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कोरबा में मूसलाधार बारिश से भारी क्षति, कई पेड़ उखड़े, रास्ता भी जाम

कोरबा में बुधवार शाम मूसलाधार बारिश से क्षेत्र में भारी क्षति हुई है. आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 5 मवेशियों की मौत हो गई. जिले में कई जगह पेड़ टूटकर गिर गए हैं, जिससे सड़कों पर जाम लग गया है. बारिश की वजह से इलाकों में बिजली की व्यवस्था ठप रही.

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Published : May 13, 2021, 10:37 AM IST

कोरबा: प्रदेश के मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है. बीते कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में बारिश हो रही है. इसी कड़ी में कोरबा में बुधवार शाम लगातार 1 घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई. जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया. बारिश से बिजली के खंभों को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची. इससे कई इलाकों में घंटों बिजली गुल रही. इस दौरान कई मवेशियों की भी मौत हुई है, साथ ही पेड़ भी उखड़कर गिर गए हैं, जिससे सड़कें भी जाम हो गईं.

कोरबा में मूसलाधार बारिश से भारी क्षति

जिले के मौसम में द्रोणिका-चक्रवात घेरे का असर

जिले में पड़ोसी राज्यों के ऊपर बने द्रोणिका की वजह से मौसम ने बुधवार शाम को जमकर कहर बरसाया. तेज आंधी तूफान और गरज-चमक के साथ हुई बारिश ने लोगों को खासा डरा दिया. ऐसे भयावह मौसम के बीच आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 5 मवेशियों की मौत हो गई. जिले के शारदा विहार रेलपटरी के ऊपर एक बड़ा पेड़ टूटकर गिर गया. जिससे मालगाड़ियों का प्रचालन बाधित रहा. पेड़ गिरने से सीएसईबी रेलवे लाइन और बालको रेलवे लाइन बंद हो गया. जिले के शहरी इलाकों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी बारिश ने अपना कहर दिखाया है. गांवों में भी पेड़ गिरने और बिजली के तार टूट गए हैं. कटघोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत धनरास में शाम 6 बजे से बिगड़ते मौसम के दौरान बिजली गिरने से 3 बैलों की मौत हो गई है.

छत्तीसगढ़ में कुछ जगहों पर गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना


जिले में एक चक्रीय चक्रवाती घेरा विदर्भ के ऊपर 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. दूसरा घेरा एक उत्तर-दक्षिण द्रोणिका हवा की अनियमित गति विदर्भ से केरल तक मराठवाड़ा और अंदरूनी कर्नाटक होते हुए 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. पूर्व-पश्चिम द्रोणिका की वजह से बुधवार को प्रदेश में कई स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश हुई. मध्य छत्तीसगढ़ में तेज आंधी और गरज-चमक के साथ बारिश हुई.

घंटा घर के पास जलभराव

कोरबा में तेज बारिश के पास घंटाघर पहुंचाने वाले मुख्य मार्ग में जलभराव जैसे स्थिति बन गई. यहां स्थित नाले में अक्सर पानी भर जाता है. जिसका लॉकडाउन में ही मरम्मत कार्य जारी है. इस दौरान ही बारिश से यहां जलभराव हो गया. बारिश के कारण निचले क्षेत्रों में जलभराव सहित अन्य तरह की क्षति होने की भी सूचनाएं लगातार मिली हैं. शहर सहित ग्रामीण अंचल के सैकड़ों गांव में विद्युत व्यवस्था चरमरा गई है. जिसे सुधारने की कोशिश की जा रही है. बिजली गिरने से बड़े पैमाने ओर खंभो और इंसुलेटर को नुकसान पहुंचा है.

छत्तीसगढ़ में आज से 24*7 कोरोना की होगी जांच

कई इलाकों में बिजली गुल

कोरबा में मौसम खुलने के बाद बारिश के कारण विद्युत विभाग के मेंटेनेंस अमले को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. हालांकि कोरबा शहर में इलेक्ट्रिसिटी व्यवस्था कहीं-कहीं चालू हो गई है. लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बिजली व्यवस्था नहीं सुधारी जा सकी है. जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को अंधेरे में भी रात गुजारनी पड़ सकती है. जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत पोल और विद्युत तार पेड़ गिरने से उखड़ गए हैं. वहीं इस आंधी-तूफान के कारण शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंटरनेट की व्यवस्था गड़बड़ाई रही.

कोरबा: प्रदेश के मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है. बीते कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में बारिश हो रही है. इसी कड़ी में कोरबा में बुधवार शाम लगातार 1 घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई. जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया. बारिश से बिजली के खंभों को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची. इससे कई इलाकों में घंटों बिजली गुल रही. इस दौरान कई मवेशियों की भी मौत हुई है, साथ ही पेड़ भी उखड़कर गिर गए हैं, जिससे सड़कें भी जाम हो गईं.

कोरबा में मूसलाधार बारिश से भारी क्षति

जिले के मौसम में द्रोणिका-चक्रवात घेरे का असर

जिले में पड़ोसी राज्यों के ऊपर बने द्रोणिका की वजह से मौसम ने बुधवार शाम को जमकर कहर बरसाया. तेज आंधी तूफान और गरज-चमक के साथ हुई बारिश ने लोगों को खासा डरा दिया. ऐसे भयावह मौसम के बीच आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 5 मवेशियों की मौत हो गई. जिले के शारदा विहार रेलपटरी के ऊपर एक बड़ा पेड़ टूटकर गिर गया. जिससे मालगाड़ियों का प्रचालन बाधित रहा. पेड़ गिरने से सीएसईबी रेलवे लाइन और बालको रेलवे लाइन बंद हो गया. जिले के शहरी इलाकों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी बारिश ने अपना कहर दिखाया है. गांवों में भी पेड़ गिरने और बिजली के तार टूट गए हैं. कटघोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत धनरास में शाम 6 बजे से बिगड़ते मौसम के दौरान बिजली गिरने से 3 बैलों की मौत हो गई है.

छत्तीसगढ़ में कुछ जगहों पर गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना


जिले में एक चक्रीय चक्रवाती घेरा विदर्भ के ऊपर 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. दूसरा घेरा एक उत्तर-दक्षिण द्रोणिका हवा की अनियमित गति विदर्भ से केरल तक मराठवाड़ा और अंदरूनी कर्नाटक होते हुए 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. पूर्व-पश्चिम द्रोणिका की वजह से बुधवार को प्रदेश में कई स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश हुई. मध्य छत्तीसगढ़ में तेज आंधी और गरज-चमक के साथ बारिश हुई.

घंटा घर के पास जलभराव

कोरबा में तेज बारिश के पास घंटाघर पहुंचाने वाले मुख्य मार्ग में जलभराव जैसे स्थिति बन गई. यहां स्थित नाले में अक्सर पानी भर जाता है. जिसका लॉकडाउन में ही मरम्मत कार्य जारी है. इस दौरान ही बारिश से यहां जलभराव हो गया. बारिश के कारण निचले क्षेत्रों में जलभराव सहित अन्य तरह की क्षति होने की भी सूचनाएं लगातार मिली हैं. शहर सहित ग्रामीण अंचल के सैकड़ों गांव में विद्युत व्यवस्था चरमरा गई है. जिसे सुधारने की कोशिश की जा रही है. बिजली गिरने से बड़े पैमाने ओर खंभो और इंसुलेटर को नुकसान पहुंचा है.

छत्तीसगढ़ में आज से 24*7 कोरोना की होगी जांच

कई इलाकों में बिजली गुल

कोरबा में मौसम खुलने के बाद बारिश के कारण विद्युत विभाग के मेंटेनेंस अमले को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. हालांकि कोरबा शहर में इलेक्ट्रिसिटी व्यवस्था कहीं-कहीं चालू हो गई है. लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी बिजली व्यवस्था नहीं सुधारी जा सकी है. जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को अंधेरे में भी रात गुजारनी पड़ सकती है. जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत पोल और विद्युत तार पेड़ गिरने से उखड़ गए हैं. वहीं इस आंधी-तूफान के कारण शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंटरनेट की व्यवस्था गड़बड़ाई रही.

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