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स्कूल ड्रेस मामले में शिक्षा विभाग ने झूठी जानकारी देकर सांसद को भी किया गुमराह - मुफ्त ड्रेस

कोरबा में स्कूस शिक्षा विभाग (School Education Department) की बड़ी लापरवाही सामने आई है. कोरबा में गरीब बच्चों को शत-प्रतिशत गणवेश का वितरण बताया गया. लेकिन शहर के दादर स्थित विकासखंड शिक्षा अधिकारी (Block Education Officer) के कार्यालय में पदस्थ बाबू के मकान में सैकड़ों की तादाद में गरीब बच्चों के गणवेश कचरे की तरह डंप किए गए हैं. इससे चौकाने वाली बात ये है कि सांसद को भी बैठक में इस बात की गलत जानकारी दी गई है.

school dress case
गणवेश मामला
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Published : Jun 11, 2021, 10:49 PM IST

कोरबा: स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में बना रहता है. इस बार मामला सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों को बांटे जाने वाले मुफ्त ड्रेस (free school dress) को लेकर फंस गया है. 1 दिन पहले ETV भारत ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी (Block Education Officer) के कार्यालय में पदस्थ एक क्लर्क के निर्माणाधीन मकान में गणवेश कचरे की तरह डंप किए जाने के मामले को उजागर किया था. अब एक और सनसनीखेज जानकारी सामने आ रही है. जिसके अनुसार जिले के शिक्षा विभाग ने अब से लगभग 6 महीने पहले कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत (Korba MP Jyotsna Mahant) की अध्यक्षता में हुई बैठक में झूठी और भ्रामक जानकारी पेश की थी.

सांसद को बताया कि ड्रेस बांटे जा चुके हैं

जिला स्तर पर विकास कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सांसद की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) का गठन किया गया है. साल में दो बार इसकी बैठक होती है. जिसमें बतौर अध्यक्ष सांसद शामिल होते हैं. कोरबा की वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत जो कि विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत की पत्नी भी हैं. उनकी अध्यक्षता में 19 नवंबर 2020 को दिशा की बैठक हुई थी. इस बैठक में शिक्षा विभाग ने कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के छात्रों को बांटे जाने वाले मुफ्त गणवेश (स्कूल ड्रेस) की जानकारी पेश की थी. जिसके मुताबिक जिले में 1 लाख 48 हजार 683 गणवेश का वितरण किया गया. शत प्रतिशत गणवेश का वितरण किया जाना बताया गया है. अतिरिक्त गणवेश की जरूरत नहीं है यह जानकारी भी सांसद को दी गई है.

EXCLUSIVE: सरकारी स्कूलों में बच्चों को बांटी जाने वाली ड्रेस शिक्षा विभाग के क्लर्क के घर में मिली

जब बांट दिए गणवेश तो बाबू (क्लर्क) के यहां ड्रेस कैसे मिले ?

विभाग में पदस्थ बाबू के घर गरीब बच्चों के गणवेश कहां से पहुंचे ये सवाल अब भी बरकरार है. जिसका जवाब किसी के पास नहीं है. शिक्षा विभाग ने सांसद को भी झूठी जानकारी देकर गुमराह किया है.

आंकड़ों की बाजीगरी से जनप्रतिनिधि भी होते हैं गुमराह

शासन करने का काम सरकार करती है, लेकिन निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी सरकारी अफसर गुमराह कर देते हैं. जनप्रतिनिधि कभी भी धरातल पर जाकर योजनाओं के क्रियान्वयन की कड़ाई से समीक्षा नहीं करते. अफसर जो जानकारी जनप्रतिनिधियों को पेश करते हैं उसे मान लिया जाता है. यह प्रश्न भी नहीं पूछा जाता कि जो जानकारी पेश की जा रही है, वह सत्यता की कसौटी पर कितनी खरी है.

विकासखंड वार इतने गणवेश का वितरण

विकासखंड वितरित गणवेश
कोरबा शहरी 8766
कोरबा ग्रामीण 46990
करतला 20469
कटघोरा 18762
पाली 26545
पोड़ी उपरोड़ा 27151

हथकरघा संघ से मिलती है ड्रेस

शिक्षा विभाग को छत्तीसगढ़ हथकरघा संघ (Chhattisgarh Handloom Association) से गणवेश प्राप्त होते हैं. जिले में शिक्षा विभाग की सरकारी मशीनरी विद्यार्थियों तक गणवेश पहुंचाने का काम करती है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी कोरबा संजय अग्रवाल के मुताबिक मौजूदा सत्र में स्कूलों का संचालन नहीं हो रहा है. इसलिए इस सत्र में कोई भी गणवेश प्राप्त नहीं हुए हैं. न ही कोई जानकारी है, पिछले सत्र में जितने ड्रेस मिले थे. सभी का वितरण कर लिया गया है.

