ETV Bharat / state

Korba Bhu Visthapit: कोरबा में भूविस्थापितों के आंदोलन के बाद 5 अक्टूबर को एसईसीएल और जिला प्रशासन के साथ बैठक

Korba Bhu Visthapit एसईसीएल को अपनी जमीन देने वाले विस्थापितों ने गांधीवादी तरीके से आंदोलन किया. कलेक्ट्रेट के सामने ही बारिश में भी छाता लेकर बैठ गए. वहीं पर खाना बनाया और खाया. इसका असर भी दिखा. प्रशासन ने अब उन्हें बात करने के लिए बुलाया है.

Korba Bhu Visthapit
कोरबा में भू स्थापित
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 4, 2023, 10:10 AM IST

Updated : Oct 4, 2023, 10:26 AM IST

कोरबा: एसईसीएल क्षेत्र के भूविस्थापितों के आंदोलन के बाद आखिरकार जिला प्रशासन को झुकना पड़ा. देर रात तक चले भूविस्थापितों के आंदोलन के बाद प्रशासन ने देर रात एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया जिसके बाद आंदोलनकारियों ने अपना आंदोलन खत्म किया.

Korba Bhu Visthapit
कोरबा में भू स्थापित

मंगलवार को भूविस्थापितों ने बड़ा आंदोलन किया. रोजगार की मांग, पुनर्वास और खनन प्रभावित गांवों की समस्याओं के निराकरण के साथ ही 14 सूत्रीय मांगों को लेकर 50 गांव के भू विस्थापितों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया. जो देर रात तक चला. जिला प्रशासन व पुलिस की मौजूदगी में विस्थापित बारिश में भी छाता लेकर सड़क पर बैठे रहे. रात हुई तो यही खाना पकाकर एक दूसरे को खाना परोसने लगे.

SECL ने कुसमुंडा, गेवरा, कोरबा, दीपका में कई गांवों का अधिग्रहण किया है. इस अधिग्रहण का शिकार गरीब किसान हुए है. आज भी हजारों भू-विस्थापित पट्टा, जमीन वापसी, रोजगार, बसावट और मुआवजा के लिए चक्कर काट रहे है. अधिग्रहण के बाद जिन जमीनों पर 40 सालों में भी कोल इंडिया ने भौतिक कब्जा नहीं किया है. मूल किसान ही पीढ़ियों से वहां काबिज हैं. यह जमीन किसानों को वापस किया जाना चाहिए. जब किसानों की जबरन अधिग्रहित भूमि पर काबिज लोगों को पट्टे दिए जा रहे हैं, तो पुनर्वास गांवों के हजारों भू-विस्थापित किसानों को पट्टों से वंचित रखना समझ के परे हैं. प्रशांत झा, माकपा जिला सचिव

प्रशासन ने देर रात जारी किया आदेश : विस्थापितों का आंदोलन देर तक चलता देख प्रशासन ने देर रात आदेश जारी किया. जिसमें कहा गया है कि 5 अक्टूबर को सुबह 11 बजे भू विस्थापित, एसईसीएल और जिला प्रशासन की मौजूदगी में बैठक होगी. यही आदेश एसईसीएल के कोरबा, कुसमुंड, दीपका और गेवरा एरिया के महाप्रबंधक को जारी किया गया है. इस आदेश में विस्थापितों को बसावट, भूमि का पट्टा, जमीन वापसी और अन्य समस्याओं को दूर करने को लेकर बैठक का उल्लेख है. बैठक अपर कलेक्टर कटघोरा के रूम में आयोजित की गई है. जिसमें सभी अधिकारियों को उपस्थित रहने को कहा गया है.

विस्थापितों की ये है प्रमुख मांगें :

पुनर्वास गांव में काबिज भू विस्थापित परिवार को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाये.

कोल इंडिया द्वारा पूर्व में अधिग्रहित किये गये जमीनों को मूल खातेदार किसानों को वापस कराई जाये.

अधिग्रहण के बाद जिन जमीनों पर 40 सालों में कोल इंडिया ने भौतिक कब्जा नहीं किया है और जिन जमीनों पर किसान ही पीढ़ियों से काबिज है उन्हें किसानों के नाम वापस किया जाए.

अधिग्रहित गांव के पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों का वन टाइम सेटलमेंट कर सभी भू विस्थापितों को नौकरी दी जाए.

सरकारी जमीन पर भी काबिज को भी परिसंपत्तियों का पूरा मुआवजा दिया जाए

SECL में आऊट सोर्सिंग से होने वाले कार्यों में भू विस्थापितों और प्रभावित गांव के बेरोजगारों को 100 प्रतिशत रोजगार में रखा जाये.

