कोरबा : एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर एके दास (Group Commander Brigadier AK Das) मंगलवार को कोरबा पहुंचे. कोरबा में एनसीसी की छत्तीसगढ़ बटालियन के स्थापना के 4 साल पूरे हो चुके हैं. कोरोना के कारण एनसीसी की गतिविधियां रुकी हुई थीं. आगामी सत्र से स्कूल और कॉलेजों में एनसीसी के गतिविधियों को संचालित करने की तैयारियों का जायजा लेने दास कोरबा पहुंचे थे. उन्होंने पीजी कॉलेज में छात्रों को संबोधित किया. इसके बाद एक सीजी बटालियन पहुंचकर जवानों से चर्चा की और दोपहर में ही रायपुर लौट गए.
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कोरोना के कारण अब भी संसाधनों का अभाव
कोरबा में एक सीजी बटालियन की स्थापना 2017 में हुई थी. यह एनसीसी कैडेट्स की छत्तीसगढ़ में आठवीं बटालियन है. वहीं, ब्रिगेडियर दास ने बताया कि 4 साल बाद भी कई संसाधनों का अभाव बरकरार है. एनसीसी कैडेट्स की संख्या भी कम है. दिल्ली से हमें वाहनों का आवंटन अब तक नहीं हो सका है. इधर, एनसीसी की गतिविधियां इतनी तेजी से संचालित नहीं हो पा रहे हैं. इसमें शासन और प्रशासन का भी रोल होता है. आने वाले दिनों में जल्द ही हम एनसीसी की गतिविधियों का संचालन करेंगे. कोरबा जिले की यूनिट से कोरबा, अंबिकापुर और बिलासपुर स्कूल की गतिविधियों का संचालन होगा.
कोरोना के कारण न हीं हो सके प्रैक्टिकल गतिविधियां
कोरोना वायरस के कारण एनसीसी के गतिविधियों के संचालन में काफी फर्क पड़ा है. हालांकि बीच में हमें जो चार-पांच दिन का समय मिला था. उसमें फायरिंग और कुछ प्रैक्टिकल कर आए थे. लेकिन तैयारियों के लिहाज से काफी कम है. छत्तीसगढ़ में सलाना 28,000 कैडेट्स तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. प्रति यूनिट 2,425 तैयार करने हैं. दिल्ली का लीड होने के नाते पीजी कॉलेज में संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें प्रचार एनसीसी बटालियन की कमान अधिकारी कर्नल आर सिंह गुप्ता मौजूद रहे.
एनसीसी की ट्रेनिंग प्रधान करने के दौरान बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है. A, B और C सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है. भारतीय सेना पर छत्तीसगढ़ पुलिस के अलग-अलग में पोस्टिंग के दौरान बच्चों को इसका फायदा मिलता है.
बच्चों से कहा- गणपति से सीखे वह हर क्षेत्र में टॉपर
ब्रिगेडियर एके दास पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए एनसीसी कैडेट्स को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि गणेश भगवान प्रथम पूजनीय इसलिए हैं, क्योंकि वह हर क्षेत्र में टॉपर थे. उन्होंने बच्चों से कहा कि गणेश भगवान आधे जानवर और इंसान हैं. इसका मतलब टैलेंट को किसी कैटेगरी की जरूरत नहीं होती. उन्होंने कहा कि गणेश पार्वती के शरीर के मैल से बने थे, इसलिए आप कहां पैदा हुए. किस परिवेश से आए हैं. यह बात मायने नहीं रखती. गणेश आधे जानवर थे. वह दिखने में भी सुंदर नहीं थे. चौकी वाले इससे यह सीख मिलती है कि आप कैसे दिखते हैं. बाहर की सुंदरता से कोई फर्क नहीं पड़ता. आप अपने टैलेंट के जरिए दुनिया जीत सकते हैं. एनसीसी कैडेट्स को काफी पसंद आया.