कोरबा: कटघोरा के कोनकोना निवासी 24 वर्षीय दिनेश कंवर मंगलवार की दोपहर बाइक से बैंक पहुंचा. जो कि चंद्रप्रकाश सिंघानिया के निजी संस्थान में ड्राइवर का काम करता है. वह संस्था द्वारा दिए गए 1 लाख 35 हजार रुपये बैंक में डिपॉजिट करने पहुंचा था. बैंक पहुंचने के कुछ देर बाद ही उसने खुद कटघोरा थाना पहुच कर पैसों के लूट हो जाने की सूचना पुलिस को दी. युवक ने बताया कि दो युवक उसके पास आए और हाथ से पैसे छीनकर भाग निकले. युवक ने पुलिस को बताया वो कटघोरा निवासी एक व्यवसाई के यहां काम करता है, पैसे उसी व्यवसाई के संस्था के हैं.
लूट की सूचना से हड़कंप, हरकत में आई पुलिस: लूट की सूचना मिलते ही आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया. पुलिस ने जांच शुरू कर दी और मुख्य मार्गों पर नाकाबंदी की तैयारी भी शुरू कर दी गयी. कटघोरा थाना प्रभारी अश्वनी राठौर मामले को गंभीरता से लेते हुए टीम के साथ बैंक पहुंचे. बैंक प्रबंधन से बातचीत की, तो लूट जैसी कोई घटना नहीं होने की बात सामने आई. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला. जिसमें लूट की सूचना देने वाला निजी संस्थान का कर्मचारी दो अन्य युवकों से बातचीत करते हुए नजर आया.
पुलिस को हुआ सूचना देने वाले युवक पर ही संदेह: पुलिस ने जानकारी दी कि बैंक के सीसीटीवी फुटेज में लूट जैसी कोई घटना नजर नहीं आई. यहीं से सूचना देने वाले युवक पर ही संदेह हुआ. लूट के संबंध में अब स्वयं को पीड़ित बताने वाले दिनेश कंवर से पूछताछ शुरु हुई. सवाल पूछे जाने पर युवक गोलमोल जवाब देने लगा. पुलिस युवक को लेकर बस स्टैंड में लूट की घटनास्थल पेट्रोल टंकी पहुंची. जहां संदेही युवक बेहोश होकर गिर पड़ा.
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जांच में सामने आए झूठी कहानी: जब युवक ने बेहोश होने का ड्रामा किया, तब पुलिस का संदेह यकीन में बदलने लगा. इस संबंध में कटघोरा टीआई अश्वनी राठौर ने बताया कि "1 लाख 35 हजार रुपये के लूट की सूचना देने वाले युवक दिनेश कंवर की कहानी पर शुरू से ही पुलिस को संदेह था. युवक द्वारा बताए गए घटनास्थल और अन्य बातों में झूठ झलक रहा था. युवक ने संभवतः पैसे हड़पने के नियत से ही झूठी कहानी रची थी. मामले की विस्तृत जांच जारी है."