कोरबा: कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने होली से पूर्व नाइट कर्फ्यू प्रभावशील किया था. इसी के साथ जारी कोरोना गाइडलाइन से खड़ी हुई परेशानियों ने साउंड, लाईट और डीजे व्यवसायियों को चिंतित कर दिया है. जीविका पर आए संकट का हवाला देते हुए एसोसिएशन के सदस्यों ने परिजनों के साथ कलेक्टोरेट के सामने जमकर प्रदर्शन किया. स्थिति ऐसी बन गई कि पुलिस अधीक्षक की गाड़ी को यहां पीछे हटना पड़ा.
डीजे कारोबारियों ने व्यवसाय को बाधित किए जाने पर सवाल खड़े किए है. इस पर पुनर्विचार करने की मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. इस दौरान धारा 144 का उल्लंघन किए जाने की बात कहते हुए बहस की स्थिति बन गई. सदस्यों को पुलिस चौकी भेज दिया गया था.
स्टाफ नर्स की भर्ती में स्थानीय को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर प्रदर्शन
कलेक्टोरेट के सामने प्रदर्शन
कलेक्टोरेट के सामने प्रदर्शन करते हुए कारोबारियों ने अपनी मांग रखी है. उन्होंने है कि इस व्यवसाय से सैकड़ों लोग सीधे जुड़े हुए हैं. उनके साथ बड़ी संख्या में कर्मचारी भी शामिल हैं. इस काम के जरिए होने वाली आय से इन लोगों के परिवार की जीविका चलती है. कोरोना के नाम से डीजे, लाईट और साउण्ड से संबंधित काम-काज को बैन किया गया है. नाइट कर्फ्यू के कारण आयोजन में खलल पड़ रहा है. लोगों को धंधा चौपट हो रहा है.
डीजे बॉक्स का दहन
प्रदर्शन की जानकारी होने पर तहसीलदार को बातचीत के लिए मौके पर भेजा गया. लेकिन मसला नहीं सुलझ सका. उग्र प्रदर्शन करते हुए कारोबारियों ने डीजे बॉक्स को कलेक्ट्रेट गेट के सामने आग के हवाले कर दिया. भीड़ के प्रदर्शन को बढ़ता देख नायाब तहसीलदार सोनू अग्रवाल मौके पर पहुंचे उनकी मांगो को सुनने के लिए 2 दिन बाद का समय दिया है. बैठक के बाद किसी भी तरह का निर्णय लिया जाएगा.