ञापन जारी करेगा.
अतिथि शिक्षक के माध्यम से होगी पढ़ाई
डीईओ सतीश कुमार पाण्डेय ने बताया कि प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में रिक्त पदों में भर्ती के लिए डीएमएफ की राशि की मांग की जाएगी. उन्होंने बताया कि जिन स्कूलों में इसके बाद भी शिक्षकों की कमी रह जाती है और शासन स्तर से जब तक भर्ती नहीं हो जाती, तब तक वहां भी अतिथि शिक्षक के माध्यम से पढ़ाई होगी.
जिले के स्कूलों, शिक्षकों और लेक्चरर के आंकड़े-
- प्राइमरी स्कूल- 1478
- शिक्षकों की कमी- 191
- मिडिल स्कूल- 518
- हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल- 180
- लेक्चरर की कमी- 121
कब तक ठीक होगा सारा सिस्टम ?
यहां पर यह भी जानना जरूरी है कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति तो कर दी जाती है, लेकिन उनका वेतन उन्हें समय पर नहीं दिया जाता है. ऊपर से शिक्षकों को दूरदराज के स्कूलों में भर्ती दे दिया जाता है. अतिथि शिक्षकों की परेशानियां भी कुछ कम नहीं है, लेकिन बेरोजगारी के चलते वे काम करते हैं. दूसरी तरफ विभाग भी शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए इस तरह की भर्ती करने पर मजबूर है. सवाल यह है कि इस पूरे सिस्टम को शासन और प्रशासन कब तक ठीक कर पाता है.