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कोरबा जीरो मिलावट जिला....: 75 दुकानों का विभाग ने किया निरीक्षण, 25 सैंपल लिये कहीं भी नहीं मिली अनियमितता !

खाद्य सुरक्षा विभाग जिले भर के संस्थानों से केवल सैंपल कलेक्ट करने की औपचारिकता निभाता है. त्योहारों के मौसम में विभागीय टारगेट पूरा करने के लिए सैंपल लेकर खानापूर्ति कर दी जाती है. विभाग के पास अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थों की तत्काल जांच के लिए कोई उपकरण मौजूद नहीं हैं. इसी का नतीजा है कि कोरबा जिले में कहीं भी मिलावटखोरी का मामला अभी तक सामने नहीं आ सका है.

Food Safety Department did not find irregularities in Korba
खाद्य सुरक्षा विभाग को कोरबा में नहीं मिली अनियमितता
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Published : Nov 12, 2021, 1:37 PM IST

कोरबा : कोरबा जिला (Korba District Adulterated) मिलावटमुक्त है. यहां की दुकानों में बिकने वाली मिठाई से लेकर खाद्य सामग्रियों में कूट-कूट कर शुद्धता भरी हुई है. ऐसा हम नहीं खाद्य सुरक्षा (Food Safety Department) विभाग की कार्य प्रणाली कह रही है. दरअसल इस वर्ष दीपावली के मौके पर विभाग ने 75 संस्थानों का निरीक्षण किया, जहां से 25 सैंपल लिये गए. अब रिपोर्ट जांच के लिए लैब भेजी गई हैं. कुछ रिपोर्ट मिली हैं, लेकिन सभी के सैंपल पास हैं. अनियमितता कहीं नहीं मिली है, जिले में मिलावट के आंकड़े शून्य हैं.

खाद्य सुरक्षा विभाग को कोरबा में नहीं मिली अनियमितता
पिछले वर्ष के सैंपल में भी सिर्फ अरहर दाल का सैंपल फेल

ना सिर्फ इस वर्ष बल्कि खाद्य विभाग ने पिछले वर्ष भी जितने सैंपल जिलेभर से एकत्र किये थे, उनमें से केवल करतला के ग्रामीण क्षेत्र की एक किराने की दुकान से लिया गया अरहर दाल का सैंपल फेल हुआ था. बड़ी मिठाई दुकान या संस्थानों के सभी सैंपल जांच के पैमाने पर पास हो गए थे. कहीं से किसी भी तरह की अनियमितता मिली ही नहीं, जिसके विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई की गई हो.

तत्काल जांच का कोई उपकरण नहीं

खाद्य सुरक्षा विभाग जिले भर के संस्थानों से केवल सैंपल कलेक्ट करने की औपचारिकता निभाता है. त्योहारों के मौसम में विभागीय (Departmental Target) टारगेट पूरा करने के लिए सैंपल लेकर खानापूर्ति कर दी जाती है. विभाग के पास अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थों की तत्काल जांच के लिए कोई उपकरण मौजूद नहीं हैं. सैंपल कलेक्ट करके इन्हें रायपुर के लैब में जांच के लिए भेजा जाता है. जहां पर रिपोर्ट आने में महीनों का समय लग जाता है. सैंपल लेने और जांच की रिपोर्ट आने के बीच समय मिल जाने के कारण, जहां से सैंपल कलेक्ट किया गया है उन्हें सांठगांठ का भरपूर समय मिल जाता है.

सैंपल लेना सिर्फ एक रूटीन प्रक्रिया

खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा सैंपल कलेक्ट किया जाना सिर्फ एक रूटीन प्रक्रिया है, लेकिन इसे इस तरह पेश किया जाता है जैसे कि कहीं छापामार कार्रवाई की जा रही हो. दुकानों के संचालक सैंपल लिये जाने पर ही बैकफुट पर आ जाते हैं. दुकान संचालक सरकारी प्रक्रिया से घबराकर तत्काल सेटिंग करने की फिराक में भी रहते हैं. विभागीय अफसर इसका लाभ भी उठाते हैं.