कोरबा: स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में बना रहता है. इस बार मामला सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चों को बांटे जाने वाले मुफ्त ड्रेस (free school dress) को लेकर फंस गया है. 1 दिन पहले ETV भारत ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी (Block Education Officer) के कार्यालय में पदस्थ एक क्लर्क के निर्माणाधीन मकान में गणवेश कचरे की तरह डंप किए जाने के मामले को उजागर किया था. अब एक और सनसनीखेज जानकारी सामने आ रही है. जिसके अनुसार जिले के शिक्षा विभाग ने अब से लगभग 6 महीने पहले कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत (Korba MP Jyotsna Mahant) की अध्यक्षता में हुई बैठक में झूठी और भ्रामक जानकारी पेश की थी.

सांसद को बताया कि ड्रेस बांटे जा चुके हैं

जिला स्तर पर विकास कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सांसद की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) का गठन किया गया है. साल में दो बार इसकी बैठक होती है. जिसमें बतौर अध्यक्ष सांसद शामिल होते हैं. कोरबा की वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत जो कि विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत की पत्नी भी हैं. उनकी अध्यक्षता में 19 नवंबर 2020 को दिशा की बैठक हुई थी. इस बैठक में शिक्षा विभाग ने कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के छात्रों को बांटे जाने वाले मुफ्त गणवेश (स्कूल ड्रेस) की जानकारी पेश की थी. जिसके मुताबिक जिले में 1 लाख 48 हजार 683 गणवेश का वितरण किया गया. शत प्रतिशत गणवेश का वितरण किया जाना बताया गया है. अतिरिक्त गणवेश की जरूरत नहीं है यह जानकारी भी सांसद को दी गई है.

EXCLUSIVE: सरकारी स्कूलों में बच्चों को बांटी जाने वाली ड्रेस शिक्षा विभाग के क्लर्क के घर में मिली

जब बांट दिए गणवेश तो बाबू (क्लर्क) के यहां ड्रेस कैसे मिले ?

विभाग में पदस्थ बाबू के घर गरीब बच्चों के गणवेश कहां से पहुंचे ये सवाल अब भी बरकरार है. जिसका जवाब किसी के पास नहीं है. शिक्षा विभाग ने सांसद को भी झूठी जानकारी देकर गुमराह किया है.

आंकड़ों की बाजीगरी से जनप्रतिनिधि भी होते हैं गुमराह

शासन करने का काम सरकार करती है, लेकिन निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी सरकारी अफसर गुमराह कर देते हैं. जनप्रतिनिधि कभी भी धरातल पर जाकर योजनाओं के क्रियान्वयन की कड़ाई से समीक्षा नहीं करते. अफसर जो जानकारी जनप्रतिनिधियों को पेश करते हैं उसे मान लिया जाता है. यह प्रश्न भी नहीं पूछा जाता कि जो जानकारी पेश की जा रही है, वह सत्यता की कसौटी पर कितनी खरी है.

विकासखंड वार इतने गणवेश का वितरण

विकासखंड वितरित गणवेश
कोरबा शहरी 8766
कोरबा ग्रामीण 46990
करतला 20469
कटघोरा 18762
पाली 26545
पोड़ी उपरोड़ा 27151

हथकरघा संघ से मिलती है ड्रेस

शिक्षा विभाग को छत्तीसगढ़ हथकरघा संघ (Chhattisgarh Handloom Association) से गणवेश प्राप्त होते हैं. जिले में शिक्षा विभाग की सरकारी मशीनरी विद्यार्थियों तक गणवेश पहुंचाने का काम करती है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी कोरबा संजय अग्रवाल के मुताबिक मौजूदा सत्र में स्कूलों का संचालन नहीं हो रहा है. इसलिए इस सत्र में कोई भी गणवेश प्राप्त नहीं हुए हैं. न ही कोई जानकारी है, पिछले सत्र में जितने ड्रेस मिले थे. सभी का वितरण कर लिया गया है.

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