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कोरबा: भारी बारिश से कहीं घरों में घुसा नाले का पानी, तो कहीं डूबी बस्तियां

मानसून की पहली बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है. मंगलवार की रात और बुधवार की सुबह हुई तेज बारिश से लोग खासा परेशान हैं. शहर के सीतामढ़ी सहित कई क्षेत्रों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है.

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कोरबा बारिश
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Published : Jun 17, 2020, 3:59 PM IST

Updated : Jun 17, 2020, 7:38 PM IST

कोरबा : मानसून की पहली बारिश से शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खुल गई. एक रात की बारिश से ही जलभराव की स्थिति पैदा हो गई. लोगों के घरों में गंदा पानी के साथ-साथ कचरा भी बहकर घुसने लग गया. पहली ही बारिश से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, जबकि बरसात का सीजन अभी शुरू हुआ है.

बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
समय रहते नालों की सफाई और ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत नहीं होने से शहर में जल निकासी के लिए कोई रास्ता ही नहीं बचा है. इसके कारण पानी लोगों के घरों में घुस आया है. लोग पूरे दिन निगम की अव्यवस्था को कोसते रहे और अपने घरों से पानी निकलने का इंतजार करते रहे.

पढ़ें : कोविड-19 : बारिश में कोरोना संक्रमण से बचाएगा यह वाटरप्रूफ मास्क

मंदिर में घुसा पानी
सीतामणी स्थित प्राचीन सीता गुफा मंदिर में भी बारिश का पानी घुस गया, यहां स्थित नाले से जल निकासी नहीं होने के कारण नाले का पूरा पानी मंदिर में जमा हो गया, जिससे पुजारी पूरे दिन परेशान रहा.

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बारिश में मिट्टी का घर ढ़हा
मिट्टी के घर भी हुए क्षतिग्रस्त
सीतामणी क्षेत्र में कुम्हार मोहल्ले के पास लोग बस्तियों में रह रहे हैं. यहां लोगों के घर मिट्टी के बने हुए हैं. रातभर की बारिश से कई लोगों के मिट्टी के मकान टूट गए, जिससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया.
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बारिश के पानी के बीच बस्ती
मुड़ापार तालाब लबालब
मुड़ापार, शारदा विहार स्थित तालाब रातभर की बारिश के बाद लबालब हो गया है. सूखे तालाब की मरम्मत के लिए रखे वाहन भी रात भर की बारिश से डूब गए.

अतिक्रमण भी काफी हद तक जिम्मेदार
नगर निगम के अपर आयुक्त अशोक शर्मा की मानें तो शहर के बड़े-बड़े नाले जहां से जल निकासी होती है, वहां लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है, कई अवैध बस्तियां बन गई हैं. इससे जल निकासी के मार्ग बंद हो गए हैं. यह भी ड्रेनेज सिस्टम के फेल होने का एक बड़ा कारण है.

कोरबा : मानसून की पहली बारिश से शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खुल गई. एक रात की बारिश से ही जलभराव की स्थिति पैदा हो गई. लोगों के घरों में गंदा पानी के साथ-साथ कचरा भी बहकर घुसने लग गया. पहली ही बारिश से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, जबकि बरसात का सीजन अभी शुरू हुआ है.

बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
समय रहते नालों की सफाई और ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत नहीं होने से शहर में जल निकासी के लिए कोई रास्ता ही नहीं बचा है. इसके कारण पानी लोगों के घरों में घुस आया है. लोग पूरे दिन निगम की अव्यवस्था को कोसते रहे और अपने घरों से पानी निकलने का इंतजार करते रहे.

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मंदिर में घुसा पानी
सीतामणी स्थित प्राचीन सीता गुफा मंदिर में भी बारिश का पानी घुस गया, यहां स्थित नाले से जल निकासी नहीं होने के कारण नाले का पूरा पानी मंदिर में जमा हो गया, जिससे पुजारी पूरे दिन परेशान रहा.

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बारिश में मिट्टी का घर ढ़हा
मिट्टी के घर भी हुए क्षतिग्रस्त
सीतामणी क्षेत्र में कुम्हार मोहल्ले के पास लोग बस्तियों में रह रहे हैं. यहां लोगों के घर मिट्टी के बने हुए हैं. रातभर की बारिश से कई लोगों के मिट्टी के मकान टूट गए, जिससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया.
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बारिश के पानी के बीच बस्ती
मुड़ापार तालाब लबालब
मुड़ापार, शारदा विहार स्थित तालाब रातभर की बारिश के बाद लबालब हो गया है. सूखे तालाब की मरम्मत के लिए रखे वाहन भी रात भर की बारिश से डूब गए.

अतिक्रमण भी काफी हद तक जिम्मेदार
नगर निगम के अपर आयुक्त अशोक शर्मा की मानें तो शहर के बड़े-बड़े नाले जहां से जल निकासी होती है, वहां लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है, कई अवैध बस्तियां बन गई हैं. इससे जल निकासी के मार्ग बंद हो गए हैं. यह भी ड्रेनेज सिस्टम के फेल होने का एक बड़ा कारण है.

Last Updated : Jun 17, 2020, 7:38 PM IST
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