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SPECIAL: महंगाई में अवैध वसूली की मार, ट्रांसपोर्टेशन और डिलीवरी चार्ज ने तोड़ी कमर

देश में लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतों ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने रसोई गैस की कीमतें भी लगातार बढ़ रही है. ऊपर से होम डिलीवरी के नाम पर अवैध वसूली ने लोगों को परेशान कर रखा है. गैस की कीमतें बढ़ने से रसोई का जायका के साथ घर का बजट भी बिगड़ने लागा है.

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Published : Mar 6, 2021, 5:57 PM IST

gas cylinders price increases
एलपीजी के दाम

कोरबा: देश में लगातार बढ़ रहे घरेलू गैस की कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. गैस की बढ़ती कीमतों के पीछे ट्रांसपोर्टेशन खर्च में वृद्धि को भी कारण बताया जा रहा है. सब्सिडी वाले सिलेंडर भी अब तकरीबन 900 रुपये की आ रही है. इसके अलावा होम डिलीवरी के नाम पर वितरण कंपनियों के डिलीवरी मैन 20 से 30 रुपये अतिरिक्त वसूल लेते हैं.

महंगाई में अवैध वसूली की मार

तेल कंपनियों से निर्धारित मापदंडों के मुताबिक एलपीजी गैस के वर्तमान बाजार भाव में होम डिलीवरी के चार्ज भी जुड़े होते हैं. जनता को होम डिलीवरी के वक्त किसी भी अन्य तरह के शुल्क चुकाने का कोई नियम नहीं है, लेकिन वितरण कंपनियों के एजेंट रसीद में अंकित दाम के अलावा 20 से 30 रुपये की अवैध वसूली कर रहे हैं. जिससे एलपीजी गैस के दाम पहले से और भी बढ़ गए हैं. वितरण कंपनी वर्तमान में 909 रुपये की रसीद काट रहे हैं. जब डिलीवरी मैन एलपीजी सिलिंडर घर-घर पहुंचाने के लिए 20 से 30 रुपये की अतिरिक्त वसूली कर रहे हैं. 20 से 30 रुपये का अतिरिक्त बोझ जनता की जेब पर भारी पड़ रहा है. महंगाई के इस दौर में यह खर्च वहन करना लोगों के लिए मुश्किल होते जा रहा है. वितरण कंपनी के एजेंट पाइप और रेगुलेटर देने के नाम पर भी अनावश्यक शुल्क ले रहे हैं.

लाल प्याज के बढ़ते दाम से कम हुई बिक्री, सफेद प्याज की ओर बढ़े लोग

ट्रांसपोर्टेशन खर्च बढ़ने से भी बढ़ी महंगाई

ट्रांसपोर्ट कंपनी के साथ भी गैस वितरण कंपनी के संचालकों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के साथ ही परिवहन खर्च बढ़ गया है. पहले जो भाड़ा 2500 हजार रुपये था, अब 3000 के पार पहुंच चुका है. ट्रांसपोर्टिंग खर्च बढ़ने का असर सभी सामानों पर पड़ा है. जिले में जिन सामानों की आपूर्ति थोक में रायपुर से होती है. उन सभी के दाम में बढ़ोतरी हुई है. यहीं कारण है कि जिस एलपीजी सिलेंडर के दाम पिछले वर्ष के नवंबर माह में 680 हुआ करते थे. वर्तमान में उसी की कीमत 909 तक पहुंच चुकी है.

SPECIAL: रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने मिडिल क्लास का बिगाड़ा बजट

दाम बढ़े लेकिन सब्सिडी घटी

पिछले वर्ष तक सिलेंडर के दाम 500 से 700 रुपये के बीच हुआ करते थे. तब सब्सिडी भी लगभग 250 से 300 के बीच मिला करती थी, लेकिन वर्तमान में एलपीजी सिलेंडर के भाव 909 तक पहुंच चुके हैं. वहीं सब्सिडी की राशि भी अब महज 67 रुपये ही मिल रही है.

