कोरबा: कोविड 19 के संक्रमण को देखते हुए देश में किए गए लॉकडाउन के कारण कई गरीब परिवार भुखमरी की स्थिति में पहुंच चुके हैं. केंद्र और राज्य सरकारों ने इनकी मदद के लिए कई राहत योजनाओं का ऐलान किया है. सरकार ने सभी गरीबों को राशन देने की घोषणा की है. चाहे उसके पास राशन कार्ड हो या न हो. लेकिन गरीबों को दिए जा रहे इस राशन में बड़े घोटाला होने का मामला सामने आया है.
करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत जमनीपाली के ग्रामीणों ने खाद्यान्न वितरण करने वालों पर हेराफेरी का आरोप लगा है. ग्रामीणों का कहना है कि जमनीपाली ग्राम पंचायत में खाद्यान्न वितरण करने वाले समूह के लोग घपला कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि जब दो-चार लोगों ने आवाज उठाया तब स्व सहायता समूह ने अतिरिक्त चावल का वितरण किया.
85 की जगह दिया जा रहा 45 किलो चावल
ग्रामीणों ने बताया कि जिस हितग्राही को 85 किलो चावल दिया जाना था उसे 45 किलो चावल दिया जा रहा था. हितग्राहियों का आरोप है कि अभी भी आधे राशन कार्डधारी हितग्राही को चावल नहीं मिल पाया है. ग्रामीणों ने स्व सहायता समूह के खिलाफ जांच की मांग की है.
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दो महीने का ही चावल आया था: किरण पटेल
जय गंगा मैय्या स्व सहायता समूह की अध्यक्ष किरण पटेल ने बताया कि '3 महीने का चावल नहीं आया था. इसलिए 2 महीने का चावल दिया गया था. साथ ही एक महीने के चावल को रोक दिया गया था. किरण ने बताया कि ग्रामीणों के विरोध के बाद उन्हें एक महीने का चावल भी दे दिया गया है'.
मिट्टी तेल वितरण में भी गड़बड़ी
स्व सहायता समूह पर चावल के साथ-साथ मिट्टी तेल के वितरण में भी गड़बड़ी का आरोप है. राशन कार्ड में 1 लीटर मिट्टी तेल चढ़ाया जाता था और ऑनलाइन टेबल में 3 लीटर मिट्टी तेल चढ़ा दिया जाता था. ये बयान खुद स्व सहायता समूह की अध्यक्ष किरण पटेल का है. जाहिर है कि ग्रामीण क्षेत्र में खाद्यान्न वितरण को लेकर गड़बड़ी तो हुई है.