कोरबा: स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाले आदिवासी छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पा रही है. इसके साथ ही पेसा कानून, आदिवासी लाइब्रेरी जैसे 12 बिंदुओं पर आधारित मांगों को मनवाने के लिए गोंगपा स्टूडेंट यूनियन के पदाधिकारी कलेक्ट्रेट के समक्ष सड़क पर धरने पर बैठ गए. इन सभी मुद्दों को लेकर छात्र कलेक्टर से मिलने की मांग कर रहे थे. लेकिन कलेक्टर जब नहीं पहुंचे तो छात्रों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा.
12 बिंदुओं पर आधारित ज्ञापन सौंपा
गोंगपा स्टूडेंट यूनियन के पदाधिकारी स्कॉलरशिप नहीं मिलने से नाराज हैं. सभी की मांग है कि स्कॉलरशिप उनका संवैधानिक अधिकार है. इसके साथ ही प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं ने सभी 12 मांगों को जल्द पूरा करने की बात कही. पदाधिकारियों ने ने कहा कि जिले में पेसा कानून लागू किया जाए. आदिवासी छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए. आदिवासी लाइब्रेरी की भी जिले में व्यवस्था की जानी चाहिए. स्टूडेंट यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि डीएमएफ फंड का उपयोग आदिवासी बहुल क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए.
विभिन्न मांगों को लेकर आदिवासियों का प्रदर्शन, मांगें पूरी नहीं होने पर दिया अल्टीमेटम
2 घंटे बैठे रहे धरने पर गोंगपा स्टूडेंट यूनियन के कार्यकर्ता
कलेक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शनकारी छात्रों ने 2 घंटे तक धरना दिया. उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं मिली. सभी यह चाहते थे कि कलेक्टर उनसे मिलने बाहर आए, लेकिन कलेक्टर दौरे पर थीं. इसलिए सिटी मजिस्ट्रेट ने धरना स्थल पर पहुंचकर स्टूडेंट यूनियन के पदाधिकारियों से ज्ञापन लिया.