कोरबा: बीते 17 अगस्त को निजी नर्सिंग होम में शिशु की मौत के बाद विवाद हो गया था. परिजनों ने डॉक्टर से मारपीट की थी. आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पूरी होते ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(IMA) के डॉक्टर्स ने हड़ताल वापस ले ली है. अब बुधवार से सभी निजी अस्पतालों और क्लिनिक में ओपीडी की सेवा शुरू की जाएगी. हालांकि इस पूरे केस में जिस परिवार की बेटी ने अपने बच्चे को खोया उनकी तरफ से भी डॉक्टर के खिलाफ लापरवाही की शिकायत पुलिस में की गई है.
नवजीवन नर्सिंग होम के संचालक डॉ. रोहित बंछोर ने पुलिस से शिकायत की थी. जिसमें कहा गया था कि बच्चे के गर्भ में मौत को लेकर प्रसूता के परिजनों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया था. उनके साथ बदसलूकी करते हुए मारपीट की गई थी. परिजनों ने भी डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था. लिखित शिकायत भी पुलिस से की थी. घटना के बाद पुलिस ने दोनों ओर से शिकायत पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की थी.
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घटना के बाद आईएमए के डॉक्टर आक्रोशित हो गए और 26 अगस्त को हड़ताल की घोषणा कर दी. डॉक्टर्स ने अस्पतालों और क्लीनिक के सामने पोस्टर चस्पा कर दिया और आरोपियों की गिरफ्तारी तक हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया. हड़ताल की घोषणा होते ही पुलिस पर दबाव बना और उन्होंने 25 अगस्त की रात को एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. मंगलवार की दोपहर को दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेज दिया. जिसके बाद निर्णय लिया गया कि अब चिकित्सक ओपीडी के सेवाएं शुरू करेंगे.
नहीं बरती गई लापरवाही
डॉ. रोहित बंछोर का कहना है कि प्रसूता और बच्चे दोनों ही स्वस्थ थे. नॉरमल डिलीवरी की परिस्थितियां थी. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन एक हजार में 1 केस ऐसा होता है. जब बच्चे की नाल बाहर आ जाती है. ऐसे में ऑपरेशन कर बच्चे को बचाने के लिए 3 से 4 मिनट का ही समय मिलता है. कई मामलों में बच्चे को बचा लिया जाता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में उनकी मौत होती है. इस केस में भी यही हुआ, दुर्भाग्यवश हम बच्चे को नहीं बचा सके, लेकिन इसमें लापरवाही कहीं भी नहीं बरती गई.