कोरबा: स्कूल शिक्षा विभाग की लापरवाही खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. आए दिन नई लापरवाही सामने आ रही है. दरअसल स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए स्कूल ड्रेस, सरकार की ओर से विभाग को उपलब्ध कराए जाते हैं. शिक्षा विभाग में बच्चों के स्कूल ड्रेस को लेकर गड़बड़झाला लगातार जारी है. (School dress wasted) नकटीखार स्थित नाले में बड़ी तादाद में स्कूल ड्रेस पाए गए हैं. ग्रामीणों ने नाले से स्कूल ड्रेस को बाहर भी निकाला है. इस लापरवाही को देख स्थानीय लोगों में भी नाराजगी है. (school dress found in Naktikhar drain )
नकटीखार नाले में मिले स्कूल ड्रेस
शिक्षा विभाग की ओर से प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में जो गणवेश गरीब बच्चों को बांट दिए जाने चाहिए थे, वह पहले तो शिक्षा विभाग में पदस्थ एक बाबू के घर में मिले. अब शहर से लगे गांव नकटीखार के नाले में बहते हुए भी ड्रेस पाए गए. (Government school Uniforms) इससे शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठ रहे हैं. 3 दिन के भीतर ही सरकारी स्कूल ड्रेस को लेकर लापरवाही का यह दूसरा मामला है. (Negligence of government school dress )
ETV भारत लगातार उठा रहा मुद्दा
शिक्षा विभाग की माने तो उन्होंने शत-प्रतिशत गणवेश का वितरण किया है. लेकिन ETV भारत की पड़ताल में 2 दिन पहले शहर के दादर स्थित विकास खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में पदस्थ बाबू धीरज आर्या के मकान में सैकड़ों की तादाद में गरीब बच्चों के गणवेश कचरे की तरह डंप किए पाए गए. ETV भारत ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया. मकान में पड़े शिक्षा विभाग के ड्रेस और किताबों की एक्सक्लूसिव वीडियो हमारे पास मौजूद है.
EXCLUSIVE: सरकारी स्कूलों में बच्चों को बांटी जाने वाली ड्रेस शिक्षा विभाग के क्लर्क के घर में मिली
विभाग ने सांसद को भी किया गुमराह
जिला स्तर पर विकास कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सांसद की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) का गठन किया गया है. साल में दो बार इसकी बैठक होती है. जिसमें बतौर अध्यक्ष सांसद शामिल होते हैं. कोरबा की वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत (MP Jyotsna Mahanta) जो कि विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत की पत्नी भी हैं. उनकी अध्यक्षता में 19 नवंबर 2020 को दिशा की बैठक हुई थी. इस बैठक में शिक्षा विभाग ने कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के छात्रों को बांटे जाने वाले मुफ्त गणवेश (स्कूल ड्रेस) की जानकारी पेश की गई थी. जिसके मुताबिक जिले में 1 लाख 48 हजार 683 गणवेश का वितरण किया गया. शत प्रतिशत गणवेश का वितरण किया जाना बताया गया है. अतिरिक्त गणवेश की जरूरत नहीं है यह जानकारी भी सांसद को दी गई है.
स्कूल ड्रेस मामले में शिक्षा विभाग ने झूठी जानकारी देकर सांसद को भी किया गुमराह
विकासखंड वार इतने गणवेश का वितरण
विकासखंड | वितरित गणवेश |
कोरबा शहरी | 8766 |
कोरबा ग्रामीण | 46990 |
करतला | 20469 |
कटघोरा | 18762 |
पाली | 26545 |
पोड़ी उपरोड़ा | 27151 |
शिक्षा विभाग पर उठ रहे सवाल
- विभाग की ओर से सांसद को दी गई जानकारी में जब शत-प्रतिशत गणवेश वितरण की बात कही गई है तो स्कूल ड्रेस कर्मचारी के घर पर क्यों मिले?
- शिक्षा विभाग की ओर से मुफ्त बांटी जाने वाली किताबें कर्मचारी के घर में पड़ी हुई है?
- शत-प्रतिशत गणवेश वितरण के बावजूद नाले में बहते सैकड़ों ड्रेस कहां से आए और इसका जिम्मेदार कौन है?
- शिक्षा विभाग को इस लापरवाही की जानकारी मिले 2 दिन बीच चुके हैं क्या किसी अधिकारी ने मौके का मुआयना किया है?
- शिक्षा विभाग की ओर से गलत जानकारी उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों-कर्मचारिओं पर क्या कार्रवाई होगी?
- प्रशासन गणवेश मामले की जांच कब शुरू करेगा और इस मामले में कब सक्रिय होगा?
अधिकारी कह रहे जल्द होगी जांच
2 दिनों में ही दूसरा बड़ा मामला उजागर होने के बाद अफसर भी सकते में हैं. वह जांच की बात कह रहे हैं. विकासखंड शिक्षा अधिकारी का कहना है कि बाबू के मकान में गणवेश मिलने का मामला और शनिवार की सुबह नकटीखार के नाले में बहते हुए पाए गए गणवेश के मामले में जांच कराई जाएगी. हम इसकी जल्द से जल्द जांच कराएंगे. लापरवाही सामने आने पर विभाग कार्रवाई भी करेगा.