कोरबा: बिना अनुमति के गृहमंत्री का पुतला दहन करना भाजयुमो कार्यकर्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है. प्रदेश में बढ़ते आपराधिक मामलों के विरोध में जिला भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारियों ने प्रदेश स्तरीय आह्वान पर 26 नवंबर की दोपहर टीपी नगर चौक में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का पुतला फूंक दिया. इस दौरान सांकेतिक चूड़ियां भी तस्वीर के सामने भेंट की गई. सरकार विरोधी नारे लगाए गए. आग लगाकर पोस्टर, बैनर और गृहमंत्री की तस्वीर को जलाया गया. इस दौरान टीपी नगर चौक पर गहमा-गहमी का माहौल था.
इस आयोजन के विषय में प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गयी थी. प्रदर्शन के लिए पुलिस को किसी तरह की जानकारी देकर अनुमति भी नहीं ली गई थी. जिसके कारण इस आयोजन में शामिल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ विभन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी गई है.
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औपचारिकताओं की भूल
15 साल तक सत्ता में रहने के बाद अब बीजेपी और बीजेपी समर्थित सभी नेता विपक्ष की भूमिका में हैं. विपक्ष में रहने के कारण विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं. लेकिन विरोध के लिए कुछ औपचारिकताएं होती हैं. जिन्हें पूरा करना जरूरी होता है. सालों तक सत्ता में काबिज रहने के बाद विरोध प्रदर्शन के लिए पुलिस को अग्रिम सूचना और जानकारी देने जैसी औपचारिकताएं पूरी नहीं करने का खामियाजा FIR के रूप में भाजयूमो कार्यकर्ताओं को मिली है.
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मौके से पुलिस प्रशासन गायब
पुतला दहन के दौरान कोई भी पुलिस कर्मी मौके पर मौजूद नहीं था. यातायात थाना के आरक्षक राजेश कुमार गोंड़ की माने तो उन्होंने पुतला दहन के दौरान कार्यकर्ताओं से सवाल किए थे. लेकिन उनकी ओर से कार्यकर्ता विकास झा ने पुतला दहन करने के लिए किसी से अनुमति लेने की हमें आवश्यकता नहीं होने की बात कही थी. पुलिस ने बताया कि अचानक पुतले और बैनर पोस्टर को बीच चौक में रखकर जला दिया गया. इस संबंध में सूचना आरक्षक ने कोतवाली थाना प्रभारी और सीएसईबी चौकी में मोबाइल से दी थी.
सभी के खिलाफ कोविड-19 महामारी के नियमों और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन न करते हुए यातायात बाधित कर बिना अनुमति पुतला दहन करने के संबंध में जुर्म दर्ज किया गया है. भाजयुमो नेता विकास झा, दिलीप दास, पंकज सोनी, रवि साहू, वैभव शर्मा और 6-7 अन्य सहयोगियों को आरोपी के रूप शामिल किया गया है.