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CORONA VACCINE की दोनों डोज के बीच गैप बढ़ा, डाटा एंट्री से लेकर भूलने तक की समस्या - corona vaccine dose

कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज के बीच गैप बढ़ा दिया गया है. लेकिन इस गैप की वजह से कुछ समस्याएं आ रही हैं. बुजुर्ग दूसरा डोज लेने का दिन भूल रहे हैं तो जिन्हें वैक्सीन लेकर दूसरे शहरों की यात्रा करनी है उन्हें प्रमाण-पत्र नहीं मिल रहा है. ऑनलाइन एंट्री नहीं होने की वजह से सर्टिफिकेट मिलने में भी परेशानी हो रही है.

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कोरोना वैक्सीनेशन
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Published : May 27, 2021, 9:58 PM IST

कोरबा: कोरोना टीकाकरण का तीसरा चरण जारी है. जिले में ज्यादातर लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) की खुराक दी गई है. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार दो खुराक के बीच की अवधि कम से कम 84 दिन कर दी गई है. केंद्र सरकार का कोविन पोर्टल हो या फिर प्रदेश सरकार का सीजी टीका (CG Teeka) एप पहले डोज की जानकारी यहां ऑनलाइन अपडेट करनी होगी. जानकारी आधार नंबर और मोबाइल फोन से लिंक कर अपडेट नहीं किए जाने पर व्यक्ति अपने वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट (vaccination certificate) डाउनलोड नहीं कर पाएंगे. ऐसे में जिन्हें वैक्सीन की पहली डोज लग गई है और वे दूसरे राज्यों की यात्रा करना चाहते हैं उन्हें कोरोना टेस्ट कराना पड़ रहा है. स्वास्थ्य केंद्रों में हेल्थ टीम 45 प्लस के लोगों को तत्काल पंजीयन कर वैक्सीन लगा रही है. लेकिन ऑनलाइन एंट्री न होने से प्रमाण-पत्र नहीं मिल रहा है.

CORONA VACCINE की दोनों डोज के बीच गैप बढ़ा, डाटा एंट्री से लेकर भूलने तक की समस्या

स्थानीय निवासी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सेकेंड डोज का सर्टिफिकेट उन्हें नहीं मिल पाया है. वे पिछले दो दिनों से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के लिए परेशान हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाहर की यात्रा में वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है. अगर वे प्रमाण-पत्र नहीं देंगे तो कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी.

84 दिन में दूसरा डोज लेना जरूरी

कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक लेने के ठीक 84 दिन बाद दूसरी खुराक लेना जरूरी है. रिसर्च में यह बात सामने आई है कि गैप जितना अधिक होगा, कोविशील्ड लेने वाले व्यक्ति के शरीर में उतनी ज्यादा एंटीबॉडी बनेगी. यह गैप 84 दिन से अधिक नहीं होना चाहिए. ये भी देखने में आया है कि जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है, वे वैक्सीन लेने की तारीख भूल रहे हैं. हालांकि अभी ज्यादातर लोगों का दूसरा डोज लेने का समय नहीं आया है. जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि तय समय पर ही दूसरा डोज लगवाएं.

84 days later second dose of Covishield vaccine, problems from forgetting to data entry
वैक्सीन लगवाते लोग

जितना ज्यादा गैप, उतनी अच्छी एंटी बॉडी: डीन

कोरबा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. वायडी बड़गैया ने ईटीवी भारत को बताया कि कोविशील्ड वैक्सीन के लिए दूसरा डोज लेने में लोगों को भूलने में दिक्कतें हो रही हैं. उन्होंने बताया कि साइंटीफिक रिसर्च में पाया गया कि डोज का गैप बढ़ने से इसमें फायदा है. जितना अधिक गैप बढ़ेगा उतनी अच्छी एंटी बॉडी व्यक्ति के शरीर में बनेगी. डॉ. बड़गैया ने बताया कि 84 दिन में ही दूसरा डोज लगवा लेना चाहिए.

गांव-गांव ETV भारत: शहर से ज्यादा जागरूक धमतरी का ये गांव, सौ फीसदी हुआ वैक्सीनेशन

मैनुअल होने से दूसरा डोज लेने में दिक्कत नहीं

जिले में मैनुअल आधार पर ही लोगों को दूसरा डोज लगाया जा रहा है. अब तक जिन लोगों ने भी पहले डोज के बाद दूसरे डोज तक की समय अवधि को पूरा कर लिया है. उन्हें दूसरा डोज लेने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आ रही है. वह अपने पहले खुराक वाली पर्ची के साथ टीकाकरण केंद्र पहुंच रहे हैं, उन्हें आसानी से दूसरा डोज दिया जा रहा है. वर्तमान में 18+ के टीकाकरण में दिक्कत जरूर है, लेकिन 45+ के लोगों के लिए दूसरे डोज की जिले में कोई कमी नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के पास इस आयु वर्ग के लिए पर्याप्त टीके मौजूद हैं. दूसरा डोज लेने टीकाकरण केंद्र पहुंचने वाले लोगों यह आसानी से उपलब्ध भी हो रहा है.

