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VIDEO: वैक्सीन लगवाने आए दंपति ने स्वास्थ्यकर्मी पर बदसलूकी का आरोप लगाया

कोरबा में वैक्सीनेशन के लिए गए दंपति ने स्वास्थ्यकर्मी पर बदसलूकी का आरोप लगाया है. दंपति का कहना है कि स्वास्थ्यकर्मी ने टीकाकरण नहीं करने की धमकी देते हुए लौट जाने को कहा था.

Health worker misbehaved with couple who came to get  corona vaccine in korba
स्वास्थ्यकर्मी ने की बदतमीजी
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Published : May 11, 2021, 11:47 AM IST

Updated : May 11, 2021, 1:16 PM IST

कोरबा : प्रदेश सरकार को जनसंख्या के अनुपात में इतने टीके नहीं मिले हैं, जिससे सभी का टीकाकरण किया जा सके. वैक्सीन की किल्लत प्रदेश में बरकरार है. इस बीच स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों की जनता से दुर्व्यवहार की शिकायतें सामने आई हैं. टीकाकरण में भेदभाव करना और सवाल पूछने पर लोगों को टीके से ही वंचित किए जाने की शिकायत मिल रही है. बालको क्षेत्र के नेहरू नगर स्वास्थ्य केंद्र में भी सुपरवाइजर देवेन्द्र सोलंकी पर एक दंपति ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है.

स्वास्थ्यकर्मी ने की बदतमीजी

बीपीएल श्रेणी से आने वाली महिला प्रीति साहू ने बताया कि 'हम नेहरू नगर के स्वास्थ्य केंद्र में सुबह ही पहुंच गए थे. सबसे पहले हम कतार में लगे थे. हमारा टीकाकरण नहीं किया गया. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी देवेंद्र कुमार सोलंकी टेंपरेचर मशीन को लेकर पहुंचे और अभद्र तरीके से व्यवहार करते हुए धमकी देने लगे. इस बात पर आपत्ति जताई, तो कार्ड वापस कर यह धमकी दी गई कि जो करना है, वह कर लो, तुम्हें कहीं भी वैक्सीन नहीं लग पाएगी. महिला ने बताया कि विरोध करने पर उसने कहा कि 'मैं सोलंकी बोल रहा हूं, मैं ही हूं अधिकारी, जो बोलता हूं वह होता है, कितने आए कितने गए, मेरा कुछ नहीं कर पाए.' इस रवैये से लोगों में गुस्सा देखा गया है. हितग्राहियों का कहना है कि महिलाओं के साथ बदसलूकी करने वाले इस तरह के कर्मचारियों को तत्काल यहां से हटा दिया जाए और इनके ऊपर कार्रवाई भी की जाए.

दर्द से कराह रही प्रसूता को पहले कोरोना जांच कराने को कहा, लाइन में दिया बच्चे को जन्म

आरोपों से सुपरवाइजर हुए नाराज

इन आरोपों की सत्यता जानने के लिए सोलंकी को ETV भारत ने फोन किया, तो वे नाराज हो गए. मामले की जानकारी देने के बजाय कहने लगे कि जो छापना है छाप लो मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा. जिले में विभाग के उच्च अधिकारी हों या डॉक्टर, कोरोना से लड़ाई और टीकाकरण को सफल कराने में मेहनत कर रहे हैं. लेकिन इस तरह के मामले ये सोचने पर मजबूर करते हैं कि कुछ मैदानी स्तर के कर्मचारी फ्रंटलाइन वर्कर्स की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं.

बीएमओ ने कही जांच की बात

लोग पहले तो टीके के लिए कतार में लगकर धक्के खाने को विवश हैं. मुश्किल से नंबर आता है और फिर इस तरह की शिकायतें सामने आती हैं. टीकाकरण केंद्र में अव्यवस्था और जनता से दुर्व्यवहार के सवाल पर बीएमओ दीपक राज ने कहा कि इस मामले की शिकायत उन्हें मिली है, जांच के बाद ठोस कार्रवाई की जाएगी.

कोरबा : प्रदेश सरकार को जनसंख्या के अनुपात में इतने टीके नहीं मिले हैं, जिससे सभी का टीकाकरण किया जा सके. वैक्सीन की किल्लत प्रदेश में बरकरार है. इस बीच स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों की जनता से दुर्व्यवहार की शिकायतें सामने आई हैं. टीकाकरण में भेदभाव करना और सवाल पूछने पर लोगों को टीके से ही वंचित किए जाने की शिकायत मिल रही है. बालको क्षेत्र के नेहरू नगर स्वास्थ्य केंद्र में भी सुपरवाइजर देवेन्द्र सोलंकी पर एक दंपति ने दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है.

स्वास्थ्यकर्मी ने की बदतमीजी

बीपीएल श्रेणी से आने वाली महिला प्रीति साहू ने बताया कि 'हम नेहरू नगर के स्वास्थ्य केंद्र में सुबह ही पहुंच गए थे. सबसे पहले हम कतार में लगे थे. हमारा टीकाकरण नहीं किया गया. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी देवेंद्र कुमार सोलंकी टेंपरेचर मशीन को लेकर पहुंचे और अभद्र तरीके से व्यवहार करते हुए धमकी देने लगे. इस बात पर आपत्ति जताई, तो कार्ड वापस कर यह धमकी दी गई कि जो करना है, वह कर लो, तुम्हें कहीं भी वैक्सीन नहीं लग पाएगी. महिला ने बताया कि विरोध करने पर उसने कहा कि 'मैं सोलंकी बोल रहा हूं, मैं ही हूं अधिकारी, जो बोलता हूं वह होता है, कितने आए कितने गए, मेरा कुछ नहीं कर पाए.' इस रवैये से लोगों में गुस्सा देखा गया है. हितग्राहियों का कहना है कि महिलाओं के साथ बदसलूकी करने वाले इस तरह के कर्मचारियों को तत्काल यहां से हटा दिया जाए और इनके ऊपर कार्रवाई भी की जाए.

दर्द से कराह रही प्रसूता को पहले कोरोना जांच कराने को कहा, लाइन में दिया बच्चे को जन्म

आरोपों से सुपरवाइजर हुए नाराज

इन आरोपों की सत्यता जानने के लिए सोलंकी को ETV भारत ने फोन किया, तो वे नाराज हो गए. मामले की जानकारी देने के बजाय कहने लगे कि जो छापना है छाप लो मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा. जिले में विभाग के उच्च अधिकारी हों या डॉक्टर, कोरोना से लड़ाई और टीकाकरण को सफल कराने में मेहनत कर रहे हैं. लेकिन इस तरह के मामले ये सोचने पर मजबूर करते हैं कि कुछ मैदानी स्तर के कर्मचारी फ्रंटलाइन वर्कर्स की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं.

बीएमओ ने कही जांच की बात

लोग पहले तो टीके के लिए कतार में लगकर धक्के खाने को विवश हैं. मुश्किल से नंबर आता है और फिर इस तरह की शिकायतें सामने आती हैं. टीकाकरण केंद्र में अव्यवस्था और जनता से दुर्व्यवहार के सवाल पर बीएमओ दीपक राज ने कहा कि इस मामले की शिकायत उन्हें मिली है, जांच के बाद ठोस कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : May 11, 2021, 1:16 PM IST
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