डिप्लेयरिंग प्रभावित गांव सुराकछार बस्ती के किसानों को हुए नुकसान का क्षतिपूर्ति मुआवजा दिया जाए

भू विस्थापित परिवारों के सभी सदस्यों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा दी जाए

कोरबा: एसईसीएल क्षेत्र के भूविस्थापितों के आंदोलन के बाद आखिरकार जिला प्रशासन को झुकना पड़ा. देर रात तक चले भूविस्थापितों के आंदोलन के बाद प्रशासन ने देर रात एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया जिसके बाद आंदोलनकारियों ने अपना आंदोलन खत्म किया.

Korba Bhu Visthapit
कोरबा में भू स्थापित

मंगलवार को भूविस्थापितों ने बड़ा आंदोलन किया. रोजगार की मांग, पुनर्वास और खनन प्रभावित गांवों की समस्याओं के निराकरण के साथ ही 14 सूत्रीय मांगों को लेकर 50 गांव के भू विस्थापितों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया. जो देर रात तक चला. जिला प्रशासन व पुलिस की मौजूदगी में विस्थापित बारिश में भी छाता लेकर सड़क पर बैठे रहे. रात हुई तो यही खाना पकाकर एक दूसरे को खाना परोसने लगे.

SECL ने कुसमुंडा, गेवरा, कोरबा, दीपका में कई गांवों का अधिग्रहण किया है. इस अधिग्रहण का शिकार गरीब किसान हुए है. आज भी हजारों भू-विस्थापित पट्टा, जमीन वापसी, रोजगार, बसावट और मुआवजा के लिए चक्कर काट रहे है. अधिग्रहण के बाद जिन जमीनों पर 40 सालों में भी कोल इंडिया ने भौतिक कब्जा नहीं किया है. मूल किसान ही पीढ़ियों से वहां काबिज हैं. यह जमीन किसानों को वापस किया जाना चाहिए. जब किसानों की जबरन अधिग्रहित भूमि पर काबिज लोगों को पट्टे दिए जा रहे हैं, तो पुनर्वास गांवों के हजारों भू-विस्थापित किसानों को पट्टों से वंचित रखना समझ के परे हैं. प्रशांत झा, माकपा जिला सचिव

प्रशासन ने देर रात जारी किया आदेश : विस्थापितों का आंदोलन देर तक चलता देख प्रशासन ने देर रात आदेश जारी किया. जिसमें कहा गया है कि 5 अक्टूबर को सुबह 11 बजे भू विस्थापित, एसईसीएल और जिला प्रशासन की मौजूदगी में बैठक होगी. यही आदेश एसईसीएल के कोरबा, कुसमुंड, दीपका और गेवरा एरिया के महाप्रबंधक को जारी किया गया है. इस आदेश में विस्थापितों को बसावट, भूमि का पट्टा, जमीन वापसी और अन्य समस्याओं को दूर करने को लेकर बैठक का उल्लेख है. बैठक अपर कलेक्टर कटघोरा के रूम में आयोजित की गई है. जिसमें सभी अधिकारियों को उपस्थित रहने को कहा गया है.

विस्थापितों की ये है प्रमुख मांगें :

पुनर्वास गांव में काबिज भू विस्थापित परिवार को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाये.

कोल इंडिया द्वारा पूर्व में अधिग्रहित किये गये जमीनों को मूल खातेदार किसानों को वापस कराई जाये.

अधिग्रहण के बाद जिन जमीनों पर 40 सालों में कोल इंडिया ने भौतिक कब्जा नहीं किया है और जिन जमीनों पर किसान ही पीढ़ियों से काबिज है उन्हें किसानों के नाम वापस किया जाए.

अधिग्रहित गांव के पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों का वन टाइम सेटलमेंट कर सभी भू विस्थापितों को नौकरी दी जाए.

सरकारी जमीन पर भी काबिज को भी परिसंपत्तियों का पूरा मुआवजा दिया जाए

SECL में आऊट सोर्सिंग से होने वाले कार्यों में भू विस्थापितों और प्रभावित गांव के बेरोजगारों को 100 प्रतिशत रोजगार में रखा जाये.

डिप्लेयरिंग प्रभावित गांव सुराकछार बस्ती के किसानों को हुए नुकसान का क्षतिपूर्ति मुआवजा दिया जाए

भू विस्थापित परिवारों के सभी सदस्यों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा दी जाए

Last Updated : Oct 4, 2023, 10:26 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.