कोरबा/कटघोरा: प्रदेश भर में एक दिसंबर से धान की खरीदी शुरू हो गई है.किसान अब अपनी फसल लेकर विपणन केंद्रों में पहुंच रहे हैं. उन्हें खुशी है कि सालभर की मेहनत रंग लाएगी और उन्हें उनकी कीमत मिल सकेगी. लेकिन दूसरी तरफ कटघोरा थाने के छुरी के एक किसान पर इस खुशी से पहले ही दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. खलिहान में मिंजाई के लिए रखी 22 एकड़ की खड़ी धान की फसल जकर खाक हो गई है. यह आगजनी किन वजहों से हुई है मालूम नहीं चल सका है.
किसने लगाई आग?
कटघोरा पुलिस ने पीड़ित किसान की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. पीड़ित किसान के मुताबिक उन्हें इस बात की आशंका थी कि किसी ने दुर्भावना से उनके खलिहान में रखी फसल में आग लगाई है. घटना बुधवार सुबह 11 बजे की है. किसान ने बताया कि उसने आग बुझाने फौरन एनटीपीसी और कटघोरा के दमकल को सूचित किया. फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आधे घंटे में आग पर काबू पाया. हालांकि जबतक दमकल ने आग पर काबू पाया, तब तक पूरी फसल जलकर खाक हो गई.
पढ़ें- सीएम बघेल का केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र, वक्त पर धान की कस्टम मिलिंग की मांग
देखते ही देखते खलियान जलकर खाक
छुरी कला के पार्षद संतोष कुमार पेशे से किसान है. घर से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर उनका खेत है. जहां इन दिनों धान मिंजाई का काम जोरों पर है. बुधवार सुबह जब वे खलिहान जा रहे थे, तो वहां का नजारा देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. तीन से चार पैरावट का ढेर धू-धूकर जल रहा था.
350 क्विंटल धान आग में स्वाहा
किसान ने बताया कि आग में खाक हुई फसल करीब 22 एकड़ की थी. तकरीबन 350 क्विंटल धान जल चुका है. इस आगजनी से किसान सन्तोष को सात से साढ़े सात लाख रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि फसल का उन्होंने बीमा करा लिया था. प्रशासन की ओर से पटवारी ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का आंकलन करते हुए पंचनामा तैयार कर लिया है. पीड़ित किसान ने मुख्यमंत्री से मार्मिक अपील करते हुए नुकसान के भरपाई की गुहार लगाई है.