कोरबा: जिले में हाथियों का आतंक नहीं थम रहा है. जंगली हाथियों के झुंड ने एक 84 वर्षीय बुजुर्ग महिला को कुचल दिया. पसान वन क्षेत्र के अंतर्गत पंगावा ग्राम पंचायत में सोन कुंवर पर हाथियों ने उस समय हमला किया, जब वह अपने घर के अंदर सो रही थी. लगभग 42 हाथियों का एक झुंड दिन के तड़के गांव के करीब पहाड़ी पर बसी बस्ती बैगापारा में भटक गया. इनमें से कुछ हाथी पीड़ित के घर में घुस गए और एक कमरे में रखे बाजरे को खाने लगे. परिवार के अन्य सदस्य घर से भागने में सफल रहे, लेकिन उसी कमरे में सो रही कुंवर की कुचलकर मौत हो गई.
कोरबा में हाथियों का आतंक: कोरबा में हाथियों का आतंक नहीं थम रहा है. रविवार को कटघोरा वनमंडल के ही चोटिया कोयला खदान के डंपिंग एरिया में हाथी के हमले में दो महिलाओं की मौत हो गई और एक पुरुष घायल हो गया. कटघोरा वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) कुमार निशांत ने कहा कि पसान वन क्षेत्र मृतक के परिजनों को 25,000 रुपये की राहत राशि दी गई है, जबकि बाकी मुआवजा आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद दी जाएगी. हाथियों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए वन कर्मियों को तैनात किया गया है.
" हाथियों का झुंड पिछले कई दिनों से क्षेत्र में घूम रहा है और ग्रामीणों को इसके बारे में सतर्क कर दिया गया है. 42 हाथियों में से 35 आज सुबह पंगावा से पाली ग्राम पंचायत की ओर चले गए, जबकि सात अलग हो गए और घटना के बाद कोरबी वन क्षेत्र की ओर चले गए.'' -कुमार निशांत, डीएफओ
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छत्तीसगढ़ में मानव हाथी संघर्ष: छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में मानव हाथी संघर्ष, पिछले एक दशक से चिंता का कारण रहा है. पिछले कुछ वर्षों में यह खतरा धीरे धीरे मध्य क्षेत्र के कुछ जिलों में फैल गया है. सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, बालोद, बलरामपुर और कांकेर जिले इस खतरे का सामना कर रहे हैं. वन विभाग के मुताबिक पिछले तीन सालों में राज्य में हाथियों के हमलों में 230 से ज्यादा लोग मारे गए.
(Source PTI)