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'गणेश' की खोज में निकले वन विभाग को मिला खूंखार हाथी 'प्रथम', टीम ने ऐसे रचा इतिहास - कोरबा न्यूज

आक्रामक हाथी 'गणेश' को काबू में करने वाइल्डलाइफ की टीम लगातार ऑपरेशन चला रही थी. टीम को गणेश तो नहीं मिला लेकिन उनका सामना एक दूसरे खूंखार हाथी से हो गया. उसे ट्रेंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी पहना दिया गया है. हाथी को 'प्रथम' नाम दिया गया है.

forest department team tranquilize elephant in korba
ट्रेंक्यूलाइज किया गया हाथी
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Published : May 24, 2020, 3:52 PM IST

Updated : May 25, 2020, 7:07 AM IST

कोरबा: पिछले एक हफ्ते से कोरबा के जंगलों में आक्रामक हाथी 'गणेश' को काबू में करने वाइल्डलाइफ की टीम लगातार ऑपरेशन चला रही थी. टीम को गणेश तो नहीं मिला लेकिन उनका सामना एक दूसरे खूंखार हाथी से हो गया. उस हाथी ने धर्मजयगढ़ रेंज में कुछ दिन पहले एक व्यक्ति को मौत के घाट उतारा था. वाइल्डलाइफ की टीम ने इस खूंखार हाथी को ट्रेंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी पहना दिया. यह पहली बार है, जब दक्षिण भारत या देहरादून के विशेषज्ञों के बिना छत्तीसगढ़ की वाइल्ड लाइफ टीम ने अपने स्तर पर किसी खूंखार हाथी को काबू में किया, इसलिए जिस हाथी को कॉलर आईडी पहनाया गया, उसका नाम प्रथम रखा गया है.

ट्रेंक्यूलाइज किया गया खूंखार हाथी 'प्रथम'

यह पूरा ऑपरेशन 'गणेश' को काबू में करने के लिए चलाया जा रहा था. टीम को गणेश तो नहीं मिला, लेकिन रायगढ़ में आतंक का पर्याय बन चुके एक दूसरा दंतैल हाथी कुदमुरा के जंगल मे हाथ लग गया. टीम के साथ मौजूद कुमकी हाथी तीरथराम की मदद से इस दंतैल को काबू में कर पहली बार छत्तीसगढ़ के वन विभाग की टीम ने ट्रेंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी लगाने में सफल रही है.

forest department team tranquilize elephant in korba
ट्रेंक्यूलाइज किया गया हाथी

इसके पहले तक देहरादून से टीम यहां पहुंचती थी, जिसकी मदद से इस तरह के हिंसक हाथियों को ट्रेंक्यूलाइज किया जाता रहा है. इस मामले में अब छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भर हो गया है. पहली बार किसी हाथी को सफलतापूर्वक ट्रेंक्यूलाइज किए जाने की वजह से हाथी का नाम प्रथम रख दिया गया है.

forest department team tranquilize elephant in korba
वन विभाग की टीम

पढ़ें-छत्तीसगढ़ : आक्रामक हाथी 'गणेश' को काबू में करेंगे 'तीरथराम' और 'दुर्योधन'

अब छाल रेंज में 'गणेश'

वाइल्डलाइफ टीम के लीडर डॉ राकेश वर्मा ने बताया कि गणेश की तलाश के दौरान एक और हाथी हमें मिल गया, जिसे हमने सफलतापूर्वक ट्रेंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी पहना दिया है. गणेश अब छाल रेंज में विचरण कर रहा है, जिसे हम ट्रेस करने में लगे हुए हैं.

कोरबा: पिछले एक हफ्ते से कोरबा के जंगलों में आक्रामक हाथी 'गणेश' को काबू में करने वाइल्डलाइफ की टीम लगातार ऑपरेशन चला रही थी. टीम को गणेश तो नहीं मिला लेकिन उनका सामना एक दूसरे खूंखार हाथी से हो गया. उस हाथी ने धर्मजयगढ़ रेंज में कुछ दिन पहले एक व्यक्ति को मौत के घाट उतारा था. वाइल्डलाइफ की टीम ने इस खूंखार हाथी को ट्रेंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी पहना दिया. यह पहली बार है, जब दक्षिण भारत या देहरादून के विशेषज्ञों के बिना छत्तीसगढ़ की वाइल्ड लाइफ टीम ने अपने स्तर पर किसी खूंखार हाथी को काबू में किया, इसलिए जिस हाथी को कॉलर आईडी पहनाया गया, उसका नाम प्रथम रखा गया है.

ट्रेंक्यूलाइज किया गया खूंखार हाथी 'प्रथम'

यह पूरा ऑपरेशन 'गणेश' को काबू में करने के लिए चलाया जा रहा था. टीम को गणेश तो नहीं मिला, लेकिन रायगढ़ में आतंक का पर्याय बन चुके एक दूसरा दंतैल हाथी कुदमुरा के जंगल मे हाथ लग गया. टीम के साथ मौजूद कुमकी हाथी तीरथराम की मदद से इस दंतैल को काबू में कर पहली बार छत्तीसगढ़ के वन विभाग की टीम ने ट्रेंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी लगाने में सफल रही है.

forest department team tranquilize elephant in korba
ट्रेंक्यूलाइज किया गया हाथी

इसके पहले तक देहरादून से टीम यहां पहुंचती थी, जिसकी मदद से इस तरह के हिंसक हाथियों को ट्रेंक्यूलाइज किया जाता रहा है. इस मामले में अब छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भर हो गया है. पहली बार किसी हाथी को सफलतापूर्वक ट्रेंक्यूलाइज किए जाने की वजह से हाथी का नाम प्रथम रख दिया गया है.

forest department team tranquilize elephant in korba
वन विभाग की टीम

पढ़ें-छत्तीसगढ़ : आक्रामक हाथी 'गणेश' को काबू में करेंगे 'तीरथराम' और 'दुर्योधन'

अब छाल रेंज में 'गणेश'

वाइल्डलाइफ टीम के लीडर डॉ राकेश वर्मा ने बताया कि गणेश की तलाश के दौरान एक और हाथी हमें मिल गया, जिसे हमने सफलतापूर्वक ट्रेंक्यूलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी पहना दिया है. गणेश अब छाल रेंज में विचरण कर रहा है, जिसे हम ट्रेस करने में लगे हुए हैं.

Last Updated : May 25, 2020, 7:07 AM IST
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