इस तरह बढ़ी गैस की कीमतें

महीनासाल कीमत (रुपये में)
नवंबर 2020 680
1 दिसंबर 2020731
16 दिसंबर 2020 782
4 फरवरी 2021 807
15 फरवरी 2021 858
25 फरवरी 2021 884
1 मार्च 2021 909

कोरबा: देश में लगातार बढ़ रहे घरेलू गैस की कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. गैस की बढ़ती कीमतों के पीछे ट्रांसपोर्टेशन खर्च में वृद्धि को भी कारण बताया जा रहा है. सब्सिडी वाले सिलेंडर भी अब तकरीबन 900 रुपये की आ रही है. इसके अलावा होम डिलीवरी के नाम पर वितरण कंपनियों के डिलीवरी मैन 20 से 30 रुपये अतिरिक्त वसूल लेते हैं.

महंगाई में अवैध वसूली की मार

तेल कंपनियों से निर्धारित मापदंडों के मुताबिक एलपीजी गैस के वर्तमान बाजार भाव में होम डिलीवरी के चार्ज भी जुड़े होते हैं. जनता को होम डिलीवरी के वक्त किसी भी अन्य तरह के शुल्क चुकाने का कोई नियम नहीं है, लेकिन वितरण कंपनियों के एजेंट रसीद में अंकित दाम के अलावा 20 से 30 रुपये की अवैध वसूली कर रहे हैं. जिससे एलपीजी गैस के दाम पहले से और भी बढ़ गए हैं. वितरण कंपनी वर्तमान में 909 रुपये की रसीद काट रहे हैं. जब डिलीवरी मैन एलपीजी सिलिंडर घर-घर पहुंचाने के लिए 20 से 30 रुपये की अतिरिक्त वसूली कर रहे हैं. 20 से 30 रुपये का अतिरिक्त बोझ जनता की जेब पर भारी पड़ रहा है. महंगाई के इस दौर में यह खर्च वहन करना लोगों के लिए मुश्किल होते जा रहा है. वितरण कंपनी के एजेंट पाइप और रेगुलेटर देने के नाम पर भी अनावश्यक शुल्क ले रहे हैं.

लाल प्याज के बढ़ते दाम से कम हुई बिक्री, सफेद प्याज की ओर बढ़े लोग

ट्रांसपोर्टेशन खर्च बढ़ने से भी बढ़ी महंगाई

ट्रांसपोर्ट कंपनी के साथ भी गैस वितरण कंपनी के संचालकों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के साथ ही परिवहन खर्च बढ़ गया है. पहले जो भाड़ा 2500 हजार रुपये था, अब 3000 के पार पहुंच चुका है. ट्रांसपोर्टिंग खर्च बढ़ने का असर सभी सामानों पर पड़ा है. जिले में जिन सामानों की आपूर्ति थोक में रायपुर से होती है. उन सभी के दाम में बढ़ोतरी हुई है. यहीं कारण है कि जिस एलपीजी सिलेंडर के दाम पिछले वर्ष के नवंबर माह में 680 हुआ करते थे. वर्तमान में उसी की कीमत 909 तक पहुंच चुकी है.

SPECIAL: रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने मिडिल क्लास का बिगाड़ा बजट

दाम बढ़े लेकिन सब्सिडी घटी

पिछले वर्ष तक सिलेंडर के दाम 500 से 700 रुपये के बीच हुआ करते थे. तब सब्सिडी भी लगभग 250 से 300 के बीच मिला करती थी, लेकिन वर्तमान में एलपीजी सिलेंडर के भाव 909 तक पहुंच चुके हैं. वहीं सब्सिडी की राशि भी अब महज 67 रुपये ही मिल रही है.

इस तरह बढ़ी गैस की कीमतें

महीनासाल कीमत (रुपये में)
नवंबर 2020 680
1 दिसंबर 2020731
16 दिसंबर 2020 782
4 फरवरी 2021 807
15 फरवरी 2021 858
25 फरवरी 2021 884
1 मार्च 2021 909
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