84 days later second dose of Covishield vaccine, problems from forgetting to data entry
वैक्सीनेशन सेंटर में लगी लोगों की भीड़

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा- 'छत्तीसगढ़ में 18+ वालों के लिए वैक्सीन की कमी'

जिले में अब तक की टीकाकरण की स्थिति

कोरबा जिले में अब तक 45 वर्ष से अधिक उम्र के 2 लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है. वहीं 18+ आयु वर्ग के 27 हजार 580 से ज्यादा युवाओं को भी कोरोना टीका लगाया जा चुका है. बात करें दूसरे डोज की तो 45+ आयु वर्ग में 36 हजार 600 से ज्यादा लोगों ने कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज भी ले लिया है. 45 वर्ष से अधिक की आयु वाले लगभग 90% लोगों को कोरोना टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है. जबकि 18+ के टीकों की उपलब्धता नहीं होने के कारण युवाओं के वैक्सीनेशन में तेजी नहीं आ रही है.

कोरबा: कोरोना टीकाकरण का तीसरा चरण जारी है. जिले में ज्यादातर लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) की खुराक दी गई है. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार दो खुराक के बीच की अवधि कम से कम 84 दिन कर दी गई है. केंद्र सरकार का कोविन पोर्टल हो या फिर प्रदेश सरकार का सीजी टीका (CG Teeka) एप पहले डोज की जानकारी यहां ऑनलाइन अपडेट करनी होगी. जानकारी आधार नंबर और मोबाइल फोन से लिंक कर अपडेट नहीं किए जाने पर व्यक्ति अपने वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट (vaccination certificate) डाउनलोड नहीं कर पाएंगे. ऐसे में जिन्हें वैक्सीन की पहली डोज लग गई है और वे दूसरे राज्यों की यात्रा करना चाहते हैं उन्हें कोरोना टेस्ट कराना पड़ रहा है. स्वास्थ्य केंद्रों में हेल्थ टीम 45 प्लस के लोगों को तत्काल पंजीयन कर वैक्सीन लगा रही है. लेकिन ऑनलाइन एंट्री न होने से प्रमाण-पत्र नहीं मिल रहा है.

CORONA VACCINE की दोनों डोज के बीच गैप बढ़ा, डाटा एंट्री से लेकर भूलने तक की समस्या

स्थानीय निवासी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सेकेंड डोज का सर्टिफिकेट उन्हें नहीं मिल पाया है. वे पिछले दो दिनों से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के लिए परेशान हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाहर की यात्रा में वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है. अगर वे प्रमाण-पत्र नहीं देंगे तो कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी.

84 दिन में दूसरा डोज लेना जरूरी

कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक लेने के ठीक 84 दिन बाद दूसरी खुराक लेना जरूरी है. रिसर्च में यह बात सामने आई है कि गैप जितना अधिक होगा, कोविशील्ड लेने वाले व्यक्ति के शरीर में उतनी ज्यादा एंटीबॉडी बनेगी. यह गैप 84 दिन से अधिक नहीं होना चाहिए. ये भी देखने में आया है कि जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है, वे वैक्सीन लेने की तारीख भूल रहे हैं. हालांकि अभी ज्यादातर लोगों का दूसरा डोज लेने का समय नहीं आया है. जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि तय समय पर ही दूसरा डोज लगवाएं.

84 days later second dose of Covishield vaccine, problems from forgetting to data entry
वैक्सीन लगवाते लोग

जितना ज्यादा गैप, उतनी अच्छी एंटी बॉडी: डीन

कोरबा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. वायडी बड़गैया ने ईटीवी भारत को बताया कि कोविशील्ड वैक्सीन के लिए दूसरा डोज लेने में लोगों को भूलने में दिक्कतें हो रही हैं. उन्होंने बताया कि साइंटीफिक रिसर्च में पाया गया कि डोज का गैप बढ़ने से इसमें फायदा है. जितना अधिक गैप बढ़ेगा उतनी अच्छी एंटी बॉडी व्यक्ति के शरीर में बनेगी. डॉ. बड़गैया ने बताया कि 84 दिन में ही दूसरा डोज लगवा लेना चाहिए.

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मैनुअल होने से दूसरा डोज लेने में दिक्कत नहीं

जिले में मैनुअल आधार पर ही लोगों को दूसरा डोज लगाया जा रहा है. अब तक जिन लोगों ने भी पहले डोज के बाद दूसरे डोज तक की समय अवधि को पूरा कर लिया है. उन्हें दूसरा डोज लेने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आ रही है. वह अपने पहले खुराक वाली पर्ची के साथ टीकाकरण केंद्र पहुंच रहे हैं, उन्हें आसानी से दूसरा डोज दिया जा रहा है. वर्तमान में 18+ के टीकाकरण में दिक्कत जरूर है, लेकिन 45+ के लोगों के लिए दूसरे डोज की जिले में कोई कमी नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के पास इस आयु वर्ग के लिए पर्याप्त टीके मौजूद हैं. दूसरा डोज लेने टीकाकरण केंद्र पहुंचने वाले लोगों यह आसानी से उपलब्ध भी हो रहा है.

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जिले में अब तक की टीकाकरण की स्थिति

कोरबा जिले में अब तक 45 वर्ष से अधिक उम्र के 2 लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है. वहीं 18+ आयु वर्ग के 27 हजार 580 से ज्यादा युवाओं को भी कोरोना टीका लगाया जा चुका है. बात करें दूसरे डोज की तो 45+ आयु वर्ग में 36 हजार 600 से ज्यादा लोगों ने कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज भी ले लिया है. 45 वर्ष से अधिक की आयु वाले लगभग 90% लोगों को कोरोना टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है. जबकि 18+ के टीकों की उपलब्धता नहीं होने के कारण युवाओं के वैक्सीनेशन में तेजी नहीं आ रही है.

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