कोरबा: उल्लुओं की रक्षा करने के लिए पुलिस को मुख्यालय से निर्देश जारी किए गए है. अब पुलिस उल्लू की रक्षा करेगी. दरअसल, उल्लू किसानों के मित्र होते हैं. ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि उल्लू, चूहे जैसे कई ऐसे जानवरों का शिकार करते हैं, जो फसल को नुकसान पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं.
पुलिस मुख्यालय ने थानों को निर्देश जारी कर उल्लू की तस्करी जैसी वारदातों पर ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. आदेश में जिक्र किया गया है कि दीपावली के आस-पास अंधविश्वास रखने वाले लोग उल्लू की बलि चढ़ाते हैं, जिससे की उल्लू की प्रजाति पर संकट मंडरा रहा है. इस तरह की घटनाओं में लिप्त लोगों को 7 वर्ष की सजा या जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है.
उल्लू के शिकार पर रोक
लोगों का कहना है कि उल्लू को रहस्य का प्रतीक भी माना जाता है. तंत्र-मंत्र साधना के लिए बड़े पैमाने पर उल्लू का शिकार किया जाता है. अभी खेतों में फसल खड़ी है. ऐसे में उल्लू की उपयोगिता और भी बढ़ जाती है. पुलिस अधीक्षक कार्यालय से सभी थानों और चौकियों में निर्देश जारी किया गया है उल्लू का शिकार करने वालों पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए.
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7 साल की सजा
उल्लू का शिकार करते पाए जाने पर आरोपी को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत 7 साल सजा का प्रावधान है. अब इस मामले में पुलिस का हस्तक्षेप होने से कुछ हद तक उल्लुओं की जान बच सकती है.