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Korba latest news : कुम्हार परिवार ने सीएम भूपेश के साथ किया भोजन, जाने कैसे हुई तैयारी

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Published : Jan 19, 2023, 6:05 PM IST

Updated : Jan 19, 2023, 9:21 PM IST

छत्तीसगढ़ के प्रत्येक विधानसभा में सीएम भूपेश भेंट मुलाकात कार्यक्रम कर रहे हैं. अपने दौरे में सीएम भूपेश ग्रामीण के घर भोजन भी करते हैं. सीएम जिले के पाली तानाखार और कटघोरा विधानसभा में भेंट मुलाकात कार्यक्रम कर चयनित ग्रामीण के घर भोजन कर चुके हैं. गांव रंजना में कुम्हार मकुंदराम के घर भी सीएम ने भोजन किया. इस दौरान सीएम के आने से पहले ही वहां बर्तन पहुंचा दिए गए थे ताकि सीएम के साथ भोजन कार्यक्रम में किसी भी तरह की परेशानी ना हो.

farmer family had food with CM Bhupesh in korba
किसान परिवार ने सीएम भूपेश के साथ किया भोजन
सीएम भूपेश के दौरे का बाद किसान के घर का हाल

कोरबा : दो दिन पहले सीएम भूपेश बघेल कटघोरा विधानसभा के गांव रंजना आए थे. ये वही गांव था जहां 38 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी अपनी पत्नी सोनिया गांधी के साथ पहुंचे थे. सीएम ने उसी गांव में भेंट मुलाकात कार्यक्रम करने का फैसला किया था. इसी गांव में मकुंदराम कुम्हार के घर राजीव गांधी रुके थे. उनसे हालचाल जाना था. इसी ग्रामीण के घर पर सीएम भूपेश बघेल ने अपने 10 से 12 साथियों के साथ भोजन किया.


घर की दहलीज ने सीएम और पीएम दोनों को देखा : गांव रंजना के मकुंदराम के घर की दहलीज ने पीएम और सीएम दोनों को देखा है. इस घर की पहली पीढ़ी ने 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को देखा और अब दूसरी पीढ़ी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत किया. सीएम भूपेश बघेल भेंट मुलाकात कार्यक्रम में पूरे लाव लश्कर और साथियों के साथ मकुंदराम के घर भोजन करने पहुंचे थे.इस दौरान उन्होंने परिवार के साथ भोजन किया हालचाल पूछा.

सीएम के जाते ही समेट लिए गए बर्तन : घर के मुखिया मकुंदराम अब काफी वृद्ध हो चुके हैं. अब बातचीत करने में भी सक्षम नहीं है. जिन्होंने राजीव गांधी को अपने घर में आते देखा और उनसे बातचीत की थी. वर्तमान में मकुंदराम के छोटे बेटे पुरुषोत्तम ने सीएम भूपेश बघेल का सत्कार किया. पुरुषोत्तम कहते हैं कि "हम सभी सीएम के हमारे घर में आने से काफी खुश हैं. हमें ऐसा लगा, हमारे साथ कुछ अलौकिक हो रहा है. जैसे हम कोई त्यौहार मना रहे हो.

सीएम को क्या परोसा : सीएम को हमने स्थानीय पकवान दाल, चावल के साथ ही रोटी कढ़ी, चौलाई भाजी, जिमी कांदा परोसा. सभी स्थानीय स्तर पर मिले थे. कुछ राशन का सामान अधिकारियों ने भी दिया था. वह अपने साथ बर्तन भी लेकर आए थे. कांसे के बर्तन थे, चम्मच, कटोरी, थाली सभी बाहर से ही अधिकारियों ने दिए थे. विभाग का तो मुझे पता नहीं है, अब सीएम के जाने के बाद वह सभी बर्तनों की गिनती कर इसे भी वापस लेकर जा रहे हैं".

