कोरबा : छत्तीसगढ़ में मंत्रियों को विभागों का बंटवारा हो चुका है. जिसके बाद धान खरीदी केंद्रों में किसानों की भीड़ बढ़ने लगी है. धान खरीदी में अब तेजी आई है. लेकिन अब किसानों को इस बात की टेंशन ये है कि प्रति क्विंटल 3100 रुपये का समर्थन मूल्य मिलेगा या नहीं? कई किसान अपना धान बेच चुके हैं. जिन्हें वर्तमान दर 2100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान मिला है. लेकिन अब किसानों को 3100 रुपए प्रति क्विंटल घोषणा के पूरा होने का इंतजार है.
धान पर बीजेपी कांग्रेस की जंग : प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने किसानों से एक एकड़ में अधिकतम 15 क्विंटल धान खरीदने की शुरुआत की थी.इस लिमिट को चुनाव आते तक बढ़ाकर 20 क्विंटल किया गया.लेकिन बीजेपी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए 21 क्विंटल की घोषणा की थी.बीजेपी की सरकार बनने के बाद किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने की घोषणा पूरी हो चुकी है. शासन के सॉफ्टवेयर में यह अपडेट हो चुका है. अब किसानों को 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य मिलने का इंतजार है. धान खरीदी शासन के बनाए सॉफ्टवेयर के अनुसार ही होती है. जिसमें शासन स्तर से ही डाटा फीड होता है.
क्या है किसानों की सोच ?: कोरबा जिले के धान खरीदी केंद्र दादर पहुंचे किसान दरस राम का कहना है कि 200 क्विंटल धान बेचा है. इसका भुगतान2100.83 रुपये प्रति क्विंटल के दर से किया गया है. पैसे खाते में आ चुके हैं. लेकिन अब इस बात की टेंशन है कि 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान मिलेगा या नहीं. घोषणा हुई है इसलिए इंतजार है. धान बेच दिया पैसे भी मिल गए. इसके बाद घोषणा पूरी होगी या नहीं कह नहीं सकते हैं. मिला तो ठीक, यदि घोषणा के अनुसार पैसे नहीं मिले तब भी हम क्या कर सकते हैं.
वहीं किसान राजू के मुताबिक धान कटाई के बाद भी बेचने नहीं बेच रहे थे. सरकार के बनने का इंतजार था. ताकि अधिक से अधिक समर्थन मूल्य मिल सके. बीजेपी ने 3100 रुपये प्रति क्विंटल देने का वादा तो किया है. लेकिन अभी तक इसके बारे में अधिकृत तौर पर कोई नियम लागू किया गया है. न ही कुछ पता चल रहा है. सरकार ने यदि घोषणा की है. तो उन्हें इसे जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए.
कैसे मिलता है समर्थन मूल्य पर बोनस : धान खरीदी का समर्थन मूल्य प्रत्येक साल केंद्र सरकार जारी करती है. इस साल समर्थन मूल्य पतला धान के लिए 22 रुपए 03 पैसा है. मोटे धान के लिए 21 रुपए 83 पैसे हैं. इसी दर से खरीदी की जा रही है. इस साल के पहले तक धान खरीदी कांग्रेस सरकार कर रही थी. पिछले साल केंद्र सरकार का घोषित धान का समर्थन मूल्य लगभग 1900 रुपए था. जिस पर कांग्रेस की सरकार ने 2500 रुपए प्रति क्विंटल भुगतान का वादा पूरा किया था. 1900 और 2500 रुपये के बीच के राशि 600 थी. केंद्र सरकार के घोषित समर्थन मूल्य की राशि किसानों के खाते में धान बेचने के कुछ दिनों के भीतर ही ट्रांसफर कर दी जाती है. जबकि घोषणा के मुताबिक प्रत्येक किसान ने जितना धन बेचा है. इसकी गणना करके अंतर वाली कुल राशि को तीन किश्तों में राज्य की कांग्रेस सरकार किसानों के खातों में डालती रही है. इसे ही बोनस कहा जाता है.
आदेश मिलते ही देंगे अंतर की राशि : राज्य सहकारी बैंक कोरबा के नोडल अधिकारी सुशील जोशी ने बताया कि फिलहाल केंद्र सरकार के घोषित समर्थन मूल्य 21 रुपए 83 पैसे मोटा और 22 रुपए 03 पैसे पतला धान प्रति क्विंटल के दर से खरीदी की जा रही है. धान खरीदने के बाद किसानों को तत्काल भुगतान भी किया जा रहा है. इसके अलावा फिलहाल और कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है. सॉफ्टवेयर में जो अपडेट सरकार ने किए हैं. उसी के अनुसार सारी प्रक्रिया पूरी की जा रही है. आदेश मिलने के बाद बाकी का भुगतान कर दिया जाएगा.
अब तक कितनी धान खरीदी : कोरबा के सभी विकासखंड में कुल 65 धान खरीदी केंद्र मौजूद हैं. जहां अब तक कुल मिलाकर 22 हजार 113 किसानों ने 11 लाख 57 हजार 201 क्विंटल धान बेचा है. जिसके विरुद्ध उन्हें 2 अरब 52 करोड़ 61 लाख 71 हजार 572 रुपये का भुगतान समर्थन मूल्य के तौर पर किया जा चुका है.