कोेरबा: जिले में कोरोना की रोकथाम और संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए घर-घर जाकर संदिग्ध लोगों की पहचान की जाएगी. बता दें कि प्रशासन इसके पहले भी 2-3 बार इस तरह के सर्वे कर चुकी है, लेकिन इससे फायदा क्या हुआ और किस तरह के नतीजे सामने आए यह अब भी साफ नहीं है.
सामुदायिक स्तर पर घर-घर जाकर लोगों से कोरोना के लक्षणों की जानकारी ली जाएगी. कोरोना लक्षण वाले लोगों की कोविड जांच कर उनका आइसोलेशन और इलाज किया जाएगा. जिले में 2 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान चलाया जाएगा, जिसके तहत सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों की कोरोना जांच की जाएगी. इस दौरान सर्वे दल हर घर में जाकर वहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे.
इस अभियान में ये रहेंगे शामिल
सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के दौरान कोरोना के लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान की जाएगी. सर्वे दल में क्षेत्र की मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, बहुद्देशीय कार्यकर्ता, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, पंचायत एवं ग्रामीण और नगरीय विकास विभाग के कर्मचारी शामिल रहेंगे. सर्वे अभियान के दौरान जिले के सभी परिवारों का कवरेज किया जाएगा.
जिला पंचायत सीईओ को नियुक्त किया जाएगा नोडल अधिकारी
कोविड-19 सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के लिए नियुक्त अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए दो अक्टूबर से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. प्रशिक्षण में सर्वे अभियान के उद्देश्य, कार्यविधि, डाटा फ्लो और प्रपत्र की जानकारी दी जाएगी. सर्वे अभियान के लिए जिला पंचायत सीईओ को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. शहरी क्षेत्रों में सर्वे अभियान के लिए नगर निगम आयुक्त प्रभारी होंगे.
5 अक्टूबर से शुरू होगा सर्वे अभियान
विकासखंड स्तर पर जनपद पंचायत सीईओ सर्वे अभियान को सुनिश्चित करायेंगे. 5 अक्टूबर से सर्वे अभियान शुरू होगा. इसके साथ ही सभी गतिविधियां एक हफ्ते में पूरी की जाएंगी. इस अभियान के दौरान परिवार के सिर्फ लक्षणात्मक व्यक्तियों की जानकारी इकट्ठा की जाएगी.
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घर-घर जाकर लोगों में बुखार, सर्दी-खांसी, सांस लेने में तकलीफ और शरीर में दर्द जैसे लक्षणों की जानकारी ली जाएगी. सर्वे के दौरान लक्षणात्मक लोगों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा लक्षणात्मक व्यक्तियों की जांच की व्यवस्था की जाएगी. जांच के लिए व्यक्तियों की संख्या ज्यादा होने पर उच्च जोखिम समूह वाले लोगों जैसे 60 साल से ज्यादा, गर्भवती महिला, पांच साल से कम उम्र के बच्चे, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति, कैंसर, किडनी रोग वाले, टीबी रोग, सिकलसेल और एड्स के मरीजों की पहले जांच कराई जाएगी. ऐसे सभी लक्षण वाले व्यक्ति के सैंपल जांच के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भेजे जाएंगे. वहीं रैपिड एंटीजन जांच में लक्षणात्मक व्यक्ति की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर ऐसे सभी लोगों का सैंपल लेकर आरटीपीसीआर जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा.