कोरबा: कोरोना संक्रमित मरीजों की स्थिति में सुधार लाने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. ये इंजेक्शन मार्केट में आसानी से नहीं मिल रहा है. इसकी किल्लत से कोरोना संक्रमित मरीज और उनके परिजन खासे परेशान हैं. इस बीच प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री व वर्तमान में रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि 'प्रदेश में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी चरम पर पहुंच चुकी है. जिसके कारण ही शासन और प्रशासन ने इंजेक्शन को जानबूझकर स्टोर कर दिया है. ताकि इसके एवज में ज्यादा कीमत वसूली जा सके.'
'जब निर्यात पर रोक तो खरीदी क्यों नहीं'
ननकी ने दो टूक कहा है कि केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर के निर्यात पर रोक लगा दी है. जब निर्यात पर रोक लगी तो छत्तीसगढ़ सरकार ने इसकी खरीदी क्यों नहीं की ? प्रदेश सरकार दिवालिया होने के कगार पर है. सरकार जमीन बेचकर पैसे कमा रही है. एक पावर प्लांट बेच दिया और एक और बेचने वाले हैं. राज्य के हालात चिंताजनक है. लेकिन दवाओं की कालाबाजारी हो रही है. प्रदेश में करप्शन इस कदर बढ़ गया है कि सब को पैसा चाहिए फिर चाहे वह निचले स्तर के पटवारी हो, पुलिस हो सबको पैसे चाहिए. लोग अंधाधुंध कमाई करने की सोच रहे हैं.
'रेमडेसिविर इंजेक्शन' की शॉर्टेज कहीं बिगाड़ ना दे कोरोना मरीजों का हाल
'CMHO ने कहा सिर्फ 10 इंजेक्शन बची है'
ननकी ने अपनी आपबीती भी बताई. ननकी का कहना है कि मेरे परिचित एक प्राचार्य कोरोना संक्रमित हैं, प्राचार्य का फोन आया और उन्होंने कहा कि मुझे इंजेक्शन नहीं दिया जा रहा है. जिस पर उन्होंने तुरंत CMHO को फोन लगाया तो उन्होंने बताया कि उनके पास सिर्फ 10 इंजेक्शन बचे हैं. लेकिन फिर भी उनके परिचित को इंजेक्शन नहीं मिल पाया. ननकी ने कहा कि प्राचार्य गुहार लगाते रह गए लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं मिला. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम आदमी के साथ क्या हो रहा है.