अब भी नहीं आई जांच रिपोर्ट

दीपावली के अवसर पर लिये गए सैंपल की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है. पूर्व में लिये गए सैम्पलों की जांच रिपोर्ट विभाग को मिली है. इनमें से ज्यादातर सैंपल पास हो गए हैं. जांच के पैमाने पर सैम्पलों के पास हो जाने के कारण नियमतः कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. जिले से भेजे गए सैंपल के सब स्टैंडर्ड मिलने पर ही मिलावट खोरी की पुष्टि होती है और कार्रवाई अधिरोपित की जा सकती है. लेकिन जिले में अब तक मिलावटखोरी या इससे संबंधित किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हुई है. हालांकि संस्थानों में गंदगी पाये जाने पर विभागीय फटकार तक ही मामला सीमित रह जाता है.

कोरबा : कोरबा जिला (Korba District Adulterated) मिलावटमुक्त है. यहां की दुकानों में बिकने वाली मिठाई से लेकर खाद्य सामग्रियों में कूट-कूट कर शुद्धता भरी हुई है. ऐसा हम नहीं खाद्य सुरक्षा (Food Safety Department) विभाग की कार्य प्रणाली कह रही है. दरअसल इस वर्ष दीपावली के मौके पर विभाग ने 75 संस्थानों का निरीक्षण किया, जहां से 25 सैंपल लिये गए. अब रिपोर्ट जांच के लिए लैब भेजी गई हैं. कुछ रिपोर्ट मिली हैं, लेकिन सभी के सैंपल पास हैं. अनियमितता कहीं नहीं मिली है, जिले में मिलावट के आंकड़े शून्य हैं.

खाद्य सुरक्षा विभाग को कोरबा में नहीं मिली अनियमितता
पिछले वर्ष के सैंपल में भी सिर्फ अरहर दाल का सैंपल फेल

ना सिर्फ इस वर्ष बल्कि खाद्य विभाग ने पिछले वर्ष भी जितने सैंपल जिलेभर से एकत्र किये थे, उनमें से केवल करतला के ग्रामीण क्षेत्र की एक किराने की दुकान से लिया गया अरहर दाल का सैंपल फेल हुआ था. बड़ी मिठाई दुकान या संस्थानों के सभी सैंपल जांच के पैमाने पर पास हो गए थे. कहीं से किसी भी तरह की अनियमितता मिली ही नहीं, जिसके विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई की गई हो.

तत्काल जांच का कोई उपकरण नहीं

खाद्य सुरक्षा विभाग जिले भर के संस्थानों से केवल सैंपल कलेक्ट करने की औपचारिकता निभाता है. त्योहारों के मौसम में विभागीय (Departmental Target) टारगेट पूरा करने के लिए सैंपल लेकर खानापूर्ति कर दी जाती है. विभाग के पास अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थों की तत्काल जांच के लिए कोई उपकरण मौजूद नहीं हैं. सैंपल कलेक्ट करके इन्हें रायपुर के लैब में जांच के लिए भेजा जाता है. जहां पर रिपोर्ट आने में महीनों का समय लग जाता है. सैंपल लेने और जांच की रिपोर्ट आने के बीच समय मिल जाने के कारण, जहां से सैंपल कलेक्ट किया गया है उन्हें सांठगांठ का भरपूर समय मिल जाता है.

सैंपल लेना सिर्फ एक रूटीन प्रक्रिया

खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा सैंपल कलेक्ट किया जाना सिर्फ एक रूटीन प्रक्रिया है, लेकिन इसे इस तरह पेश किया जाता है जैसे कि कहीं छापामार कार्रवाई की जा रही हो. दुकानों के संचालक सैंपल लिये जाने पर ही बैकफुट पर आ जाते हैं. दुकान संचालक सरकारी प्रक्रिया से घबराकर तत्काल सेटिंग करने की फिराक में भी रहते हैं. विभागीय अफसर इसका लाभ भी उठाते हैं.


अब भी नहीं आई जांच रिपोर्ट

दीपावली के अवसर पर लिये गए सैंपल की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है. पूर्व में लिये गए सैम्पलों की जांच रिपोर्ट विभाग को मिली है. इनमें से ज्यादातर सैंपल पास हो गए हैं. जांच के पैमाने पर सैम्पलों के पास हो जाने के कारण नियमतः कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. जिले से भेजे गए सैंपल के सब स्टैंडर्ड मिलने पर ही मिलावट खोरी की पुष्टि होती है और कार्रवाई अधिरोपित की जा सकती है. लेकिन जिले में अब तक मिलावटखोरी या इससे संबंधित किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हुई है. हालांकि संस्थानों में गंदगी पाये जाने पर विभागीय फटकार तक ही मामला सीमित रह जाता है.

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