ये भी पढ़ें- राजीव गांधी के नाम होगा गांव रंजना का नाम

3 दिन से कर रहे थे तैयारी : घर की बहू संतोषी ने बताया कि "हम सभी पिछले 3 दिन से खाने-पीने की तैयारी में लगे हुए थे. हमने घर में ही 4 से 5 सदस्यों ने मिलकर भोजन तैयार किया". घर के बड़े बेटे छतराम ने कहा कि ''घर में मेला लगा हुआ था. डॉक्टर की एक टीम भी घर में बैठी हुई थी. जिनकी देखरेख में ही सारे पकवान तैयार किए गए थे. कुछ राशन का सामान बाहर से भी आया था. हम सभी ने मिलजुल कर सीएम के साथ ही लगभग 10 से 12 लोगों को भोजन करवाया".

सीएम भूपेश के दौरे का बाद किसान के घर का हाल

कोरबा : दो दिन पहले सीएम भूपेश बघेल कटघोरा विधानसभा के गांव रंजना आए थे. ये वही गांव था जहां 38 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी अपनी पत्नी सोनिया गांधी के साथ पहुंचे थे. सीएम ने उसी गांव में भेंट मुलाकात कार्यक्रम करने का फैसला किया था. इसी गांव में मकुंदराम कुम्हार के घर राजीव गांधी रुके थे. उनसे हालचाल जाना था. इसी ग्रामीण के घर पर सीएम भूपेश बघेल ने अपने 10 से 12 साथियों के साथ भोजन किया.


घर की दहलीज ने सीएम और पीएम दोनों को देखा : गांव रंजना के मकुंदराम के घर की दहलीज ने पीएम और सीएम दोनों को देखा है. इस घर की पहली पीढ़ी ने 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को देखा और अब दूसरी पीढ़ी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत किया. सीएम भूपेश बघेल भेंट मुलाकात कार्यक्रम में पूरे लाव लश्कर और साथियों के साथ मकुंदराम के घर भोजन करने पहुंचे थे.इस दौरान उन्होंने परिवार के साथ भोजन किया हालचाल पूछा.

सीएम के जाते ही समेट लिए गए बर्तन : घर के मुखिया मकुंदराम अब काफी वृद्ध हो चुके हैं. अब बातचीत करने में भी सक्षम नहीं है. जिन्होंने राजीव गांधी को अपने घर में आते देखा और उनसे बातचीत की थी. वर्तमान में मकुंदराम के छोटे बेटे पुरुषोत्तम ने सीएम भूपेश बघेल का सत्कार किया. पुरुषोत्तम कहते हैं कि "हम सभी सीएम के हमारे घर में आने से काफी खुश हैं. हमें ऐसा लगा, हमारे साथ कुछ अलौकिक हो रहा है. जैसे हम कोई त्यौहार मना रहे हो.

सीएम को क्या परोसा : सीएम को हमने स्थानीय पकवान दाल, चावल के साथ ही रोटी कढ़ी, चौलाई भाजी, जिमी कांदा परोसा. सभी स्थानीय स्तर पर मिले थे. कुछ राशन का सामान अधिकारियों ने भी दिया था. वह अपने साथ बर्तन भी लेकर आए थे. कांसे के बर्तन थे, चम्मच, कटोरी, थाली सभी बाहर से ही अधिकारियों ने दिए थे. विभाग का तो मुझे पता नहीं है, अब सीएम के जाने के बाद वह सभी बर्तनों की गिनती कर इसे भी वापस लेकर जा रहे हैं".

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3 दिन से कर रहे थे तैयारी : घर की बहू संतोषी ने बताया कि "हम सभी पिछले 3 दिन से खाने-पीने की तैयारी में लगे हुए थे. हमने घर में ही 4 से 5 सदस्यों ने मिलकर भोजन तैयार किया". घर के बड़े बेटे छतराम ने कहा कि ''घर में मेला लगा हुआ था. डॉक्टर की एक टीम भी घर में बैठी हुई थी. जिनकी देखरेख में ही सारे पकवान तैयार किए गए थे. कुछ राशन का सामान बाहर से भी आया था. हम सभी ने मिलजुल कर सीएम के साथ ही लगभग 10 से 12 लोगों को भोजन करवाया".

Last Updated : Jan 19, 2023, 9:21 PM IST
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